NCERT Class 11th Hindi आरोह भाग 1 (i) मेरे तो गिरधर गोपाल, दूसरो न कोई (ii) पग घुंघरू बांधि मीरां नाची Summary for remember Story line in quick and score higher in board exam results. CCL Chapter helps you in it.. Class 11 Hindi Chapter 1 notes, question answer and important questions are also available on our website. NCERT Solution for Class 11 Hindi Chapter 1 Summary of Aroh Bhag 1 (i) Mere to Girdhar Gopal Dusro Na Koi (ii) Pag Ghungru Bandhi Meera Nachi NCERT Solution for CBSE, HBSE, RBSE and Up Board and all other chapters of class 11 hindi gadhy bhaag NCERT solutions are available. (i) Mere to Girdhar Gopal Dusro Na Koi (ii) Pag Ghungru Bandhi Meera Nachi Class 11 NCERT Summary is best way to prepare Chapters for Exams. Meerabai Ke Dohe Class 11 Summary Hindi
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(i) Mere to Girdhar Gopal Dusro Na Koi (ii) Pag Ghungru Bandhi Meera Nachi Class 11 Hindi Summary Chapter 1
(i) मेरे तो गिरधर गोपाल, दूसरो न कोई (ii) पग घुंघरू बांधि मीरां नाची कविता का सार
भक्तिकालीन सगुण भक्ति काव्यधारा में मीरा का अद्वितीय स्थान है। मीरा श्रीकृष्ण की अनन्य उपासिका है। संपूर्ण जीवन मीरा कृष्ण की भक्ति में ही लीन रही। प्रथम पद में मीरा ने कृष्ण को पति रूप में स्वीकार किया है। कृष्ण के प्रति मीरा की प्रेम भावना ही इस पद में उजागर हुई है। मीरा का मानना है कि मोर के मुकुट को धारण करने वाले गिरिधर श्रीकृष्ण ही उनके स्वामी हैं। उनका संसार में कृष्ण के अतिरिक्त दूसरा कोई नहीं है। मीरा ने तो कृष्ण की भक्ति में अपने कुल की मान-मर्यादा को भी भुला दिया है। संतों के पास बैठ-बैठकर मीरा कृष्ण के नाम का रस पान करती हैं उन्हें अब किसी की कोई परवाह नहीं है। उन्होंने अपने आँसुओं के जल से सींच सींचकर कृष्ण प्रेम रूपी बेल को बड़ा किया है। अब उसमें आनंद के फल उगने लगे हैं। मीरा ने कृष्ण रूपी सारयुक्त तत्व को प्राप्त कर अन्य सारहीन अंश को छोड़ दिया है। श्रीकृष्ण की भक्ति में ही मीरा प्रसन्नता का अनुभव करती है, संसार की लोलुपता और नश्वरता को देख मीरा का मन रो पड़ता है। मीरा कृष्ण से अपने उद्धार की प्रार्थना करती है।
दूसरे पद में मीरा के बाह्याडंबरों को त्याग कर कृष्ण में ही लीन हो जाने की भावना वर्णित हुई है। मीरा पांवों में घुंघरू बांध कर कृष्ण के समक्ष नाचते हुए अपनी भक्ति का प्रदर्शन करती है। लोग इस व्यवहार के कारण मीरा को पागल मान कर उसकी निंदा करते हैं। कुल के लोग तो उसे कुलनाशिनी भी कहने लगे हैं । मीरा के कृष्ण के प्रति प्रेम को देख कर राजा ने उसके लिए विष का प्याला भेजा परंतु मीरा ने कृष्ण प्रेम में लीन होकर उस विष के प्याले को भी हँसते हुए पी लिया। मीरा का मानना है कि उसके प्रभु गोवर्धन पर्वत को धारण करने वाले हैं। वे कभी नष्ट न होने वाली अविनाशी परमेश्वर भक्तों को बड़ी सरलता से प्राप्त हो जाते हैं। जो उनसे प्रेम करता है भगवान् की प्राप्ति उन्हें सहज रूप से हो जाती है।