भक्तिन Class 12 Hindi Chapter 10 Question Answer – आरोह भाग 2 NCERT Solution

NCERT Class 12th Hindi आरोह भाग 2 Chapter 10 भक्तिन  Question Answer Solution. Here we Provide Class 1 to 12 all Subject Solution like notes, Question Answer, Summary, Important Question Answer, MCQ for CBSE, HBSE, Mp Board,  Up Board, RBSE and Some other state Boards.

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NCERT Solution for Class 12 Hindi Chapter 10 Question Answer of Aroh Bhag 2 Bhaktin भक्तिन NCERT Solution for CBSE, HBSE, RBSE and Up Board.

Bhaktin Class 12 Hindi Chapter 10 Question Answer

पाठ 10 भक्तिन प्रश्न उत्तर ( गद्य भाग )


प्रश्न 1. भक्तिन अपना वास्तविक नाम लोगों से छुपाती थी? भक्तिन को यह नाम किसने और क्यों दिया होगा?

उत्तर – भक्तिन का वास्तविक नाम लक्ष्मी था। वह अपना वास्तविक नाम लोगों से इसलिए छुपाती थी क्योंकि उसका जीवन उसके नाम के बिल्कुल विपरीत था। लक्ष्मी धन, वैभव और समृद्धि का प्रतीक होती हैं जबकि उसके जीवन में ऐसा कुछ नहीं था। भक्तिन का जीवन कष्टता एवं धन की कमी से भरा हुआ था। लक्ष्मी को भक्तिन नाम लेखिका ने उसके गले में पड़ी कंठी माला और उसके नौ सेवक धर्म से प्रभावित होकर दिया था।


प्रश्न 2. दो कन्या रत्न पैदा करने पर भक्तिन पुत्र महिमा में अंधी अपनी जिठानियों द्वारा घृणा व उपेक्षा का शिकार बनी। ऐसी घटनाओं से ही अकसर यह धारणा चलती है कि स्त्री ही स्त्री की दुश्मन होती है। क्या इससे आप सहमत हैं?

उत्तर – हां हम इस बात से सहमत हैं कि दो कन्या रतन पैदा करने पर भक्तिन पुत्र महिमा में अंधी अपनी जेठानीयों द्वारा घृणा में उपेक्षा का शिकार बनी। ऐसी घटनाओं से ही अकसर यह धारणा चलती है कि स्त्री ही स्त्री की दुश्मन होती है। आज भी इस समाज में पुत्री की अपेक्षा पुत्र को अधिक महत्व दिया जाता है और साथ ही पुत्र पैदा करने वाली मां को भी। ऐसी महिलाएं अक्सर उन महिलाओं का मजाक उड़ाती है जिन्होंने पुत्री को जन्म दिया है।


प्रश्न 3. भक्तिन की बेटी पर पंचायत द्वारा जबरन पति थोपा जाना एक दुर्घटना भर नहीं, बल्कि विवाह के संदर्भ में स्त्री के मानवाधिकार (विवाह करें या न करें अथवा किससे करें) इसकी स्वतंत्रता को कुचलते रहने की सदियों से चली आ रही सामाजिक परंपरा का प्रतीक है। कैसे?

उत्तर – भारतीय समाज में आज भी पुरुषों को अधिक महत्व दिया जाता है। इस समाज में पुरुषों को ही पूर्ण रूप से स्वतंत्रता दी गई है स्त्रियों को नहीं। स्त्रियों के मानवाधिकार को सदियों से कुचला जा रहा है और यही इस पाठ में भी सिद्ध होता है जब भक्तिन की बेटी पर पंचायत द्वारा जबरन पति थोपा जाता है।


प्रश्न 4. ‘भक्तिन अच्छी है, यह कहना कठिन होगा, क्योंकि उसमें दुर्गुणों का अभाव नहीं’ लेखिका ने ऐसा क्यों कहा होगा?

उत्तर – ‘भक्तिन अच्छी है, यह कहना कठिन होगा, क्योंकि उसमें दुर्गुणों का अभाव नहीं’ लेखिका ने ऐसा इसीलिए कहा होगा क्योंकि भक्तिन लेखिका के इधर उधर पड़े पैसे भंडारघर की किसी मटकी में छुपा देती थी। और बाद में लेखिका के पूछने पर वह कहती थी कि अपने घर में पैसे इधर-उधर रखना चोरी नहीं है। इसलिए हम कह सकते हैं कि भक्तिन सत्यवादी हरिश्चंद्र नहीं बन सकी और उसमें कुछ दुर्गुण भी थे।


प्रश्न 5. भक्तिन द्वारा शास्त्र के प्रश्न को सुविधा से सुलझा लेने का क्या उदाहरण लेखिका ने दिया है?

उत्तर – भक्तिन द्वारा शास्त्र के प्रश्न को अपनी सुविधा के अनुसार सुलझा लेने का उदाहरण देते हुए लेखिका कहती है कि मुझे स्त्रियों का सिर घुटाना अच्छा नहीं लगता, अतः मैंने भक्तिन को रोका। उसने अकुंठित भाव से उत्तर दिया कि शास्त्र में लिखा है। कुतूहलवश मैं पूछ ही बैठी–‘क्या लिखा है?” तुरंत उत्तर मिला- ‘तीरथ गए मुँडाए सिद्ध।’ कौन-से शास्त्र का यह रहस्यमय सूत्र है, यह जान लेना मेरे लिए संभव ही नहीं था। अतः मैं हारकर मौन ही रही और भक्तिन का चूड़ाकर्म हर बृहस्पतिवार को, एक दरिद्र नापित के गंगाजल से धुले उस्तरे द्वारा यथाविधि निष्पन्न होता रहा।


प्रश्न 6. भक्तिन के आ जाने से महादेवी अधिक देहाती कैसे हो गई?

उत्तर – भक्तिन एक अनपढ़ ग्रामीण महिला थी। वह देहाती होने के साथ-साथ एक समझदार महिला भी थी। उसका स्वभाव ही ऐसा बन चुका था कि वह दूसरों को अपने मन के अनुसार बना लेना चाहती है पर अपने संबंध में किसी प्रकार के परिवर्तन की कल्पना तक उसके लिए संभव नहीं। इसीलिए भक्तिन के आ जाने से महादेवी अधिक देहाती हो गई।


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