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Ve Aankhen Class 11 Hindi Question Answer
वे आंखें प्रश्न उत्तर
प्रश्न 1. अंधकार की गुहा सरीखी
उन आँखों से डरता है मन।
(क) आमतौर पर हमें डर किन बातों से लगता है ?
(ख) उन आँखों से किसकी ओर संकेत किया गया है ?
(ग) कवि को उन आँखों से डर क्यों लगता है ?
(घ) डरते हुए भी कवि ने उस किसान की आँखों की पीड़ा का वर्णन क्यों किया है ?
(ङ) यदि कवि इन आँखों से नहीं डरता क्या तब भी वह कविता लिखता ?
उत्तर –
(क) आमतौर पर हमें अंधकार से भरी गुफ़ाओं एवं उन भावों से डर लगता है जिनका सामना करने की क्षमता हम में नहीं होती।
(ख) उन आँखों से शोषण से पीड़ित किसान की ओर संकेत किया गया है।
(ग) उन आँखों में करुणा, पीड़ा, दीनता के भाव भरे हुए हैं। कवि में उनका सामना करने की सामर्थ्य नहीं है इसलिए कवि को उन आँखों से डर लगता है।
(घ) कवि किसान की दैन्य अवस्था तथा समाज के लोगों के उपेक्षापूर्ण व्यवहार को सबके समक्ष इसलिए डरते हुए भी कवि ने उस किसान की आँखों की पीडा का वर्णन किया है।
लाना चाहता है
(ङ) किसान की आँखों से झलकते करुणा एवं पीड़ा के भाव कवि के मर्मस्पर्शी हृदय को आहुत करते हैं। कवि उनकी उपेक्षा नहीं कर पाता। वह कविता के माध्यम से उन्हें अवश्य अभिव्यक्त करता।
प्रश्न 2. कविता में किसान की पीड़ा के लिए किन्हें ज़िम्मेदार बताया गया है ?
उत्तर – कविता में किसान की पीड़ा के लिए जमींदार एवं महाजन को ज़िम्मेदार ठहराया गया है। किसान पर अत्याचार करते हुए तमोदार ने उसे उसके खेतों से बेदखल कर दिया। अपने कारिंदों के द्वारा किसान के बेटे को लाठियों से मरवा डाला। महाजन ने भी ब्याज की कौड़ी-कौड़ी प्राप्त करने के लिए किसान के बैलों की जोड़ी तथा गाय को नौलाम कर दिया। कवि ने माना है कि किसान की पीड़ा के लिए समाज में रहने वाले लोग भी जिम्मेदार हैं। कोतकात ने न्याय करने की अपेक्षा उसकी पुत्रवधू पर ही कुदृष्टि डाली। समाज को अन्न प्रदान करने वाले कृषक से सारा संसार किनारे की भांति अलग हो कर तमाशा देखता रहा और किसान अकेला ही पीड़ा को झेलता हुआ भीतर ही
भीतर घुटता रहा।
प्रश्न 3. “पिछले सुख की स्मृति आँखों में क्षण भर एक चमक है लाती-इस में किसान के किन पिछले सुखों की ओर संकेत किया गया है ?
उत्तर – किसान सुख से जीवन व्यतीत कर रहा था। उसके पास अपने खेत थे जिनमें वह अपना खून पसीना एक करके अनाज पैदा करता था लहलहाती हरी-भरी फसलों को देख वह फूला न समाता था घर में बैलों की जोड़ी थी। दूध देने वाली गाय थी जिससे किसान इतना प्रेम करता था कि वह केवल किसान को ही अपना दूध दुहने देती थी। किसान का भरा-पूरा परिवार था। एक जवान बेटा और बहू थे। किसान की देखभाल करने वाली उसकी पत्नी। वह सुख और संतुष्टि से अपने परिवार के साथ सुखपूर्वक जीवन व्यतीत कर रहा था परंतु सब कुछ शोषक वर्ग की भेंट चढ़ गए। इसी सुख की स्मृतियाँ किसान की आँखों में क्षण भर के लिए चमक ले आती थीं।
प्रश्न 4. संदर्भ सहित आशय स्पष्ट करें
(क) उजरी उसके सिवा किसे कब
पास दुहाने आने देती ?
(ख) घर में विधवा रही पतोहू
लछमी थी, यद्यपि पति घातिन,
(ग) पिछले सुख की स्मृति आँखों में
क्षण भर एक चमक है लाती,
तुरत शून्य में गड़ वह चितवन
तीखी नोक सदृश बन जाती।
उत्तर – (क) किसान के पास उजरी नामक उसकी श्वेत गाय थी जिससे वह बहुत प्रेम करता था। महाजन ने ब्याज को कौड़ी-कौड़ी वसूलने के लिए किसान की बैलों की जोड़ी तथा गाय को नीलाम कर दिया था किसान को अपनी प्यारी गाय की याद आ रही है कि वह गाय उससे इतना प्रेम करती थीं कि दूध दुहने के लिए वह किसान के अतिरिक्त किसी को अपने पास नहीं आने देती थी। आज सब कुछ शोषक महाजन ठससे छीन कर ले गया है।
(ख) जमीदार के कारिंदों ने किसान के जवान बेटे को लाठियों से पीट-पीट कर मार डाला था। यह शोषक जमींदार के अत्याचारों की पराकाष्ठा थी। अब किसान के घर में उसकी विधवा पुत्रवधू रह गई थी। जो कहने को तो नाम से
लक्ष्मी थी परंतु वैसे पति को खाने वाली थी। कवि ने इन पंक्तियों में समाज में विधवाओं के प्रति अपनाये जाने वाले दृष्टिकोण को व्यक्त किया है। कोई कसूर न होते हुए भी किसान की पुत्रवधू को पति घातिन होने का कलंक सहना पड़ रहा था।
(ग) किसान की आँखों में दीनता, करुणा और पीड़ा के भाव थे उसका सब कुछ शोषक वर्ग से संबंधित जमींदार और महाजन की भेंट चढ़ गया था। किसान को अपने भरे पूरे परिवार में अपनी पत्नी, बेटे, बहू, बैलों की जोड़ी, गाय,
हरे-भरे खेतों की याद आती है जिसमें वह सुखपूर्वक जीवन व्यतीत करता था पिछले भोगे गए सुख की यह याद किसान की आँखों में क्षण भर के लिए चमक ले आती है। परंतु फिर वास्तविकता का आभास होते ही यह चमक शून्य में विलुप्त हो जाती है और तीखी नोक की भांति किसान के सीने में चुभ कर उसके हृदय को छलनी कर देती हैं। किसान फिर से पीड़ा से आहत हो उठता है और उसकी आँखों में दैन्यता और करुणा के भाव उमड़ने लगते हैं।