अठारहवीं सदी का भारत Class 8 इतिहास Chapter 6 Important Question Answer – हमारा भारत III HBSE Solution

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अठारहवीं सदी का भारत Class 8 इतिहास Chapter 6 Important Question Answer


प्रश्न 1. मराठा शक्ति का उदय कैसे हुआ?

उत्तर – औरंगज़ेब के शासनकाल में छत्रपति शिवाजी ने स्वतंत्र राज्य की स्थापना की। शाहू के शासनकाल में मराठा शक्ति न केवल दक्षिण भारत में श्रेष्ठ बनी बल्कि उत्तर भारत में भी मराठा शक्ति का लोहा माना जाने लगा। बालाजी विश्वनाथ एवं बाजीराव महान पेशवा थे। बालाजी ने मराठा-संघ की नींव डाली। 1719 ई. की संधि के अनुसार मराठों को छह मुगल सूबों से चौथ और सरदेशमुखी वसूल करने का अधिकार मिला था। 1752 ई. में सम्राट और पेशवा के मध्य एक सन्धि हुई जिसके अनुसार सम्राट ने मराठों को मुगलों के अधीन क्षेत्र जैसे पंजाब, राजपूताना, सिंध मुल्तान आदि से चौथ लेने का अधिकार दे दिया तथा इसके बदले में मराठों ने मुगलों की आंतरिक और बाह्य सुरक्षा का उत्तरदायित्व अपने ऊपर ले लिया। दिल्ली-दरबार में मराठों ने हिन्दुस्तानी अमीर वर्ग का समर्थन किया। मराठे इस वर्ग के साथ मिलकर सम्राटों को गद्दी पर बैठाने और उतारने लगे।


प्रश्न 2. पानीपत के तीसरे युद्ध का क्या महत्व था?

उत्तर – पेशवा बालाजी बाजीराव ने अपने चचेरे भाई सदाशिवराव भाऊ के नेतृत्व में अहमदशाह अब्दाली के विरुद्ध एक विशाल सेना भेजी। 14 जनवरी 1761 ई. को मराठों और अब्दाली के बीच पानीपत का इतिहास प्रसिद्ध युद्ध हुआ। इस युद्ध में मराठे पराजित हुए और अनेक मराठा सरदार युद्ध क्षेत्र में मारे गये। इस युद्ध में मराठों की अपार जन-हानि हुई। पेशवा की शक्ति कमजोर हो गई और मराठा साम्राज्य उत्तर भारत से पीछे हट गया।


प्रश्न 3.  प्लासी के युद्ध का वर्णन कीजिए।

उत्तर – अलीवर्दी खाँ की मृत्यु के उपरान्त सिराजुद्दौला बंगाल का नवाब बना। अलीवर्दी खाँ ने अपने उत्तराधिकारी सिराजुद्दौला को अंग्रेज़ों के प्रति सावधान रहने का परामर्श भी दिया। सिराजुद्दौला अनुभवहीन था। उसका अंग्रेज़ों से संघर्ष हो गया। नवाब के द्वारा अंग्रेज़ों की किलेबंदी करने पर नवाब ने अंग्रेज़ों के कासिम बाजार की फैक्टरी पर अधिकार कर लिया व अंग्रेज़ों को आत्मसमर्पण के लिए मजबूर किया। षड्यंत्रों के द्वारा अंग्रेज़ों ने नवाब के सेनापति एवं बंगाल के कुछ प्रमुख व्यक्तियों को लालच देकर खरीद लिया जिसके कारण 1757 ई. में प्लासी के युद्ध में सिराजुद्दौला की पराजय हुई। उसे अपने प्राणों से हाथ धोना पड़ा और मीर जाफर बंगाल का नवाब बना।


प्रश्न 4. 18वीं शताब्दी में भारतीय समाज एवं अर्थव्यवस्था की प्रमुख विशेषताएं कौन-कौन सी थी?

उत्तर

  1. कृषि आधारित परम्परागत अर्थ व्यवस्था का होना।
  2. ग्रामीण सामाजिक संरचना का आत्मनिर्भर होना।
  3. प्रकृति पर निर्भर संसाधनों का होना।
  4. संयुक्त परिवार प्रणाली एवं पुरुष प्रधान समाज का होना।
  5. भारतीय समाज में मध्य वर्ग का उदय होना।

प्रश्न 5. अवध एक स्वतंत्र राज्य के रूप में कैसे स्थापित हुआ?

उत्तर – अवध के स्वतंत्र राज्य की स्थापना ‘सआदत खाँ बुरहान-उल-मुल्क’ ने की। उसकी नियुक्ति 1722 ई. में अवध के मुगल सूबेदार के रूप में हुई थी। उसने विद्रोही ज़मींदारों को दबाया, उनके विरुद्ध सैनिक कार्यवाही की और उन्हें भू-राजस्व देने पर विवश किया। उन्होंने प्रशासन एवं सेना को श्रेष्ठ बनाने का प्रयास किया। उसने अवध के किसानों की दशा सुधारने का प्रयास किया और ज़मींदारों के अत्याचारों से उनकी रक्षा की। उसकी 1739 ई. में मृत्यु के पश्चात् उसका भतीजा सफदरजंग अवध का शासक बना। उसने रूहेलों और पठानों के विरुद्ध संघर्ष किया। उन्होंने मराठों और जाटों के प्रति मित्रता की नीति अपनाई और रूहेलों तथा पठानों के विरुद्ध उनकी सहायता प्राप्त की। सफदरजंग ने 1754 ई. तक शासन किया।


प्रश्न 6.  हैदराबाद एक स्वतंत्र राज्य के रूप में कैसे स्थापित हुआ?

