1857 ई. की महान क्रांति Class 8 इतिहास Chapter 9 Question Answer – हमारा भारत III HBSE Solution

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HBSE Class 8 इतिहास / History in hindi 1857 ई. की महान क्रांति / 1857 ki mahan kranti of Chapter 9 Question Answer in Hamara Bharat III Solution.

1857 ई. की महान क्रांति Class 8 इतिहास Chapter 9 Question Answer


आओ याद करें :

  1. डलहौजी ने घोषणा की कि बहादुरशाह जफर भारत का अंतिम मुगल सम्राट होगा एवं मुगलों को लाल किला छोड़ने का आदेश दिया।

  2. 1857 ई. को प्रथम स्वतंत्रता संग्राम लिखने वाला प्रथम भारतीय विनायक दामोदर सावरकर था।

  3. अंग्रेजों ने अवध के नवाब वाजिद अली शाह पर कुप्रबंधन का आरोप लगाकर अवध को अंग्रेजी साम्राज्य में मिला लिया।

  4. डलहौजी ने 1852 ई. के इनाम कमीशन के तहत लगभग 21000 जागीरें जब्त कर ली।

  5. 1857 ई. में रेवाड़ी में क्रांतिकारियों का नेतृत्व राव तुला राम ने किया।

  6. 1857 ई. की महान क्रांति का प्रथम शहीद मंगल पांडे एवं अंतिम शहीद तांत्या टोपे था।

  7. 1857 ई. की महान क्रांति में बल्लभगढ़ में क्रांतिकारियों का नेतृत्व राजा नाहर सिंह ने किया।


रिक्त स्थान भरो :

  1. 1857 ई. की क्रान्ति का प्रथम शहीद ________ था।

  2. 1857 ई. की क्रान्ति के समय दिल्ली का मुगल सम्राट _________ था।

  3. रेवाड़ी में 1857 ई. में प्रथम स्वतन्त्रता संग्राम का नेतृत्व ________ ने किया।

  4. 1857 ई. की क्रान्ति का लेखन करने वाले प्रथम भारतीय _______ था।

  5. अम्बाला में 60वीं पलटन की क्रांति की सूचना _______ नामक देशद्रोही ने अंग्रेज़ों को दी थी।

उत्तर – 1. मंगल पाण्डेय, 2. बहादुरशाह जफ़र द्वितीय, 3. राव तुलाराम, 4. विनायक दामोदर सावरकर, 5. शामसिंह


उचित मिलान करें :

  1. बल्लभगढ़
  2. हाँसी
  3. कानपुर
  4. लार्ड कैनिंग
  5. मेरठ
  • राजा नाहर सिंह
  • अंतिम गवर्नर जनरल
  • बख्त खान
  • लाला हुकुमचंद जैन
  • नाना साहिब

उत्तर

  1. बल्लभगढ़
  2. हाँसी
  3. कानपुर
  4. लार्ड कैनिंग
  5. मेरठ
  • राजा नाहर सिंह
  • लाला हुकुमचंद जैन
  • नाना साहिब
  • अंतिम गवर्नर जनरल
  • बख्त खान

आओ विचार करें :


प्रश्न 1. 1857 ई. की महान क्रान्ति के लिए उत्तरदायी राजनैतिक एवं सामाजिक कारण क्या थे?

उत्तर

राजनीतिक कारण :

  • अंग्रेज़ों द्वारा मुगल सम्राट बहादुरशाह ज़फर को लाल किला छोड़ने के आदेश देना।
  • मुगल सम्राट का सिक्कों पर नाम अंकित न किया जाना।
  • नाना साहब की पैंशन बंद करना।
  • झांसी का अंग्रेज़ी साम्राज्य में विलय करना।
  • अवध पर कुप्रबंधन का आरोप लगाकर अंग्रेज़ी साम्राज्य में विलय करना।

सामाजिक कारण :

  • भारतीयों को बलपूर्वक ईसाई बनाना।
  • मैकाले द्वारा शिक्षा का माध्यम अंग्रेजी बनाना ।
  • सरकारी स्कूलों में बाईबल का अध्ययन अनिवार्य करना।
  • रंग एवं नस्ल के आधार पर भारतीयों का अपमान करना।
  • सामाजिक एवं धार्मिक रीति-रिवाजों में अनुचित हस्तक्षेप करना।

प्रश्न 2. 1857 ई. की महान क्रान्ति के लिए उत्तरदायी धार्मिक, सैनिक एवं तत्कालीन कारण क्या थे?

