HBSE Class 9 Hindi Naitik Siksha Important Questions 2024 PDF – नैतिक शिक्षा

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HBSE Class 9 Hindi Naitik Siksha Important Question Answer 2023-2024


HBSE Class 9 Chapter 1 ईश-वंदना Important Question Answer 2024


प्रश्न 1. ‘मोहक छटा तुम्हारी’ में प्रभु की किस छटा की बात की गई है?

उत्तर – ‘मोहक छटा तुम्हारी’ में प्रभु के कण-कण में समाने के बाद चारों तरफ मन को हर लेने वाली सुंदरता की बात की गई है।


HBSE Class 9 Chapter 2 जीवन को दे नया आयाम : प्राणायाम Important Question Answer 2024


प्रश्न 1. प्राणायाम से क्या अभिप्राय है?

उत्तर – प्राणायाम दो शब्दों से मिलकर बना है- प्राण और आयाम प्राण अर्थात् जीवन शक्ति और आयाम अर्थात् नियमन। इस प्रकार प्राणायाम का तात्पर्य हुआ जीवन शक्ति का नियमन। निरन्तर अभ्यास के द्वारा सांस पर नियन्त्रण करके जीवन शक्ति को बढ़ाना ही प्राणायाम है।


प्रश्न 2. योग के अन्तर्गत आसन व प्राणायाम का क्या स्थान है? Most Important

उत्तर – योग के कुल आठ अंग हैं, इसी कारण इसे अष्टांग योग कहा जाता है। इसका तीसरा और चौथा अंग क्रमश: आसन और प्राणायाम होते हैं। अगर हम प्राणायाम के लिए 20-25 मिनट और अपनी ज़रूरत के अनुसार कुछ आसनों के लिए 10-15 मिनट समय निकाल लें तो स्वस्थ जीवन जीना हमारा स्वप्न नहीं अपितु यथार्थ बन जाए।


प्रश्न 3. यौगिक क्रियाएँ हमें किस प्रकार असीम आनन्द प्रदान करती हैं?

उत्तर – शरीर के आन्तरिक विकारों को दूर कर मन एवं चित्त को स्थिर करने के लिए विकसित यौगिक प्रक्रिया ही योग कहलाती है। योग अन्तःकरण को शुद्ध कर असीम आनन्द प्रदान करता है।


प्रश्न 4. प्राणायाम करते समय किन सावधानियों की आवश्यकता है?

उत्तर – प्राणायाम करते समय हमें निम्नलिखित सावधानियां बरतनी चाहिए —

  • प्राणायाम करते समय शरीर के किसी भी हिस्से में तनाव नहीं रहना चाहिए।
  • दोनों हाथ दोनों घुटनों पर ज्ञान मुद्रा की स्थिति में रखने चाहिए।
  • इसे प्रारम्भ करने से पूर्व थोड़ी देर श्वास को स्वाभाविक रूप से लेकर सम व शान्त करें। शरीर को ढीला कर लें व चारों ओर से विचारों को हटाकर मन को एकाग्र कर लें।

प्रश्न 5. आन्तरिक व बाह्य कुम्भक में क्या अन्तर है? Most Important

उत्तर – कुम्भक अर्थात् श्वास को अन्दर या बाहर रोकना। अन्दर श्वास भरकर रोकना आन्तरिक कुम्भक व श्वास बाहर निकालकर रोकना बाह्य कुम्भक कहलाता है।


प्रश्न 6. कपालभाति प्राणायाम की प्रक्रिया व इसके लाभ बताइए । Most Important

उत्तर – इसके लिए सुखासन, सिद्धासन, पद्मासन या वज्रासन में बैठें। इसमें सिर्फ साँस को बाहर निकालते रहना है। साँस को बाहर निकालते समय पेट को अन्दर की तरफ संकुचित करें। इस प्राणायाम में कोशिश करके साँस अन्दर न लें।

कपालभाति के लाभ :

  • कपालभाति प्राणायाम से रक्त संचरण बढ़ता है व शरीर की बढ़ी चर्बी घटती है।
  • थॉयराइड की समस्या खत्म हो जाती है।
  • सम्पूर्ण पाचन तन्त्र स्वस्थ होता है।
  • बालों तथा त्वचा की कोई समस्या हो तो वह समाप्त हो जाती है।
  • आँख और दाँत की सभी समस्याएँ समाप्त होती हैं और किडनी भी साफ होती है।

प्रश्न 7. सूर्य भेदन प्राणायाम मन व शरीर के लिए किस प्रकार लाभदायक है?

उत्तर – सूर्य भेदन प्राणायाम मन व शरीर के लिए निम्नलिखित प्रकार से लाभदायक है –

  • यह शरीर में ताप पैदा करता है और रक्त का शोधन करता है।
  • रक्त में लाल कणिकाओं को बढ़ाता है।
  • मन को स्वस्थ करता है।
  • पेट और आँतों के रोग दूर होते हैं।
  • नियमित अभ्यास कुष्ठ रोग में लाभदायक है।
  • पिंगला नाड़ी का भेदन कर मस्तिष्क की शक्ति को जगाता है।

HBSE Class 9 Chapter 3 संगति की सूक्तियां Important Question Answer 2024


प्रश्न 1. विद्वानों की संगति परमेश्वर-प्राप्ति में कैसे सहायक होती है?

