कंपनी की शोषणकारी नीतियाँ व उनका विरोध Class 8 इतिहास Chapter 8 Question Answer – हमारा भारत III HBSE Solution

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कंपनी की शोषणकारी नीतियाँ व उनका विरोध Class 8 इतिहास Chapter 8 Question Answer


आओ याद करें :

  1. ईस्ट इंडिया कंपनी की स्थापना 1600 ई. में लंदन में हुई।

  2. क्लाइव ने 12 अगस्त, 1765 ई. को इलाहाबाद की संधि के अंतर्गत मुगल सम्राट शाह आलम द्वितीय से बंगाल, बिहार व उड़ीसा की दीवानी का अधिकार प्राप्त किया।

  3. कार्नवालिस ने 1793 ई. में बंगाल में स्थाई बंदोबस्त लागू किया।

  4. थॉमस मुनरो ने मद्रास में रैयतवाड़ी व्यवस्था को लागू किया।

  5. ‘पॉवर्टी एंड अनब्रिटिश रूल इन इंडिया’ नामक पुस्तक में राष्ट्रवादी नेता दादाभाई नौरोजी ने धन निष्कासन का सिद्धांत प्रतिपादित किया।

  6. इंग्लैंड सरकार ने 1813 ई. के चार्टर एक्ट के अनुसार ईस्ट इंडिया कंपनी के व्यापारिक एकाधिकार को समाप्त करके स्वतंत्र व्यापार करने की नीति को प्रचारित किया।

  7. भारत में पहली रेल लॉर्ड डलहौजी के समय में मुंबई से थाने के बीच चलाई गई।

8 1855-56 ई. में छोटा नागपुर के संथालों ने सिद्धू व कान्हों के नेतृत्व में अंग्रेजों के विरुद्ध भयंकर संघर्ष किया।


रिक्त स्थान भरो :

  1. अंग्रेज़ों ने भारत में _________, _________ और ________ भू-राजस्व नीति अपनायी थी।

  2. धन निकास के ___________ और __________ साधन थे।

  3. भारत में अंग्रेज़ों की शोषणकारी नीति के कारण बार-बार _______ आए।

  4. 1857 भारत का पहला ________ संग्राम था।

  5. प्लासी का युद्ध __________ में लड़ा गया।

उत्तर – 1. स्थायी बंदोबस्त, रैय्यतवाड़ी व्यवस्था, महालवाड़ी , 2.  गृह प्रभार, वेतन, 3. आंदोलनकारी, 4. महान स्वतंत्रता, 5. 1757 ई.


मिलान करें :

  1. रैय्त
  2. धन निकास
  3. औद्योगिक क्रांति
  4. बक्सर का युद्ध
  • दादाभाई नौरोजी
  • इंग्लैंड
  • रैयतवाड़ी
  • 1764 ई.

उत्तर

  1. रैय्त
  2. धन निकास
  3. औद्योगिक क्रांति
  4. बक्सर का युद्ध
  • रैयतवाड़ी
  • दादाभाई नौरोजी
  • इंग्लैंड
  • 1764 ई.

आइए विचार करें :


प्रश्न 1. भारत में कम्पनी राज में प्रचलित विभिन्न भू-राजस्व व्यवस्था के क्षेत्रों के बारे में बताइए।

उत्तर – भारत में स्थायी बंदोबस्त बंगाल, बिहार, उड़ीसा, बनारस व उत्तरी मद्रास के कुछ जिलों अर्थात् ब्रिटिश भारत के 19 प्रतिशत भाग पर लागू किया गया था। रैयतवाड़ी बंदोबस्त को बंबई, असम, सिंध, कुर्ग, बरार, अंडमान निकोबार इत्यादि ब्रिटिश भारत के लगभग 51 प्रतिशत भाग पर लागू किया गया। महालवाड़ी व्यवस्था संयुक्त प्रांत के कुछ भाग, मध्य प्रांत तथा पंजाब में अर्थात् ब्रिटिश भारत के लगभग 30 प्रतिशत भाग पर लागू की गई।


प्रश्न 2. धन निकास के साधनों को जानें।

उत्तर – भारत से धन निकास वेतनों, युद्धों पर खर्ची, गृह प्रभार, सेना पर खर्चों के रूप में इंग्लैण्ड भेजा जाता रहा।


