| Class | 12 |
| Textbook | NCERT |
| Book | आरोह भाग 2 |
| Category | Important Questions |
Class 12 Hindi Chapter 14 शिरीष के फूल Important Question Answer
प्रश्न 1. लेखक ने शिरीष को कालजयी अवधूत की तरह क्यों माना है ?
OR
शिरीष को अवधूत क्यों कहा गया है ?
उत्तर – लेखक ने शिरीष को कालजयी अवधूत की तरह इसीलिए माना है क्योंकि जिस प्रकार अवधूत मस्त, फक्कड़, सरस और मादक होते हैं उसी प्रकार शिरीष के फूल भी फक्कड़ होकर ही उपजते हैं। जैसे अवधूत विपरीत परिस्थितियों में भी संसार को जीने की प्रेरणा देते हैं उसी प्रकार भयंकर गर्मी की लू में यह फूल खिलता है और चारों ओर सुंदरता बिखेरता है। शिरीष के ऊपर गर्मी और वर्षा का कोई भी बुरा प्रभाव नहीं पड़ता है।
प्रश्न 2. शिरीष की महिमा का वर्णन कीजिए।
उत्तर – शिरीष का फूल गर्मियों के मौसम में होता है जब हर तरफ भयंकर गर्मी, लू, आंधी और वर्षा हो रही होती है। शिरीष का फूल बाहर से कठोर दिखाई देता है लेकिन अंदर से वह उतना ही कोमल होता है। इस मौसम में किसी भी पेड़ पर फूल दिखाई नहीं देते हैं जबकि शिरीष का फूल चारों ओर अपना सौंदर्य बिखेरता रहता है। लेखक ने इसे कालजयी अवधूत की तरह माना है। शिरीष का फूल लोगों को कठिन और प्रतिकूल परिस्थितियों में भी जीने की प्रेरणा देता है।
प्रश्न 3. हृदय की कोमलता को बचाने के लिए व्यवहार की कठोरता भी कभी-कभी जरूरी हो जाती है। ‘शिरीष के फूल’ पाठ के आधार पर बताइए।
उत्तर – मनुष्य का आंतरिक मन अत्यंत कोमल होता है। इसी कोमलता के कारण वह दूसरों से प्रेम और सहानुभूति का व्यवहार करता है। लेकिन कभी-कभी अपने हृदय की कोमलता को बचाने के लिए व्यवहार की कठोरता भी जरूरी हो जाती है। ताकि वह जीवन में आने वाली विपरीत परिस्थितियों का सामना कर सके। इसी प्रकार शिरीष भी अपनी कोमलता को बचाने के लिए भीषण गर्मी को सहन करते हुए बाहर से अपना कठोर स्वभाव अपनाता है तभी वह भयंकर गर्मी, धूप, आंधी को सहन कर पाता है।
प्रश्न 4. ‘शिरीष के फूल’ निबंध का मूलभाव स्पष्ट कीजिए
OR
‘शिरीष के फूल’ निबंध की मूल चेतना को अपने शब्दों में लिखिए
OR
‘शिरीष के फूल’ पाठ के माध्यम से लेखक क्या कहना चाहता है
OR
‘शिरीष के फूल’ निबंध का प्रतिपाद्य स्पष्ट कीजिए
उत्तर – ‘शिरीष के फूल’ आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी द्वारा रचित निबंध लोगों को जीने की प्रेरणा देता है। लेखक ने निबंध के माध्यम से लोगों को प्रतिकूल परिस्थितियों में भी साहस और कठोरता के साथ जीवन यापन करने को कहा है। जिस प्रकार शिरीष का फूल गर्मियों के मौसम में खिलता है जब हर तरफ गर्मी, लू, आंधी और वर्षा हो रही होती है। शिरीष का फूल बाहर से सख्त दिखाई पड़ता है लेकिन अंदर से उतना ही कोमल होता है। इस मौसम में किसी और वृक्ष पर कोई फूल नहीं दिखाई पड़ते लेकिन शिरीष का फूल ऐसी स्थिति में भी खिलकर चारों ओर अपना सौंदर्य बिखेरता रहता है। यह फूल इतना कठोर होता है कि वसंत के आ जाने पर भी नहीं झड़ता है। लेखक को यह उन नेताओं की याद दिलाता है जो अपना साथ छोड़ने को तब तक तैयार नहीं होते जब तक नई पीढ़ी के लोग उन्हें धक्का मार कर नहीं धकेल देते हैं। लेखक ने मनुष्य को सीरीज के फूल के माध्यम से प्रेरणा दी है कि सुख-दुख में कभी हमें हार नहीं माननी चाहिए।