Class | 7 |
Subject | संस्कृत |
Book | NCERT |
NCERT Solution of Class 7th Sanskrit Ruchira / रुचिरा Chapter 2 दुर्बुद्धि: विनश्यति / Durbudhi Vinasyati Vyakhya / व्याख्या / meaning in hindi / translation in hindi Solution.
दुर्बुद्धि: विनश्यति Class 7 Sanskrit Chapter 2 Translation in Hindi – English
1. अस्ति मगधदेशे फुल्लोत्पलनाम सरः। तत्र संकटविकटौ हंसौ निवसतः । कम्बुग्रीवनामकः तयोः मित्रम् एकः कूर्मः अपि तत्रैव प्रतिवसति स्म।
शब्दार्थ – अस्ति – हैै। मगधदेशे – मगध देश में। फुल्लोत्पलनाम – फुल्लोत्पल नाम का । सरः – तालाब। तत्र – वहां । संकटविकटौ – संकट और विकट। हंसौ – दो हंस। निवसतः – रहते हैं। कम्बुग्रीवनामकः – कम्बुग्रीव नाम का। तयोः – उनका। मित्रम् – मित्र। एकः – एक। कूर्मः – कछुआ। अपि – भी। तत्रैव – वही। प्रतिवसति – रहता। स्म – है।
Translation in Hindi – मगध देश में एक फुल्लोत्पल नाम का तालाब हैै। वहां संकट और विकट नाम के दो हंस रहते हैं। उनका मित्र कम्बुग्रीव नाम का कछुआ भी वही रहता है।
Translation in English – There is a pond named Phullotpal in the country of Magadha. There live two swans named Sankat and Vikat. His friend, a tortoise named Kambugriva, also remains the same.
2. अथ एकदा धीवराः तत्र आगच्छन् । ते अकथयन् –“वयं श्वः मत्स्यकूर्मादीन् मारयिष्यामः।” एतत् श्रुत्वा कूर्मः अवदत् “मित्रे! किं युवाभ्यां धीवराणां वार्ता श्रुता? अधुना किम् अहं करोमि?” हंसौ अवदताम् “प्रातः यद् उचितं तत्कर्त्तव्यम्।” कूर्मः अवदत्– ‘‘मैवम् । तद् यथाऽहम् अन्यं ह्रदं गच्छामि तथा कुरुतम्।’ हंसौ अवदताम् “आवां किं करवाव?” कूर्मः अवदत् “अहं युवाभ्यां सह आकाशमार्गेण अन्यत्र गन्तुम् इच्छामि। “
शब्दार्थ – अथ एकदा – एक बार। धीवराः – मछुआरे। तत्र – वहां। आगच्छन् – आए। ते – वे। अकथयन् – बोले। वयं – हम सब। श्वः – कल। मत्स्यकूर्मादीन् – मछली और कछुए आदि को। मारयिष्यामः – मारेंगे। एतत् – यह। श्रुत्वा – सुनकर। कूर्मः – कछुआ। अवदत् – बोला। मित्रे – हे मित्रों। किं – क्या। युवाभ्यां – आप दोनों के द्वारा। धीवराणां – मछुआरों की। वार्ता – बातचीत। श्रुता – सुनी गई। अधुना – अब । किम् – क्या । अहं – मैं । करोमि – करूं। हंसौ – दोनों हंस। अवदताम् – बोले। प्रातः – सुबह। यद् – जो । उचितं – उचित हो। तत्कर्त्तव्यम् – वह कीजिए। मैवम् – इस प्रकार नहीं। तद् – तब। यथाऽहम् – में। अन्यं – दूसरे । ह्रदं – तालाब में। चला गच्छामि – जाता हूं। तथा – ऐसा। कुरुतम् – करते हैं। आवां – हम दोनों। अहं – में। युवाभ्यां – आप दोनों के । सह – साथ। आकाशमार्गेण – आकाश मार्ग से। अन्यत्र – कहीं और। गन्तुम् – जाना। इच्छामि – चाहता हूं।
Translation in Hindi – एक बार मछुआरे वहां तालाब के पास आए। वे बोले -कि हम सब कल जलीय जीवों मछली और कछुए आदि को मारेंगे। यह सुनकर कछुआ बोला हे मित्रों क्या आप दोनों के द्वारा मछुआरों की बातचीत सुनी गई । अब मैं क्या करूं। दोनों हंस बोले कि सुबह वही कीजिए जो उचित हो। कछुआ बोला ऐसा मत कहिए। ऐसा करते हैं कि मैं दूसरे तालाब में चला जाता हूं। दोनों हंस बोले हम दोनों क्या करें। कछुआ बोला कि मैं आप दोनों के साथ आकाश मार्ग से कहीं और जाना चाहता हूं।
Translation in English – Once the fishermen came there near the pond. He said that tomorrow we will kill all aquatic creatures, fish and turtles etc. Hearing this, the tortoise said, oh friends, did you both listen to the conversation of the fishermen.What do I do now? Both the swans said that do what is right in the morning. The tortoise said don’t say that. So that I go to another pond. Both swans said what should we both do.The tortoise said that I want to go somewhere else with you both through the sky.
