Class | 12 |
Textbook | NCERT |
Book | आरोह भाग 2 |
Category | Important Questions |
Class 12 Hindi Chapter 12 काले मेघा पानी दे Important Question Answer
प्रश्न 1. ‘काले मेघा पानी दे’ संस्मरण का मूलभाव स्पष्ट कीजिए। Most Important
OR
‘काले मेघा पानी दे’ पाठ के माध्यम से लेखक क्या कहना चाहता है ?
OR
काले मेघा पानी दे पाठ का प्रतिपाद्य स्पष्ट कीजिए।
उत्तर – ‘काले मेघा पानी दे’ संस्मरण में लेखक ने लोक आस्था और विज्ञान के द्वंद्व को चित्रित किया है। लेखक ने अपने किशन जीवन के इस संस्मरण में दिखलाया है कि अनावृष्टि से छुटकारा पाने हेतु गांव के बच्चों की इंदर सेना द्वार-द्वार पानी मांगती है। लेकिन लेखक इसे पानी की बर्बादी समझता है। लेखक की जीजी इसे अंधविश्वास ने मानकर लोक आस्था और त्याग की भावना बताती हैं। लेखक के विचार अपनी जीजी से बिल्कुल नहीं मिलते और वह बार-बार जीजी के तर्कों का खंडन करता है। लेकिन जीजी की संतुष्टि के लिए वह इस रीति रिवाज को ऊपरी तौर पर मानता भी है। पाठ के अंत में लेखक ने देशभक्ति का परिचय देते हुए देश में फैले हुए भ्रष्टाचार का भी चित्रण किया है।
प्रश्न 2. ‘काले मेघा पानी दे’ संस्मरण में भ्रष्टाचार पर किस प्रकार से व्यंग्य किया गया है ?
उत्तर – ‘काले मेघा पानी दे’ संस्मरण में लेखक ने देश में फैले भ्रष्टाचार के प्रति गहन चिंता व्यक्त की है और उन लोगों के प्रति कटाक्ष किया है जो आज भी पश्चिमी संस्कृति और भाषा के अधीन है और देश में हो रहे भ्रष्टाचार को अनदेखा कर रहे हैं। आज भी बहुत सारे लोग अपनी संस्कृति को भूल रहे हैं और पश्चिमी संस्कृति को अपनाते जा रहे हैं जिसका सीधा असर लोगों के द्वारा भ्रष्टाचार को अनदेखा करने पर हैं।
प्रश्न 3. मेढक – मंडली का शब्दचित्र प्रस्तुत कीजिए।
उत्तर – बहुत सारे लड़के समूह में एकत्रित होकर नंगे शरीर गलियों में कीचड़ करते हुए घूमते-फिरते हैं। जिसे लोगों ने मेंढक मंडली का नाम दिया हुआ है। यह टोली अपने आप को इंद्र सेना कहकर पुकारती है। अनावृष्टि के समय लोग इंद्र महाराज को खुश करने के लिए मेंढक मंडली पर जल चढ़ाते हैं। लोगों का मानना है कि हमारे इस कार्य से प्रश्न होकर इंद्र देवता वर्षा करेंगे और हर जगह हरियाली खिल उठेगी।
प्रश्न 4. धर्मवीर भारती की जीजी के संस्कारों का विश्लेषण कीजिए।
OR
धर्मवीर भारती की जीजी की धार्मिक आस्था का चित्रण कीजिए।
उत्तर – धर्मवीर भारती की जीजी बहुत अधिक धार्मिक है। वह सभी परंपराओं और रीति रिवाज को पूरी श्रद्धा के साथ मनाती हैं। वह लेखक से भी तर्क करने के उपरांत भी रीति-रिवाजों को मानने के लिए कहती हैं। लेखक की जीजी का मानना है कि जब तक हम अपने अंदर त्याग की भावना नहीं रखेंगे तब तक हमें फल की प्राप्ति नहीं होगी। लेखक की जीजी के अनुसार दान करना सबसे अधिक महत्वपूर्ण है इसके माध्यम से हम अपनी श्रद्धा को भी व्यक्त करते हैं और लोगों की भी मदद करते हैं।
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