उत्तर – परमेश्वर विद्वानों की संगति से प्राप्त होता है। विद्वानों की संगति से हमें अच्छे विचार और भगवान के प्रति श्रद्धा के भाव प्राप्त होते हैं और यही सब हमें परमेश्वर प्राप्ति में मदद करते हैं।


प्रश्न 2. पाप, ताप, दीनता आदि विकारों का नाश किससे होता है?

उत्तर – गंगा पाप का, चन्द्रमा ताप का और कल्प वृक्ष दीनता के अभिशाप का अपहरण करता है, परन्तु सत्संग, पाप, ताप और दीनता तीनों का तत्काल नाश कर देता है।


प्रश्न 3. सत्संगति मनुष्य के व्यक्तित्व का परिष्कार करती है। कैसे? Most Important

उत्तर – सत्संगति मनुष्य के व्यक्तित्व का परिष्कार करती है। यह मनुष्य की बुद्धि की जड़ता को हरती है, वाणी में सत्य का संचार करती है, सभी दिशाओं में सम्मान व उन्नति को बढ़ाती है, पाप से दूर करती है तथा हृदय को प्रसन्न रखती है।


प्रश्न 4. उमर खैयाम ने अज्ञानी व्यक्ति की संगति को नरक क्यों कहा है?

उत्तर – अज्ञानी व्यक्ति की संगति हमें हमारे जीवन में तरक्की करने से रोक देती है और साथ ही हमें बुरे कार्यों की तरफ प्रेरित करती है। इसीलिए कवि उमर खैयाम ने अज्ञानी व्यक्ति की संगति को नर्क कहा है।


प्रश्न 5. कबीर ने साधु की संगति और गन्धी की बास (गन्ध) में क्या समानता बताई है?

उत्तर साधू और सत्पुरुषों की संगत ऐसी है जैसे की गन्धी (इत्र बेचने वाला) हरदम अपने साथ इत्र और सुगन्धित प्रदार्थ रखता है वह गंध उसमे भी समां जाती है। यदि कोई गंधी के संपर्क में आता है। गन्धी के पास बैठे तो उसमे भी सुगंध आने लगती है चाहे प्रत्यक्ष रूप से गन्धी कुछ भी नहीं दे। 


प्रश्न 6. रहीम के अनुसार निम्न प्रकृति का व्यक्ति अपने साथी को किस प्रकार संकट में डालता है?

उत्तर – नीच लोगों के साथ रहने से प्रत्येक दिन कुछ न कुछ नुकसान होता है। उसके साथ रहने से लोग हमें भी नीच समझते हैं और उसके द्वारा किए गए बुरे कार्यों की सजा फिर हमें भी मिलती है।


प्रश्न 7. सत्संगति के चार लाभ बताइए । Most Important

उत्तर – (i) सत्संगति व्यक्ति के जीवन में सदाचरण उत्पन्न करती है ।
(ii) इससे व्यक्ति का जीवन अनुशासित हो जाता है ।
(iii) व्यक्ति में ज्ञान का प्रकाश होता है ।
(iv) मनुष्य के मन में बड़ों के प्रति सम्मान का भाव जाग्रत होता है


HBSE Class 9 Chapter 4 प्रेरक प्रसंग Important Question Answer 2024


प्रश्न 1. विनोबा भावे जी खम्भा पकड़ने की घटना के माध्यम से युवक को क्या समझाना चाहते थे?

उत्तर – विनोबा भावे जी खम्भा पकड़ने की घटना के माध्यम से युवक को समझाना चाहते थे कि मदिरा ने तुम्हें नहीं पकड़ रखा; तुमने मदिरा को पकड़ रखा है। तुम स्वयं ही शराब को छोड़ सकते हो। दृढ़ इच्छाशक्ति से तुम गलत आदतों को छोड़ सकते हो।


प्रश्न 2. जिज्ञासु पत्थर को अपने पेट पर अधिक समय तक क्यों नहीं बाँधे रख सका?

उत्तर – हर क्षण उसे परेशानी और थकान महसूस हुई। शाम होते-होते पत्थर का बोझ सँभाले हुए चलना-फिरना उसके लिए असह्य हो उठा। इसीलिए जिज्ञासु पत्थर को अपने पेट पर अधिक समय तक बांधे नहीं रख सका।


प्रश्न 3. आपके अनुसार माँ की महिमा संसार में किस कारण से गाई जाती है?

उत्तर – माँ अपने गर्भ में पलने वाले शिशु को पूरे नौ माह तक ढोती है और गृहस्थी का सारा काम भी करती है। संसार में माँ के सिवाय कोई इतना धैर्यवान और सहनशील नहीं है इसलिए माँ की महिमा संसार में गाई जाती है।


प्रश्न 4. विनोबा जी के पास आने वाला युवक परेशान क्यों था?

उत्तर – विनोबा जी के पास आने वाला युवक कुसंगति के कारण शराब पीने की बुरी आदत में पड़ चुका था और वह शराब की आदत को छोड़ना चाहता था लेकिन उसके सभी प्रयास विफल हो रहे थे। इसीलिए वह युवक परेशान था।


HBSE Class 9 Chapter 5 ज्ञान सभी को चाहिए Important Question Answer 2024


प्रश्न 1. नास्ति ज्ञानाद् ऋते मुक्तिः, इस पंक्ति का अर्थ स्पष्ट करो।

उत्तर – नास्ति ज्ञानाद् ऋते मुक्तिः, इस पंक्ति का अर्थ है — ज्ञान के बिना मुक्ति नहीं है। मुक्ति दिलाने वाला यह ज्ञान सात्त्विक ही हो।


प्रश्न 2. ज्ञान का क्या महत्त्व है? इसे किस प्रकार पाया जा सकता है?