3. हंसौ अवदताम् ‘‘अत्र कः उपाय:?” कच्छपः वदति-“युवां काष्ठदण्डम् एकं चञ्च्वा धारयताम्। अहं काष्ठदण्डमध्ये अवलम्ब्य युवयोः पक्षबलेन सुखेन गमिष्यामि।” हंसौ अकथयताम् “सम्भवति एषः उपाय: । किन्तु अत्र एकः अपायोऽपि वर्तते। आवाभ्यां नीयमानं त्वामवलोक्य जनाः किञ्चिद् वदिष्यन्ति एव । यदि त्वमुत्तरं दास्यसि तदा तव मरणं निश्चितम्।
शब्दार्थ – अत्र – यहां। कः – क्या। उपाय: – उपाय है। कच्छपः – कछुआ। वदति – बोला। युवां – तुम दोनों। काष्ठदण्डम् – लकड़ी के डंड़े को। एकं – एक। चञ्च्वा – चोंच से। धारयताम् – पकड़ लो। अहं – में। काष्ठदण्डमध्ये – उस डंडे के माध्यम में। अवलम्ब्य – लटक कर। युवयोः – तुम दोनों के। पक्षबलेन – पंखों के बल से। सुखेन – आराम से। गमिष्यामि – उड़ जाऊंगा। अकथयताम् – बोले। सम्भवति – संभव है। एष: – यह। अपायोऽपि वर्तते – हानि भी है। आवाभ्यां – हमारे द्वारा। नीयमानं – ले जाते हुए। त्वामवलोक्य – तुम्हें देखकर। जनाः – लोग। किञ्चिद् – कुछ। वदिष्यन्ति – बोलेंगे। एव – ही। त्वमुत्तरं – तुम उत्तर। दास्यसि – दोगे। तदा – तो। तव – तुम्हारा। मरणं – मरना। निश्चितम् – निश्चित है।
Translation in Hindi – दोनों हंस बोले कि हम इसमें क्या उपाय कर सकते हैं। कछुआ बोला कि तुम दोनों लकड़ी के एक डंड़े को अपनी चोंच से पकड़ो। मैं उस डंडे के माध्यम से लटक कर तुम दोनों के पंखों के बल से आराम से उड़ जाऊंगा। दोनों हंस बोले कि यह उपाय संभव है। परंतु यहां एक हानि भी है। हमारे द्वारा ले जाते हुए तुम्हें देख कर के लोग जरूर कुछ ना कुछ बोलेंगे। यदि तुम उत्तर दोगे तो तुम्हारा मरना निश्चित है।
Translation in English – Both laughed and said that what can we do in this. The tortoise said that both of you should hold a wooden stick with your beak. I will hang through that pole and go comfortably on the strength of the wings of both of you. Both the swans said that this remedy is possible. But there is a disadvantage here as well. Seeing you being carried by us, people will definitely say something or the other. If you answer, you are sure to die.
4. अतः त्वम् अत्रैव वस।’ तत् श्रुत्वा क्रुद्धः कूर्मः अवदत् “किमहं मूर्खः? उत्तरं न दास्यामि। किञ्चिदपि न वदिष्यामि।” अतः अह यथा वदामि तथा युवां कुरुतम्।
शब्दार्थ – त्वम् – तुम। अत्रैव – इसी तालाब में। वस – रहो। तत् – यह। श्रुत्वा – सुनकर। क्रुद्धः – क्रोधित। किमहं – क्या मैं। मूर्खः – मूर्ख हूं। दास्यामि – नहीं दूंगा। किञ्चिदपि – कुछ भी। वदिष्यामि – बोलूंगा। यथा – जैसा। वदामि – कहता हूं। तथा – वेसा। युवां – तुम दोनों। कुरुतम् – करो।
Translation in Hindi – अतः तुम इसी तालाब में रहो। यह सुनकर कछुआ क्रोधित होकर बोला- क्या मैं मूर्ख हूं, मैं उत्तर नहीं दूंगा। कुछ भी नहीं बोलूंगा। अतः मैं जैसा कहता हूं तुम दोनों वेसा करो।
Translation in English – So you stay in this pond. Hearing this, the tortoise got angry and said – am I a fool, I will not answer. I won’t say anything. So both of you do as I say.