प्रश्न 3. कम्पनी राज में अकाल के कारण जानें।

उत्तर – कंपनी राज्य में अकाल के निम्नलिखित कारण थे —

  • कंपनी राज में सभी हस्तशिल्प उद्योगों का पतन हो गया जिसके कारण बहुत सारे लोगों का रोजगार छीन लिया।
  • कंपनी राज के कारण भारत में औद्योगिक क्रांति नहीं आ पाई।
  • कंपनी राज में बहुत सारी शोषणकारी नीतियां लोगों पर लागू की गई।
  • भारत से धर्म लगातार इंग्लैंड जाता रहा और इस धन निकाल के कारण भारत में अकाल की स्थिति उत्पन्न हुई।
  • कंपनी राज में भारत में अपनाई गई भू राजस्व नीतियां कृषकों के लिए विनाशकारी सिद्ध हुई।

प्रश्न 4. भारतीय शिल्पकारों एवं कारीगरों के अंग्रेज़ों से प्रतिरोध के मुख्य कारणों का वर्णन कीजिए।

उत्तर – भारतीय फिल्मकारों एवं कारीगरों ने अंग्रेजों से प्रतिरोध के निम्नलिखित कारण थे —

  • अंग्रेजों की शोषणकारी व्यापारिक नीतियों से लोग परेशान आ चुके थे।
  • 1769 ई. में कम्पनी ने बंगाल में कच्चे रेशम की पैदावार को बढ़ावा दिया परन्तु सिल्क से तैयार माल पर प्रतिबन्ध लगा दिया गया जिसके कारण सारा मुनाफा कंपनी को हुआ।
  • कम्पनी के विभेदकारी कानूनों से भारतीय हस्तकलाएं नष्ट हो गई और इनका स्थान ब्रिटिश सामग्री ने ले लिया था।
  • लोगों के पास बिना व्यवसाय के धन की कमी होने लगी और भुखे मरने की नौबत आ गई।

प्रश्न 5. स्थाई बन्दोबस्त के गुण एवं दोषों का वर्णन कीजिए।

उत्तर – स्थाई बंदोबस्त के गुण और दोषों का वर्णन निम्नलिखित है —

गुण दोष
  • स्थाई बंदोबस्त से कंपनी को बहुत लाभ हुआ।
  • कंपनी को निश्चित तारीख पर एक अच्छी धनराशि प्राप्त होती थी।
  • कंपनी का जमीन पर नियंत्रण बढ़ता जा रहा था।
  • स्थाई बंदोबस्त के कारण किसान कर्ज में डूब गए।
  • कंपनी को धन निश्चित तारीख तक देना ही पड़ता था।
  • कर समय पर न चुका पाने के कारण गैरहाजिर जमीदार वर्ग उत्पन्न हुआ

आओ करके देखें :


प्रश्न 1. यदि इंग्लैण्ड में औद्योगिक क्रांति न हुई होती तो अंग्रेजों की व्यापारिक नीति भारत में किस प्रकार की होती?

उत्तर – यदि इंग्लैंड में औद्योगिक क्रांति ना हुई होती तो अंग्रेज भारत के साथ व्यापार करते रहते। जिससे भारतीय और अंग्रेज दोनों को मुनाफा हो रहा होता। भारत से धन निकास नहीं होता।


प्रश्न 2. आपके विचार में वनवासियों एवं जन-जातियों ने अंग्रेज़ों का प्रतिरोध क्यों किया?

उत्तर – अंग्रेजों ने वनवासियों एवं जनजातियों को परेशान करना शुरू कर दिया था। अंग्रेज हर चीज को अपने नियंत्रण में चाहते थे। इसके कारण उन्होंने जंगलों की कटाई करवा कर वनवासियों की बस्तियां उजाड़ दी और उन्हें बेघर कर दिया। अंग्रेज वनवासियों एवं जनजातियों को असभ्य मानते हुए उन्हें सभ्य बनाने के चक्कर में बेघर करते जा रहे थे। जिसके कारण जन-जातियों एवं वनवासियों ने अंग्रेजो का प्रतिरोध शुरू कर दिया।


प्रश्न 3. अंग्रेज़ों की भू-राजस्व प्रणालियों ने भारतीय कृषि को पूर्ण रूप से तबाह किया था। इस पर अपने विचार प्रस्तुत कीजिए।

उत्तर – अंग्रेजों की भू राजस्व प्रणाली के कारण बहुत सारे किसान कर्ज के नीचे डूब चुके थे। अधिकतर जमीदार अपनी जमीदारी गवा बैठे थे। अंग्रेजों की भू राजस्व प्रणालियों के कारण भारतीय किसानों का शोषण हो रहा था। कर की मात्रा बहुत अधिक होने के कारण किसान कर ना दे पाने के कारण अपनी जमीन भी गंवा रहे थे और साथ ही कर्ज भी पा रहे थे। किसानों को जीने के लिए और भोजन के लिए भी संघर्ष करना पड़ रहा था। अंग्रेजों की भू राजस्व प्रणाली ने भारतीय कृषि को पूर्ण रूप से तबाही कर दिया था।


 

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