उत्तर – त्याग-शक्ति पैदा करने के लिए ज्ञान चाहिए। योग सिद्ध व्यक्ति स्वयं ही इसको आत्मा में पा लेता है। यह आवश्यक नहीं कि यह ज्ञान हमें बड़ों से ही प्राप्त हो। यदि हमें अपने छोटों से भी ज्ञान मिले तो उसे प्राप्त करने में संकोच नहीं करना चाहिए।


प्रश्न 3. शारीरिक कमियों के विषय में अष्टावक्र के क्या विचार थे? Most Important

उत्तर – शारीरिक कमियों ने उसको कभी चिन्तित नहीं किया। वह जान चुका था कि शरीर आत्मा के वस्त्र की तरह है। जिस प्रकार फटे-पुराने वस्त्र, मनुष्य को आगे बढ़ने से नहीं रोक सकते, उसी प्रकार शारीरिक कमियों भी बाधक नहीं बन सकती।


प्रश्न 4. अष्टावक्र निर्भीक होने का क्या कारण था? Most Important

उत्तर – निरन्तर ज्ञान-साधना में जुटा रहने वाला अष्टावक्र निर्भीक हो गया। वह जान चुका था कि शरीर आत्मा के वस्त्र की तरह है। जिस प्रकार फटे-पुराने वस्त्र, मनुष्य को आगे बढ़ने से नहीं रोक सकते, उसी प्रकार शारीरिक कमियों भी बाधक नहीं बन सकती।


प्रश्न 5. आपके विचार से राजा जनक के सभासद लज्जित और मौन क्यों थे?

उत्तर – सभी सभासद जानते थे कि शरीर नश्वर है। ज्ञान की चर्चा में शरीर के रूप-रंग का कोई काम नहीं है। रूप-रंग या बनावट तो शरीर के धर्म हैं। आत्मज्ञान से उनका क्या लेना-देना? इतना सब जानते हुए भी सभा के लोग अष्टावक्र की विकलांगता पर हंस रहे थे। इसीलिए सब के सब लज्जित थे और राजा जनक मौन थे।


प्रश्न 6. राजा जनक के मन में ‘चर्मकारों की सभा’ वाली उक्ति क्यों खटक रही थी? Most Important

उत्तर – जिस प्रकार चर्मकार लोगों का उपहास उड़ाते हैं क्योंकि उन्हें कोई ज्ञान नहीं होता है। उसी प्रकार जब अष्टवक्र का सभा में मजाक बनाया जा रहा था तब उसने उस सभा को चर्मकारों की सभा कहा था। इसके उत्तर में सभी सभापति और राजा जनक भी मौन थे। इसीलिए राजा जनक के मन में चर्मकारों की सभा वाली बात खटक रही थी।


प्रश्न 7. राजा जनक ने अनेक विद्वानों को बन्दी क्यों बनाया था व बाद में उन्हें क्यों मुक्त कर दिया ?

उत्तर – राजा जनक ने घोषणा करवाई कि जो विद्वान महाराज को ज्ञानोपदेश देकर सन्तुष्ट कर देगा, उसे आधा राज्य और बहुत-सा धन दिया जाएगा: यदि ज्ञानोपदेश सन्तोषजनक नहीं हुआ तो उसे कारागार में डाल दिया जाएगा। अष्टावक्र के पिता भी जनक के सभागार में गए परन्तु सन्तोषजनक ज्ञानोपदेश न दे पाने के कारण अन्य विद्वानों के साथ कारागार में डाल दिए गए। बाद में अष्टवक्र ने राजा जनक को संतोषजनक ज्ञानोपदेश दिया जिसके कारण राजा जनक ने अपनी गलती समझते हुए उन सभी विद्वानों को मुक्त कर दिया।


HBSE Class 9 Chapter 6 म्लेच्छ बंस का सेर सिवराज Important Question Answer 2024


प्रश्न 1. शिवाजी के व्यक्तित्व-निर्माण में उनकी माँ की क्या भूमिका थी?

उत्तर –  शिवाजी की माता जीजाबाई अपने पुत्र शिवाजी को रामायण और महाभारत की अनेक कथाएँ सुनाया करती थी। उनकी मां ने उन्हें सभी धर्मों का आदर करना सिखाया। इसीलिए शिवाजी भी माता और भवानी माँ को छोड़कर किसी के सामने अपना मस्तक नहीं झुकाता था।


प्रश्न 2. पाठ के किस प्रसंग से पता चलता है कि शिवाजी बचपन से ही निर्भीक और साहसी थे? Most Important

उत्तर –  एक बार शाहजी बालक शिवाजी को बीजापुर के बादशाह के दरबार में ले गए। शाहजी ने बालक शिवाजी से कहा, “तुम बादशाह को झुककर सलाम करो।” पर शिवाजी ने न तो सलाम किया, न झुककर नम्रता प्रकट की। शाहजी ने जब डॉंट-फटकार की, तो शिवाजी ने उत्तर दिया, “आपको तो मालूम है कि मैं अपनी माता और भवानी माँ को छोड़कर किसी के सामने अपना मस्तक नहीं झुकाता।” इस प्रसंग से हमें पता चलता है कि शिवाजी बाल्यावस्था से ही बड़े साहसी और निर्भीक थे।


प्रश्न 3. औरंगजेब की कैद से मुक्त होने के लिए शिवाजी ने क्या उपाय किया?