उत्तर – दक्षिण भारत में एक स्वतंत्र राज्य हैदराबाद की स्थापना निजाम-उल-मुल्क आसफजाह 1724 ई. में की। उसने सैय्यद बंधुओं के पतन में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी थी, जिसके इनाम के तौर पर मुगल शासक ने उसे दक्षिण की सूबेदारी दी। मुगल सम्राट की निर्बलता का लाभ उठाकर उसने मुगलों की अधीनता मानने से इन्कार कर दिया। उसने मुगल शासक की अनुमति के बिना युद्ध और सन्धियाँ की। वह अपने राज्य का विस्तार करने लगा। इसी के परिणामस्वरूप बाजीराव ने 1728 ई. में पालखेत के युद्ध में उसे हराया, जिसके कारण उन्होनें मराठा संघ को चौथ व सरदेशमुख देना भी स्वीकारा। 1748 ई. में निजाम की मृत्यु हो गई। उसकी मृत्यु के पश्चात् उसके पुत्र नासिरजंग और पोते मुज्जफरजंग में हैदराबाद के सिंहासन के लिए युद्ध प्रारम्भ हो गया । इस युद्ध में फ्रांसीसियों ने मुज्जफरजंग का व अंग्रेज़ों ने नासिरजंग का पक्ष लिया। फ्रांसीसियों ने एक षडयंत्र से नासिरजंग का वध करवा दिया व मुज्जफरजंग को गद्दी पर बैठाया। आगे के शासक कमजोर सिद्ध हुए जिससे हैदराबाद राज्य की स्थिति कमजोर होती चली गई। 1798 ई. में निजामअली ने अंग्रेज़ों से सहायक सन्धि कर ली और हैदराबाद अंग्रेज़ों पर आश्रित हो गया।


प्रश्न 7. कर्नाटक एक स्वतंत्र राज्य बनने के बाद किन परिस्थितियों का सामान करना पड़ा?

उत्तर – मुगल साम्राज्य की कमजोरी का लाभ उठाकर कर्नाटक के नायब सूबेदार सआदत उल्ला खाँ ने भी स्वतंत्र व्यवहार करना शुरू कर दिया। सआदतअली खान यहाँ का नवाब बना लेकिन हैदराबाद की तरह कर्नाटक में भी उत्तराधिकार के लिए युद्ध शुरू हो गया। दोस्तअली खान की मृत्यु के बाद अनवरउद्दीन नवाब बना तो उनके दामाद चन्दा साहब ने कर्नाटक की गद्दी पर अपना दावा पेश किया और गद्दी प्राप्त करने में सहायता देने के लिए फ्रांसीसियों की शरण ली। फ्रांसीसियों की सहायता से चन्दा साहब ने कर्नाटक पर आक्रमण करके अनवरउद्दीन को पराजित किया। चन्दा साहब कर्नाटक का नवाब बन गया लेकिन अंग्रेज़ उसे पसंद नहीं करते थे। अंग्रेज़ों ने चन्दा साहब की राजधानी अर्काट पर आक्रमण करके उसकी हत्या कर दी। कर्नाटक अब अंग्रेज़ों के प्रभाव में आ गया। हैदराबाद व कर्नाटक की राजनीतिक स्थिति के कारण अंग्रेज़ और फ्रांसीसियों के मध्य कर्नाटक के तीन युद्ध हुए।


प्रश्न 8. जाट राज्य की स्थापना पर चर्चा कीजिए।

उत्तर – मुगल सम्राट औरंगज़ेब की आर्थिक एवं धार्मिक नीतियों से परेशान होकर मथुरा तथा उसके आस-पास के क्षेत्रों में गोकुल के नेतृत्व में जाटों ने भी अपनी स्वतंत्रता के लिए संघर्ष किया। यद्यपि संघर्ष को कुचलने के बाद भी जाट नेता राजाराम तथा चूड़ामन के नेतृत्व में संघर्ष जारी रहा। बहादुर शाह प्रथम ने संघर्ष को कम करने के लिए जाटों से समझौता करके चूड़ामन को मुगल दरबार में पंद्रह सौ जात तथा पाँच सौ सवार का मनसबदार बना दिया। फिर भी चूड़ामन ने मुगल सम्राट की दुर्बलता का लाभ उठाकर शक्तिशाली बनने का प्रयास किया। चूड़ामन की मृत्यु के पश्चात् बदन सिंह व उसके पुत्र सूरजमल ने दिल्ली के आसपास के क्षेत्रों पर अपना अधिकार कर लिया। सूरजमल एक चतुर एवं योग्य नेता था।


 

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