उत्तर

धार्मिक कारण :

  • भारतीयों को बलपूर्वक ईसाई बनाना।
  • मैकाले द्वारा शिक्षा का माध्यम अंग्रेजी बनाना ।
  • सरकारी स्कूलों में बाईबल का अध्ययन अनिवार्य करना।
  • रंग एवं नस्ल के आधार पर भारतीयों का अपमान करना।
  • सामाजिक एवं धार्मिक रीति-रिवाजों में अनुचित हस्तक्षेप करना।

सैनिक कारण :

  • भारतीय सैनिकों को कम वेतन देना।
  • भारतीय सैनिकों के योग्य होने के बावजूद भी सेना में उच्च पदों से वंचित रखना।
  • अंग्रेजी साम्राज्य में विलय किये गये राज्यों के सैनिकों का बेरोजगार होना।
  • भारतीय सैनिकों को समुद्र पार भेजना।
  • चर्बी वाले कारतूसों का प्रयोग अनिवार्य करना।
  • मंगल पांडे को फांसी देना।

तत्कालीन कारण :

  • 1856 ई. में कम्पनी सरकार ने सेना में पुरानी बन्दूकों (ब्राऊन बेस) के स्थान पर नवीन बन्दूकें (एनफील्ड राइफल) सैनिकों को दे दी। इन बन्दूकों में प्रयुक्त होने वाले कारतूसों को मुंह से छीलना पड़ता था। इन कारतूसों को चिकना करने के लिए गाय व सूअर की चर्बी का प्रयोग किया जाता था। यह सूचना जब भारतीय सैनिकों को ज्ञात हुई तो वे क्रोधित हो गये, क्योंकि गाय प्रत्येक हिन्दू सिपाही के लिए पवित्र पशु हैं और मुसलमान सुअर को घृणा की दृष्टि से देखते हैं। अत: चर्बी वाले कारतूस 1857 ई. की महान क्रान्ति का तात्कालिक कारण बने।

प्रश्न 3. झांसी में 1857 ई. की महान क्रान्ति की गतिविधियों की विवेचना कीजिए।

उत्तर – झाँसी में प्रथम स्वतन्त्रता संग्राम में स्वतन्त्रता सेनानियों का नेतृत्व रानी लक्ष्मीबाई ने किया। जून 1857 ई. में रानी लक्ष्मीबाई ने अंग्रेज़ों को झाँसी से खदेड़कर अपना स्वतन्त्र शासन स्थापित किया। 3 अप्रैल 1858 ई. को अंग्रेज़ी कमाण्डर सर ह्यूरोज ने झाँसी पर आक्रमण किया। कड़े संघर्ष के बाद अंग्रेज़ी सेना किले में प्रवेश करने में सफल हुई। रानी झाँसी छोड़कर काल्पी की ओर चली गई। काल्पी में भी रानी व तांत्या टोपे ने युद्ध के आरम्भ में सर ह्युरोज की सेना को अत्यधिक हानि पहुँचाई। 24 मई को अंग्रेजों का काल्पी पर भी अधिकार हो गया। रानी व तात्यां टोपे ने काल्पी से निकलकर ग्वालियर पर अधिकार कर लिया। ग्वालियर का शासक सिन्धियां अंग्रेज़ों की शरण में चला गया। 7 दिन के लम्बे संघर्ष के बाद 18 जून 1858 ई. को अंग्रेज़ी सेना ने ग्वालियर को अपने अधिकार में ले लिया। रानी लक्ष्मीबाई अंग्रेज़ी सेना से लड़ते हुए वीरगति को प्राप्त हुई।


प्रश्न 4. 1857 ई. की महान क्रान्ति के महत्व की समीक्षा कीजिए।

उत्तर – 1857 ई. की महान क्रांति में भारतीयों का अंग्रेज़ों को भारत से बाहर निकालने का प्रथम संगठित सामूहिक प्रयास असफल रहा, क्योंकि उस समय अग्रेंज़ एक बड़ी सामुद्रिक शक्ति थे। क्रान्ति की तिथि 31 मई 1857 ई. निश्चित की गई थी, लेकिन चर्बी वाले कारतूसों की घटना के कारण यह 10 मई को ही शुरू हो गई। इस महान संघर्ष ने कम्पनी साम्राज्य की जड़े हिला दी। 1858 ई. में इग्लैण्ड की संसद में पारित एक्ट के अनुसार कम्पनी राज का अन्त करके भारत को इंग्लैंड के अधीन कर दिया। इग्लैण्ड सरकार ने घोषणा की कि अब किसी भी भारतीय राजा का राज्य नहीं छीना जाएगा। उनके आन्तरिक मामलों में हस्तक्षेप नहीं किया जायेगा। उन्हें पुत्र गोद लेने व उसे उत्तराधिकार मनोनीत करने का अधिकार दे दिया गया, लेकिन उनको इंग्लैण्ड के शासन के अधीन माना गया। सैन्य प्रशासन में भी अनेक बदलाव किए गए। सेना में यूरोपियन सैनिकों की संख्या बढ़ा दी गई। सेना का तोपखाना व गोलाबारूद यूरोपीयन सैनिकों के अधीन रखने का निश्चय किया गया। सेना का इस प्रकार पुनर्गठन किया गया कि उनमें एकता की भावना पैदा न हो सके। सेना का आधार जातीय रखा गया। इसी क्रांति से ही भारतीय स्वतंत्रता का मार्ग प्रशस्त हुआ और 15 अगस्त, 1947 ई. को भारत को स्वतंत्रता प्राप्त हुई।