उत्तर – जब औरंगजेब ने शिवाजी को धोखे से बन्दी बना लिया तब शिवाजी अपने पुत्र के साथ मिठाई के टोकरे में छिपकर कैद से बाहर निकल आए।


प्रश्न 4. ‘गढ़ तो आया, पर सिंह चला गया’ शिवाजी का यह कथन किस घटना की ओर संकेत करता है?

उत्तर – कोण्ढाना के दुर्ग को जीतना बड़ा कठिन था, पर माँ की इच्छा थी। शिवाजी ने शीघ्र ही ताना जी को कोण्ढाना के दुर्ग पर आक्रमण करने का आदेश दिया। ताना जी ने दुर्ग पर अधिकार तो कर लिया, पर उन्हें अपने प्राणों की आहुति देनी पड़ी। इस पर शिवाजी ने बड़े ही दुःख के साथ कहा, “गढ़ तो आया, पर सिंह चला गया।”


प्रश्न 5. शिवाजी का राज्याभिषेक कब व किस प्रकार हुआ ?

उत्तर – शिवाजी का राज्याभिषेक 6 जून, 1674 को हिन्दू रीति के अनुसार हुआ। उन्होंने छत्र धारण किया और हाथी पर सवार होकर अपने दल-बल के साथ रायगढ़ के रास्ते से जुलूस निकाला। आगे दो हाथियों के ऊपर दो झण्डे थे, जिनमें एक भगवा झण्डा था, जो श्री गुरु रामदास के गेरुए वस्त्र का टुकड़ा था।


प्रश्न 6. अपने गुरु की झोली में सारा राज्य लिखकर डालने से शिवाजी का क्या मनोभाव प्रकट होता है?

उत्तर – अपने गुरु की झोली में सारा राज्य लिखकर डालने से शिवाजी का यह भाव प्रकट होता है कि उसके लिए राजपाठ महत्वपूर्ण नहीं है। उसके लिए उसका गुरु बहुत अधिक आदरणीय है।


HBSE Class 9 Chapter 7 गणित गौरव ब्रह्मगुप्त Important Question Answer 2024


प्रश्न 1. महान गणितज्ञ ब्रह्मगुप्त का जन्म कब और कहाँ हुआ ?

उत्तर – महान गणितज्ञ ब्रह्मगुप्त का जन्म 598 ई० में भिनमाल, माउण्ट आबू राजस्थान में हुआ।


प्रश्न 2. ब्रह्मगुप्तकृत ‘खण्ड खाद्य’ का मुख्य विषय क्या है?

उत्तर – इस ग्रन्थ में विशेषकर अन्तर्वेशन तथा समतल त्रिकोणमिति एवं गोलीय त्रिकोणमिति दोनों में (ज्या) और (कोटिज्या) के नियम उपलब्ध हैं।


प्रश्न 3. ‘ब्रह्मस्फुट सिद्धान्त’ व ‘खण्ड खाद्य’ का अरबी भाषा में अनुवाद किन ग्रन्थों के रूप में किया गया है?

उत्तर – ‘ब्रह्मस्फुट सिद्धान्त’ व ‘खण्ड खाद्य का अनुवाद अरबी भाषा में ‘सिन्द हिन्द’ और ‘अलठ-अरकन्द’ नामक ग्रन्थों के रूप में किया गया।


प्रश्न 4. ब्रह्मगुप्त का गणित के क्षेत्र में क्या योगदान है?

उत्तर – ब्रह्मगुप्त का सबसे महत्वपूर्ण योगदान चक्रीय चतुर्भुज पर है। उन्होने बताया कि चक्रीय चतुर्भुज के विकर्ण परस्पर लम्बवत होते हैं। ब्रह्मगुप्त ने चक्रीय चतुर्भुज के क्षेत्रफल निकालने का सन्निकट सूत्र तथा यथातथ सूत्र भी दिया है।


HBSE Class 9 Chapter 8 दिव्य चेतना पुरुष रामकृष्ण परमहंस Important Question Answer 2024


प्रश्न 1. रामकृष्ण परमहंस के व्यक्तित्व की विशेषताएँ बताओ। Most Important

उत्तर – रामकृष्ण परमहंस के व्यक्तित्व की विशेषताएं निम्नलिखित हैं –

  • रामकृष्ण परमहंस बचपन से ही हंसमुख और नटखट थे।
  • उनका कंठ स्वर बहुत मधुर था।
  • संगीत और काव्य में उनकी विशेष रूचि थी।
  • वे सभी धर्मों का आदर करते थे।
  • उनमें नारी सुलभ माधुर्य व भावुकता थी।

प्रश्न 2. रामकृष्ण को बचपन में क्या शौक था ?

उत्तर – रामकृष्ण का कण्ठ स्वर बहुत मधुर था। वे श्रीकृष्ण के गाय चराने के गीत बड़ी मधुरता के साथ गाते थे। संगीत और काव्य में उनकी विशेष अनुरक्ति थी। देवी-देवताओं के अभिनय में उन्हें इतने आनन्द की अनुभूति होती थी कि उनकी अपनी सत्ता का लोप हो जाता था।


प्रश्न 3. उन्नीसवीं सदी में भारतीय समाज की जाति व्यवस्था कैसी थी ?