5. एवं काष्ठदण्डे लम्बमान कूर्मं पौराः अपश्यन्। पश्चाद् अधावन् अवदन् च- “हंहो! महदाश्चर्यम्। हंसाभ्यां सह कूर्मोऽपि उड्डीयते।'” कश्चिद् वदति- “यद्ययं कूर्मः कथमपि निपतति तदा अत्रैव पक्त्वा खादिष्यामि।” अपरः अवदत् “सरस्तीरे दग्ध्वा खादिष्यामि “। अन्य: अकथयत्- “गृहं नीत्वा भक्षयिष्यामि” इति। तेषां तद् वचनं श्रुत्वा कूर्मः क्रुद्धः जातः। मित्राभ्यां दत्तं वचनं विस्मृत्य सः अवदत् – “यूयं भस्म खादत।” तत्क्षणमेव कूर्म: दण्डात् भूमौ पतितः पौरैः सः मारितः । अत एवोक्तम् —
शब्दार्थ – एवं – इस प्रकार। काष्ठदण्डे – उस डंडे पर। लम्बमान – लटकते हुए। कूर्मं – कछुए को। पौराः – ग्वालों ने। अपश्यन् – देखा। पश्चाद् – पीछे। अधावन् – दौड़े। अवदन् च – और बोले। हंहो – अरे। महदाश्चर्यम् – बहुत बड़ा आश्चर्य है। हंसाभ्यां – हंसों के। सह – साथ। कूर्मोऽपि – कछुआ भी। उड्डीयते – उड़ रहा है। कश्चिद् – कोई। वदति – बोला। यद्ययं – यदि यह। कथमपि – किसी भी प्रकार से। निपतति – गिरता है। तदा – तो। अत्रैव – यही। पक्त्वा – पकाकर। खादिष्यामि – खाऊंगा। अपरः – दूसरा। सरस्तीरे – तालाब के किनारे। दग्ध्वा – भूनकर। गृहं – घर। नीत्वा – ले जाकर। भक्षयिष्यामि – खाऊंगा। तेषां – उन लोगों की। तद् – वे। वचनं – बातें। श्रुत्वा – सुनकर। जातः – हो गया। मित्राभ्यां – मित्रों द्वारा। दत्तं – दिए गए। वचनं – वचन को। विस्मृत्य – भूलकर। सः – वह । अवदत् – बोला। यूयं – तुम सब। भस्म – राख। खादत – खाओ। तत्क्षणमेव – उसी क्षण। दण्डात् – डंडे से। भूमौ – भूमि पर। पतितः – गिर गया। पौरैः – ग्वालों के द्वारा। सः – वह। मारितः – मारा गया। एवोक्तम् – कहा गया है।
Translation in Hindi – इस प्रकार उस डंडे पर लटकते हुए कछुए को ग्वालों ने देखा। वे पीछे दौड़े और बोले – अरे बहुत बड़ा आश्चर्य है। हंसों के साथ कछुआ भी उड़ रहा है। कोई बोला यदि कछुआ किसी भी प्रकार से गिरता है तो उसे यही पकाकर खाऊंगा। दूसरा बोला तालाब के किनारे भूनकर खाऊंगा। और तीसरा बोला घर ले जाकर खाऊंगा। उन लोगों की बात सुनकर वह कछुआ क्रोधित हो गया। मित्रों द्वारा दिए गए वचन को भूलकर वह बोला तुम सब राख खाओ। उसी क्षण कछुआ डंडे से भूमि पर गिर गया। उनको ग्वालों के द्वारा वह मारा गया। अतः कहा गया है-
Translation in English – Thus the cowherds saw the turtle hanging on that pole. He ran back and said – Oh, it’s a big surprise. The tortoise is also flying along with the swans. Somebody said if the tortoise falls in any way, then cook it this way. The second said, I will eat it after frying it on the bank of the pond. And the third said, I will take home and eat. Hearing those words, the tortoise became angry. Forgetting the promise given by friends, he said, eat all of you ashes. At that very moment the tortoise fell to the ground with the stick. He was killed by his people. Hence it is said-
6. सुहृदां हितकामानां वाक्यं यो नाभिनन्दति ।
स कूर्म इव दुर्बुद्धिः काष्ठाद् भ्रष्टो विनश्यति॥
अन्वयः – यो हितकामानां सुहृदां वाक्यं नाभिनन्दति। स दुर्बुद्धिः कूर्म इव काष्ठाद् भ्रष्टो विनश्यति।
शब्दार्थ – सुहृदां – मित्रों की। हितकामानां – भला चाहने वाले। वाक्यं यो – बात को। नाभिनन्दति – नहीं मानता है। स – वह। कूर्म – कछुए। इव – की तरह। दुर्बुद्धिः – बुरी बुद्धि वाला। काष्ठाद् – डंडे से। भ्रष्टो – अलग होकर। विनश्यति – नष्ट हो जाता है।
Translation in Hindi – जो व्यक्ति अपना भला चाहने वाले मित्रों की बात नहीं मानता है वह व्यक्ति उस कछुए की तरह डंडे से अलग होकर नष्ट हो जाता है।
Translation in English – The person who does not listen to his friends who want his good, that person is destroyed by being separated from the stick like that tortoise.
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