प्रश्न 5. हरियाणा में 1857 ई. की महान क्रान्ति की गतिविधियों की विवेचना कीजिए।

उत्तर – भारतीय शासकों का दिल्ली पर अधिकार होने के बाद भारतीय सैनिकों ने गुड़गाँव के कलेक्टर फोर्ड को खदेड़कर गुडगाँव पर अधिकार कर लिया। राव तुलाराम ने रिवाड़ी में, लाला हुकमचन्द जैन ने हाँसी में मुहम्मद शहजादा आज ने हिसार में, नूरसमदखान ने रानियां में, अबुदर्रहमान एवं उसके दामाद समदखान ने झज्जर में एवं राजा नाहर सिंह ने बल्लभगढ़ में क्रान्ति का बिगुल बजाया। सितम्बर 1857 ई. में अंग्रेज़ों ने कड़े संघर्ष के बाद दिल्ली पर पुनः अधिकार किया।


आओ करके देखे :


प्रश्न 1. 1857 ई. प्रमुख स्वतन्त्रता सेनानियों की चित्र सहित जीवन परिचय का संकलन कीजिए।

उत्तर – इसमें आपको महत्वपूर्ण स्वतंत्रता सेनानियों के चित्र बनाने / चिपकाने हैं और साथ ही उनके जीवन के बारे में भी लिखना है। इसे आप स्वयं प्रयास कर सकते हैं।


प्रश्न 2. भारत के मानचित्र पर 1857 ई. के महान क्रान्ति के प्रमुख केन्द्रों को चिह्नित कीजिए।

उत्तर


प्रश्न 3. 1857 ई. की महान क्रान्ति भारतीयों में राष्ट्रीय विचारधारा के उदय में किस प्रकार सहायक सिद्ध हुई? अपने विचार प्रस्तुत कीजिए।

उत्तर – यह स्वतंत्रता संग्राम विदेशी शासन को उखाड़ फेंकने के लिए लड़ा गया था। इसमें जनसाधारण की भागीदारी भी सराहनीय थी। संग्राम के दौरान सैनिक जहाँ से गुजरते थे, स्थानीय लोगों की सहानुभूति उनके साथ होती थी। संग्राम में स्त्रियों ने भी भाग लिया। झाँसी की रानी लक्ष्मीबाई ने महिलाओं की एक टुकड़ी बनाई तथा उसे प्रशिक्षण भी दिया। 1857 ई. के स्वतंत्रता संग्राम से पूर्व मुगल बादशाह बहादुरशाह जफर ने अनेक राजपूत शासकों को पत्र लिखकर यह इच्छा प्रकट की थी कि अंग्रेज़ों को भारत से बाहर निकाला जाए। लेकिन संचार के साधनों की कमी के कारण देश के सभी शासकों को एकजुट करना असंभव था जिससे स्वतंत्रता का यह प्रथम संग्राम व्यवस्थित रूप से संगठित नहीं हो पाया। परन्तु फिर भी यह महान क्रांति अपने मूलभूत उद्देश्यों को परिपूर्ण करने में सफल रही। इससे भारतीय स्वतंत्रता का मार्ग प्रशस्त हुआ और 15 अगस्त, 1947 ई. को भारत को स्वतंत्रता प्राप्त हुई।


प्रश्न 4. 1857 ई. की महान क्रान्ति में भारतीय जनमानस की सहभागिता पर अपने विचार प्रस्तुत कीजिए।

उत्तर – यह स्वतंत्रता संग्राम विदेशी शासन को उखाड़ फेंकने के लिए लड़ा गया था। इसमें जनसाधारण की भागीदारी भी सराहनीय थी। संग्राम के दौरान सैनिक जहाँ से गुजरते थे, स्थानीय लोगों की सहानुभूति उनके साथ होती थी। संग्राम में स्त्रियों ने भी भाग लिया। इससे भारतीय स्वतंत्रता का मार्ग प्रशस्त हुआ।


 

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