उत्तर – 19वीं सदी में भारतीय समाज में ब्राह्मण का शुद्र से दान लेना असंभव सा था।  उस समय जातीय भेदभाव बहुत अधिक था। जो भी ब्राह्मण शुद्र से दान लेता था उसे समाज से बहिष्कृत किया जा सकता था।


प्रश्न 4. किस घटना से पता चलता है कि रामकृष्ण बचपन से ही दृढ़ निश्चयी थे? Most Important

उत्तर – जब उनके गांव में एक धनी शूद्र ने उनसे आग्रह करके यह वचन ले लिया था कि यज्ञोपवीत के समय वह सबसे पहले उसी का दान स्वीकार करेंगे। जबकि उन दिनों किसी ब्राह्मण का शूद्र से दान लेने के कारण उसे समाज से बहिष्कृत भी किया जा सकता था। इन सब के बावजूद उन्होंने अपनी प्रतिज्ञा पूरी करते हुए उस धनी शूद्र से पहला दान स्वीकार किया। इस घटना से पता चलता है कि रामकृष्ण बचपन से ही दृढ़ निश्चयी थे।


प्रश्न 5. रामकृष्ण ने अपने शिष्यों को क्या सन्देश दिया ?

उत्तर – रामकृष्ण ने अपने शिष्यों को संदेश दिया कि मैंने हिंदू, मुसलमान, ईसाई सभी धर्मों का अनुशीलन किया है। मैंने देखा है कि उस एक भगवान की तरफ सबके कदम बढ़ रहे हैं यद्यपि उनके पथ अलग-अलग हैं।


प्रश्न 6. वेदान्त ज्ञान प्राप्त कर उनकी समझ किस प्रकार विकसित हुई ?

उत्तर – सन 1864 में एक वेदान्तिक पण्डित व साधक तोतापुरी ने उनको वेदान्त की शिक्षा दी। उनकी समझ में आ गया कि साकार और निराकार एक ही सत्ता है, यह वैसे ही एक है, जैसे- दूध और उसकी धवलता, हीरा और उसकी चमक अथवा सर्प और उसकी वक्रता। एक के बिना दूसरे का विचार ही असम्भव है। माँ और ब्रह्म दोनों एक ही हैं।


प्रश्न 7. शिकागो की धर्मसंसद से पूर्व भारत के धर्म-दर्शन और संस्कृति के बारे में यूरोपवासियों के क्या विचार थे?

उत्तर – शिकागो की धर्म संसद से पहले भारत के धर्म दर्शन और संस्कृति के बारे में यूरोप वासियों का मानना था कि भारतीय धर्म दर्शन बहुत पिछड़ा हुआ और तुच्छ है। परंतु स्वामी विवेकानन्द ने शिकागो की धर्म-संसद में वेदान्त और भारतीय संस्कृति की तार्किक व्याख्या कर पूर्वाग्रही यूरोप व अन्य धर्मावलम्बियों के ज्ञान चक्षु खोल दिए थे।


HBSE Class 9 Chapter 9 हमारे त्योहार Important Question Answer 2024


प्रश्न 1. भारत में मनाए जाने वाले प्रमुख त्योहार कौन-कौन से हैं ?

उत्तर – भारत में मनाए जाने वाले प्रमुख त्योहार होली, दिवाली, दशहरा, रक्षाबन्धन, ईद, मुहर्रम व रमज़ान, ईस्टर, क्रिसमस, गुडफ्राइडे, लोहड़ी, बैसाखी, नवरोज, रामनवमी, कृष्ण जन्माष्टमी, गणेश चतुर्थी, गुरुपर्व, बुद्ध- पूर्णिमा, नवरात्र इत्यादि है।


प्रश्न 2. हरियाणा में त्योहारों के अवसर पर किस प्रकार के खेल आयोजित किए जाते हैं?

उत्तर – हरियाणा में त्योहारों के अवसर पर कुश्ती दंगल व कबड्डी जैसे खेलों का आयोजन किया जाता है। इन खेलों की कई दिनों पहले से तैयारी आरम्भ कर दी जाती है। खेल के दौरान बहुत भीड़ जुटती है, जो खिलाड़ियों के मनोबल को बढ़ाती है।


प्रश्न 3. भारत को त्यौहारों का देश क्यों कहा जाता है ? Most Important

उत्तर – भारत को त्योहारों का देश इसलिए कहा जाता है क्योंकि भारत में वर्षभर कोई न कोई त्योहार मनाया जाता रहता है। होली, दीवाली, दशहरा, रक्षाबंधन हिन्दुओं के प्रमुख त्योहार हैं। रमजान, ईद आदि मुस्लिमों के, क्रिसमस ईसाईयों का तथा गुरुपर्व, बैसाखी आदि सिखों के प्रमुख त्योहार हैं ।


HBSE Class 9 Chapter 10 हौसलों की उड़ान Important Question Answer 2024


प्रश्न 1. पिता ने इरा को जीव-विज्ञान विषय लेने से मना क्यों कर दिया?

उत्तर – पिता ने इरा की शारीरिक परेशानी को देखकर उसे जीव विज्ञान विषय लेने से मना कर दिया। उनका कहना है कि मुझे लगा, इरा मेडिकल की पढ़ाई तो कर लेगी, पर खड़े होकर सर्जरी करने में इरा को दिक्कत होगी।


प्रश्न 2. समाज में सदाशयता का भाव कम क्यों हो रहा है?

उत्तर – व्यावसायिक बुद्धि को प्राप्त असन्तुलित सम्मान ने लोगों की संवेदनाओं को शुष्क कर दिया है। इसीलिए शारीरिक चुनौती से जूझते लोगों के प्रति समाज में सदाशयता का भाव कम हो रहा है।


प्रश्न 3. औपचारिक शिक्षण के साथ-साथ शिक्षण संस्थानों की और क्या जिम्मेदारी बनती है?

