1857 ई. की महान क्रांति Class 8 इतिहास Chapter 9 Important Question Answer – हमारा भारत III HBSE Solution

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HBSE Class 8 इतिहास / History in hindi 1857 ई. की महान क्रांति / 1857 ki mahan kranti of Chapter 9 Important Question Answer in Hamara Bharat III Solution.

1857 ई. की महान क्रांति Class 8 इतिहास Chapter 9 Important Question Answer


प्रश्न 1. 1857 ई. की महान क्रान्ति के लिए उत्तरदायी राजनैतिक कारण क्या थे?

उत्तर – 1857 ई. की महान क्रांति के लिए निम्नलिखित राजनीतिक कारण उत्तरदायित्व थे-

  • अंग्रेज़ों द्वारा मुगल सम्राट बहादुरशाह ज़फर को लाल किला छोड़ने के आदेश देना।
  • मुगल सम्राट का सिक्कों पर नाम अंकित न किया जाना।
  • नाना साहब की पैंशन बंद करना।
  • झांसी का अंग्रेज़ी साम्राज्य में विलय करना।
  • अवध पर कुप्रबंधन का आरोप लगाकर अंग्रेज़ी साम्राज्य में विलय करना।

प्रश्न 2. 1857 ई. की महान क्रान्ति के लिए उत्तरदायी सामाजिक कारण क्या थे?

उत्तर – 1857 ई. की महान क्रांति के लिए निम्नलिखित सामाजिक कारण उत्तरदायित्व थे-

  • भारतीयों को बलपूर्वक ईसाई बनाना।
  • मैकाले द्वारा शिक्षा का माध्यम अंग्रेजी बनाना ।
  • सरकारी स्कूलों में बाईबल का अध्ययन अनिवार्य करना।
  • रंग एवं नस्ल के आधार पर भारतीयों का अपमान करना।
  • सामाजिक एवं धार्मिक रीति-रिवाजों में अनुचित हस्तक्षेप करना।

प्रश्न 3. 1857 ई. की महान क्रान्ति के लिए उत्तरदायी धार्मिक कारण क्या थे?

उत्तर – 1857 ई. की महान क्रांति के लिए निम्नलिखित धार्मिक कारण उत्तरदायित्व थे-

  • भारतीयों को बलपूर्वक ईसाई बनाना।
  • मैकाले द्वारा शिक्षा का माध्यम अंग्रेजी बनाना ।
  • सरकारी स्कूलों में बाईबल का अध्ययन अनिवार्य करना।
  • रंग एवं नस्ल के आधार पर भारतीयों का अपमान करना।
  • सामाजिक एवं धार्मिक रीति-रिवाजों में अनुचित हस्तक्षेप करना।

प्रश्न 4. 1857 ई. की महान क्रान्ति के लिए उत्तरदायी सैनिक कारण क्या थे?

उत्तर – 1857 ई. की महान क्रांति के लिए निम्नलिखित सैनिक कारण उत्तरदायित्व थे-

  • भारतीय सैनिकों को कम वेतन देना।
  • भारतीय सैनिकों के योग्य होने के बावजूद भी सेना में उच्च पदों से वंचित रखना।
  • अंग्रेजी साम्राज्य में विलय किये गये राज्यों के सैनिकों का बेरोजगार होना।
  • भारतीय सैनिकों को समुद्र पार भेजना।
  • चर्बी वाले कारतूसों का प्रयोग अनिवार्य करना।
  • मंगल पांडे को फांसी देना।

प्रश्न 5. 1857 ई. की महान क्रान्ति के लिए उत्तरदायी तत्कालीन कारण क्या थे?

उत्तर – 1856 ई. में कम्पनी सरकार ने सेना में पुरानी बन्दूकों (ब्राऊन बेस) के स्थान पर नवीन बन्दूकें (एनफील्ड राइफल) सैनिकों को दे दी। इन बन्दूकों में प्रयुक्त होने वाले कारतूसों को मुंह से छीलना पड़ता था। इन कारतूसों को चिकना करने के लिए गाय व सूअर की चर्बी का प्रयोग किया जाता था। यह सूचना जब भारतीय सैनिकों को ज्ञात हुई तो वे क्रोधित हो गये, क्योंकि गाय प्रत्येक हिन्दू सिपाही के लिए पवित्र पशु हैं और मुसलमान सुअर को घृणा की दृष्टि से देखते हैं। अत: चर्बी वाले कारतूस 1857 ई. की महान क्रान्ति का तात्कालिक कारण बने।