उत्तर – औपचारिक शिक्षण के साथ-साथ शिक्षण संस्थानों की जिम्मेदारी समाज का सुदृढ़ीकरण व उसका सांस्कृतिक नेतृत्व करना भी है।


प्रश्न 4. किस प्रसंग से पता चलता है कि बचपन से ही इरा के मन में असहाय व मुसीबत में पड़े लोगों के लिए सहानुभूति का भाव था?

उत्तर – इरा ने आठ वर्ष की आयु में उत्तरकाशी के भूकम्प पीड़ितों के लिए अपने गुल्लक के 91 रुपये भिजवाए थे। उसकी इच्छा थी कि वह डॉक्टर बनकर असहाय लोगों की सेवा करे। इस प्रसंग से पता लगता है कि इरा के मन में असहाय व मुसीबत में पड़े लोगों के लिए सहानुभूति का भाव था


प्रश्न 5. सिविल सर्विस की परीक्षा उत्तीर्ण करने पर भी इरा को पोस्टिंग क्यों नहीं मिली? क्या इससे वह निराश हो गई थी?

उत्तर – शारीरिक असामान्यता के कारण सिविल सर्विस की परीक्षा उत्तीर्ण करने पर भी इराकों पोस्टिंग नहीं मिली। इस बात से वह निराश नहीं हुई। वह अपने अधिकार के लिए कोर्ट गई। कोर्ट ने उनके पक्ष में फैसला सुनाते हुए सरकार को उन्हें नौकरी देने का आदेश दिया।


HBSE Class 9 Chapter 11 गिरिधर की कुण्डलियां Important Question Answer 2024


प्रश्न 1. मित्रता के पीछे लोगों की सामान्यतः क्या भावना निहित होती है? Most Important

उत्तर – मित्रता के पीछे लोगों की अपने स्वार्थ सिद्ध करने की भावना निहित होती है। लोग मित्रता के सहारे उसके धन से मतलब रखते हैं जब तक धन रहता है तब तक ही मित्रता बनी रहती है। धन समाप्त होने पर मित्रता भी समाप्त हो जाती है।


प्रश्न 2. कवि गिरिधर ने व्यक्ति को पतले वृक्ष की अपेक्षा मोटे वृक्ष की छाया में बैठने का आग्रह किया है। यहाँ पतले और मोटे वृक्ष, कैसे लोगों के प्रतीक हैं?

उत्तर – यहां पतले वृक्ष निर्धन और कमजोर लोगों के प्रतीक हैं जबकि मोटे वृक्ष से धनी और ताकतवर लोगों के प्रतीक हैं। कवि गिरधर ने पतले वृक्ष की अपेक्षा मोटे वृक्ष की छाया में बैठने के लिए इसीलिए कहा है क्योंकि मुसीबत के समय वही आपके काम आ सकते हैं।


प्रश्न 4. धन के लालच में की गई मित्रता, संकट पड़ने पर काम नहीं आती। कैसे? Most Important

उत्तर – धन के लालच में की गई मित्रता संकट पड़ने पर काम नहीं आती क्योंकि यह मित्रता सिर्फ स्वार्थ सिद्ध करने के लिए की गई होती है। जब वह व्यक्ति उसके किसी काम का नहीं रहता तो मुसीबत के समय में वह उसे छोड़कर चला जाता है।


प्रश्न 5. विवेकसम्मत कार्य करने से क्या लाभ होता है?

उत्तर – विवेक-सम्मत कार्य करने से हमें बाद में पछताना नहीं पड़ता है।


HBSE Class 9 Chapter 12 अभी समय है Important Question Answer 2024


प्रश्न 1. ‘अभी समय है,’ से कवि का क्या तात्पर्य है?

उत्तर – ‘अभी समय है,’ से कवि का तात्पर्य है कि अभी भी हमारे पास समय बचा हुआ है अभी भी कुछ ज्यादा हालात खराब नहीं हुए हैं। अभी भी समय तुम्हारे पास है। अगर तुमको उस काम को करना ही है तो अपने आप को उस काम में लगा दो।


प्रश्न 2. कवि अपने से स्वयं को छलने की बात क्यों कह रहा है?

उत्तर – कवि अपने से स्वयं को छलने की बात इसीलिए कह रहा है क्योंकि हम सिर्फ बेहतरीन समय के सपने देख रहे हैं और कुछ भी कार्य नहीं कर रहे हैं। इस प्रकार हम खुद को ही धोखा दे रहे हैं।


प्रश्न 3. ‘जग-बीच बड़े होने’ से कवि का क्या तात्पर्य है?

उत्तर – ‘जग-बीच बड़े होने’ से कवि का तात्पर्य है कि हम कार्य करके इस संसार में बड़े बन जाए।


प्रश्न 4. आलस्य करने से कवि क्यों रोक रहा है?

उत्तर – समय को बर्बाद करने से कोई भी इस संसार में सुख प्राप्त नहीं करता है। यह सारे बहाने आपसे आपका आलस्य ही करा रहा है इसीलिए आलस्य करने से कवि रोक रहा है।


प्रश्न 5. उचित समय चले जाने पर पछतावा क्यों करना पड़ता है? Most Important

उत्तर – उचित समय चले जाने पर हमें पछतावा इसीलिए करना पड़ता है क्योंकि जब हमारे पास उस कार्य को करने का समय था तो हमने आलस्य की वजह से यह कार्य नहीं किया और अब हम उसकी यादों में ही अपना समय बिता रहे हैं।


प्रश्न 6. मनुष्य कैसे कार्य करने से सुख की अनुभूति करता है?

उत्तर – अच्छे समय पर अपना काम करो जिससे भगवान की प्राप्ति हो। ऐसा करने से मनुष्य सुख की अनुभूति करता है।


HBSE Class 9 Chapter 13 सद्व्यवहार Important Question Answer 2024


प्रश्न 1. सद्व्यवहार से क्या तात्पर्य है ?

उत्तर – अच्छा, भला या उचित व्यवहार सद्व्यवहार कहलाता है सद्व्यवहार का अर्थ है अपने संपर्क में आने वाले हर प्राणी से मन, वचन और कर्म से अच्छा बर्ताव करना।


प्रश्न 2. सद्व्यवहार के अनिवार्य तत्त्व क्या हैं ?

उत्तर – अच्छे भाव, अच्छे विचार और उसके अच्छे कर्म सद्व्यवहार के अनिवार्य तत्त्व हैं।


प्रश्न 3. ईमानदारी को सभी गुणों की बुनियाद कैसे माना गया है? स्पष्ट करो।

उत्तर – एक ईमानदार व्यक्ति सिर्फ दिखावे के लिए नेकी का काम नहीं करता, उसे रंगे हाथ पकड़े जाने का डर नहीं होता, वह दूसरों के साथ कभी घात नहीं करता। ईमानदारी सभी गुणों की बुनियाद है।


प्रश्न 4. अच्छे व्यवहार द्वारा प्रतिकूल परिस्थिति को अपने अनुकूल बनाया जा सकता है, उदाहरण सहित पुष्टि करो।

उत्तर –  सद्व्यवहार से प्रतिकूल परिस्थिति को भी अपने अनुकूल बनाया जा सकता है। उदाहरण के लिए जब परशुराम जी शिव धनुष के टूट जाने पर गुस्सा थे उस समय श्री रामचन्द्र जी के सद्व्यवहार ने उनके गुस्से को शांत किया और प्रतिकूल परिस्थिति को अपने अनुकूल बनाया।


HBSE Class 9 Chapter 14 पर्यावरण संरक्षण Important Question Answer 2024


प्रश्न 1. पर्यावरण से क्या अभिप्राय है?

उत्तर – ‘पर्यावरण’ शब्द परि+आवरण से मिलकर बना है, जिसका अर्थ है- परि (चारों तरफ) आवरण (घेरा)। जो कुछ हमें चारों तरफ से घेरे हुए है, वह सब पर्यावरण है। मिट्टी, जल, वायु, मृदा, प्राणी आदि सभी पर्यावरण के घटक अंग हैं।


प्रश्न 2. ‘जल के सीमित प्रयोग’ से क्या अभिप्राय है?

उत्तर – जल के सीमित प्रयोग से अभिप्राय जल की बर्बादी न करने से हैं। जल हमारा जीवन है और हमें इसे संभाल का इस्तेमाल करना चाहिए। हमें बिना किसी वजह के जल बर्बाद नहीं करना चाहिए क्योंकि इसकी वजह से कुछ ही वर्षों के पश्चात जल की समस्याएं हमें देखने को मिल सकती हैं। जल के सीमित प्रयोग से ही हम अपने आप को बचा सकते हैं।


प्रश्न 3. ‘ध्वनि प्रदूषण न हो इसके लिए आप किन-किन बातों का ध्यान रखते हो? सूची बनाओ। Most Important

उत्तर

  • टी.वी., रेडियो, टेप रिकार्डर आदि की आवाज कम रखें।
  • लाउडस्पीकर लगाने के लिए सरकारी अनुमति की व्यवस्था हो ।
  • आतिशबाजी छोड़ने से परहेज करें।

HBSE Class 9 Chapter 15 बोध कथाएं Important Question Answer 2024


प्रश्न 1. महात्मा बुद्ध की शिक्षाएँ आज भी प्रासंगिक कैसे हैं? Most Important

उत्तर – म चाहे जो भी हों अथवा जहाँ भी रहें, हम सभी सुख चाहते हैं, दुःख नहीं। महात्मा बुद्ध ने सुझाया कि दुःख को दूर करने के लिए हमें यथासम्भव दूसरों की सहायता करनी चाहिए और यदि हम सहायता नहीं कर सकते तो कम से कम किसी को हानि भी न पहुँचाएँ। उनके द्वारा बताया गया यह ज्ञानमार्ग आज भी प्रासंगिक है।


प्रश्न 2. बुद्धदेव ने आपसी शत्रुता समाप्त करने के लिए क्या उपाय सुझाया ?

उत्तर – आपसी शत्रुता के बारे में बुद्ध ने कहा था, “वैर से वैर शान्त नहीं होता । अवैर से ही वैर शान्त होता है।”


प्रश्न 3. महात्मा बुद्ध ने मानव मात्र के दुःख दूर करने के लिए किस मार्ग का प्रतिपादन किया?

उत्तर – उन्होंने मानव मात्र के दुःखों को कम करने के लिए पंचशील और अष्टांगिक मार्ग के जीवन दर्शन का प्रतिपादन किया था।


प्रश्न 4. महात्मा बुद्ध ने बुढ़िया के उपहार को ही दोनों हाथों से क्यों स्वीकार किया ?