प्रश्न 6. 1857 ई. की महान क्रान्ति के महत्व पर चर्चा कीजिए।

उत्तर – 1857 ई. की महान क्रांति में भारतीयों का अंग्रेज़ों को भारत से बाहर निकालने का प्रथम संगठित सामूहिक प्रयास असफल रहा, क्योंकि उस समय अग्रेंज़ एक बड़ी सामुद्रिक शक्ति थे। क्रान्ति की तिथि 31 मई 1857 ई. निश्चित की गई थी, लेकिन चर्बी वाले कारतूसों की घटना के कारण यह 10 मई को ही शुरू हो गई। इस महान संघर्ष ने कम्पनी साम्राज्य की जड़े हिला दी। 1858 ई. में इग्लैण्ड की संसद में पारित एक्ट के अनुसार कम्पनी राज का अन्त करके भारत को इंग्लैंड के अधीन कर दिया। इग्लैण्ड सरकार ने घोषणा की कि अब किसी भी भारतीय राजा का राज्य नहीं छीना जाएगा। उनके आन्तरिक मामलों में हस्तक्षेप नहीं किया जायेगा। उन्हें पुत्र गोद लेने व उसे उत्तराधिकार मनोनीत करने का अधिकार दे दिया गया, लेकिन उनको इंग्लैण्ड के शासन के अधीन माना गया। सैन्य प्रशासन में भी अनेक बदलाव किए गए। सेना में यूरोपियन सैनिकों की संख्या बढ़ा दी गई। सेना का तोपखाना व गोलाबारूद यूरोपीयन सैनिकों के अधीन रखने का निश्चय किया गया। सेना का इस प्रकार पुनर्गठन किया गया कि उनमें एकता की भावना पैदा न हो सके। सेना का आधार जातीय रखा गया। इसी क्रांति से ही भारतीय स्वतंत्रता का मार्ग प्रशस्त हुआ और 15 अगस्त, 1947 ई. को भारत को स्वतंत्रता प्राप्त हुई।


प्रश्न 7. हरियाणा की 1857 ई. की महान क्रान्ति में क्या भूमिका थी?

उत्तर – भारतीय शासकों का दिल्ली पर अधिकार होने के बाद भारतीय सैनिकों ने गुड़गाँव के कलेक्टर फोर्ड को खदेड़कर गुडगाँव पर अधिकार कर लिया। हरियाणा में राव तुलाराम ने रिवाड़ी में, लाला हुकमचन्द जैन ने हाँसी में मुहम्मद शहजादा आज ने हिसार में, नूरसमदखान ने रानियां में, अबुदर्रहमान एवं उसके दामाद समदखान ने झज्जर में एवं राजा नाहर सिंह ने बल्लभगढ़ में क्रान्ति का बिगुल बजाया। सितम्बर 1857 ई. में अंग्रेज़ों ने कड़े संघर्ष के बाद दिल्ली पर पुनः अधिकार किया।


प्रश्न 8. 1857 ई. की महान क्रान्ति भारतीयों में राष्ट्रीय विचारधारा के उदय में किस प्रकार सहायक सिद्ध हुई? 

उत्तर – यह स्वतंत्रता संग्राम विदेशी शासन को उखाड़ फेंकने के लिए लड़ा गया था। इसमें जनसाधारण की भागीदारी भी सराहनीय थी। संग्राम के दौरान सैनिक जहाँ से गुजरते थे, स्थानीय लोगों की सहानुभूति उनके साथ होती थी। संग्राम में स्त्रियों ने भी भाग लिया। झाँसी की रानी लक्ष्मीबाई ने महिलाओं की एक टुकड़ी बनाई तथा उसे प्रशिक्षण भी दिया। यह महान क्रांति अपने मूलभूत उद्देश्यों को परिपूर्ण करने में सफल रही। इससे भारतीय स्वतंत्रता का मार्ग प्रशस्त हुआ और 15 अगस्त, 1947 ई. को भारत को स्वतंत्रता प्राप्त हुई।


प्रश्न 9. 1857 ई. की महान क्रान्ति  का स्वरूप कैसा था? चर्चा करें।

उत्तर – 1857 ई. की महान क्रान्ति गौरवमयी थी। ब्रिटिश अधिकारियों व साम्राज्यवादी लेखकों ने इसे निजी कारणों से सैनिक विद्रोह, मुस्लिम षड्यन्त्र, ईसाई विरोधी विद्रोह एवं सामन्तवादी प्रतिक्रिया सिद्ध करने का असफल कुप्रयास किया है। परन्तु ब्रिटेन के प्रसिद्ध राजनीतिज्ञ डिज़रैली ने इसे राष्ट्रीय विद्रोह कहा है, कई अन्य विदेशी लेखकों ने भी इसे ऐसा जनविद्रोह कहा, जिसमें अंग्रेजों को भारत से बाहर निकालने का सामूहिक प्रयास किया गया। इस संघर्ष में लाखों जानें गई। यह इतना व्यापक था कि उत्तर एवं मध्य भारत के साथ-साथ दक्षिण, पूर्व एवं पश्चिम भारत में भी फैला। सैनिकों के अतिरिक्त सजा पाने वालों में नागरिक अधिक थे। सभी धर्मों एवं वर्गों के लोगों ने इसमें भाग लिया। इसी के आधार पर सर्वप्रथम विनायक दामोदर राव सावरकर ने 1908 ई. में 1857 ई. के महान संघर्ष को भारत का प्रथम स्वतंत्रता संग्राम कहा है।


प्रश्न 10.  सूर्यास्त कानून क्या था?

उत्तर – 1793 ई. के बंगाल से स्थाई बन्दोबस्त के आधार पर 1794 ई. में लागू किये गये सूर्यास्त कानून के तहत यदि एक निश्चित तिथि को सूर्यास्त होने तक जमींदार जिला कलैक्टर के पास भू-राजस्व की रकम जमा नहीं करता था, तो उसकी पूरी जमींदारी नीलाम हो जाती थी।


 

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