उत्तर – बुढ़िया ने अपने मुँह का कौर ही महात्मा बुद्ध को दे दिया। भले ही यह बुढ़िया निर्धन है लेकिन इसे सम्पत्ति की कोई लालसा नहीं है। यही कारण था कि महात्मा बुद्ध ने बुढ़िया के उपहार को दोनों हाथों से स्वीकार किया।


प्रश्न 5. शबरी द्वारा राम को दिए गए जूठे बेर और बुढ़िया द्वारा बुद्ध को दिया गया जूठा अनार, बहुमूल्य उपहारों से अधिक उत्कृष्ट क्यों है? Most Important

उत्तर – बहुत सारे धनी लोग अपने स्वामी या प्रभु को दान देते हैं जिससे उनके जीवन शैली पर कुछ भी प्रभाव नहीं पड़ता। लेकिन जिस प्रकार शबरी के झूठे बेर और बुढ़िया द्वारा बुद्ध को दिया गया झूठा अनार उनका बहुमूल्य पदार्थ था। उनके पास इसके अलावा कुछ भी नहीं था और वह इसे भी अपने स्वामी को दान कर रही थी। इसीलिए इन्हें बहुमूल्य उपहार से अधिक उत्कृष्ट कहा गया है।


HBSE Class 9 Chapter 16 माता का आदर्श Important Question Answer 2024


प्रश्न 1. युद्ध में पराजय का संजय के मन पर क्या प्रभाव पड़ा?

उत्तर – पराजय ने उसका साहस तोड़ दिया। वह निराश होकर घर में पड़ा रहा।


प्रश्न 2. मनुष्य के जीवन की सार्थकता किसमें है?

उत्तर – मनुष्य के जीवन की सार्थकता उसके कर्तव्य पथ पर चलने से हैं। जब साधुजन और मित्रगण उसके आश्रय में रहकर  जीविका प्राप्त करें, उसी मनुष्य का जीवन सार्थक है।


प्रश्न 3. किस प्रकार के व्यक्तियों का जीवन व्यर्थ है?

उत्तर – समाज में जिसके महत्त्व की चर्चा नहीं होती या उत्तम पुरुष जिसे सत्कार के योग्य नहीं मानते, उस प्रकार के व्यक्तियों का जीवन व्यर्थ है।


प्रश्न 4. व्यक्ति के लिए सबसे बड़ा अपयश क्या है?

उत्तर – अपने कर्तव्य से विमुख होकर जीवन जीना और कुल पर कलंक लगना व्यक्ति के लिए सबसे बड़ा अपयश है।


प्रश्न 5. विदुला के उद्गारों से उसके चरित्र की किन विशेषताओं का पता चलता है?

उत्तर – विदुला के उद्गारों से उसके चरित्र की निम्नलिखित विशेषताओं का पता चलता है –

  • विद्यालय के क्षत्राणी स्त्री थी। वह श्रेष्ठ क्षत्रिय कुल की कुलवधू और पत्नी थी।
  • विदुला क्षत्रिय धर्म को अपना परम धर्म समझने वाली स्त्री थी।

प्रश्न 6. कर्मपथ का त्याग करने पर मनुष्य की स्थिति कैसी हो जाती है?

उत्तर – कर्मपथ का त्याग कर मनुष्य इस लोक में अपमान सहे और मरने पर कर्तव्यभ्रष्ट लोगों की अधम गति प्राप्त करता है।


प्रश्न 7. स्नेह और मोह में क्या अन्तर है? स्नेह को श्रेय और मोह को हेय दृष्टि से क्यों देखा जाता है? Most Important

उत्तर – स्नेह और मोह में एक बहुत बड़ा अंतर होता है। मनुष्य स्नेहा करने वाले व्यक्ति के लिए अपना सब कुछ त्यागते हुए उसकी उन्नति चाहता है। वह उसे सदाचारी, परिश्रमी और पराक्रमी बनाना चाहता है। इसके विपरीत मनुष्य जिससे मोह करता है वह उसे हमेशा अपने पास रखना चाहता है। और उसे  कर्तव्यभ्रष्ट करने से भी नहीं रोकता। इसीलिए स्नेह को श्रेय और मोह को हेय दृष्टि से देखा जाता है।


HBSE Class 9 Chapter 17 काक और हंस Important Question Answer 2024


प्रश्न 1. जैसा खाएँगे अन्न वैसा बनेगा मन, काक के सन्दर्भ में इस उक्ति की पुष्टि करो।

उत्तर – काक वैश्या का झूठा खाना खाकर हष्ट पुष्ट हो गया था। वह झूठ खाकर भी अपने साथियों का अपमान किया करता था। उनको कमजोर बताया करता था। काक ने जैसा अन्न खाया था उसका मन भी वैसा ही हो गया


HBSE Class 9 Chapter 18 अपने मित्र बने, शत्रु नहीं Important Question Answer 2024


प्रश्न 1. जीवन की वास्तविक ऊँचाई, उत्थान या बड़प्पन क्या है ?

उत्तर – अच्छी पढाई, अच्छी संगति, अच्छा स्वभाव, अच्छी आदतें-अच्छा जीवन यही है जीवन का उत्थान एवं यही है शिक्षा का सही स्वरूप।


प्रश्न 2. हमें क्या निर्णय लेना है तथा कैसा आत्म निरीक्षण करना है ?

उत्तर – हमें अपना खुले मन से आत्म निरीक्षण करना है और यह निर्णय लेना है कि कुछ बनना है या बिगड़ना। अपने जीवन को ऊंचाइयों तक लेकर जाना है या पतन की ओर।


 

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