हमारे त्योहार Class 9 नैतिक शिक्षा Chapter 9 Explain HBSE Solution

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हमारे त्योहार Class 9 Naitik Siksha Chapter 9 Explain


भारत त्योहारों का देश है। यहाँ सभी धर्मों के लोग अपने त्योहार दिल की उमंग से मिल-जुलकर मनाते हैं और एक-दूसरे के उत्सवों में सम्मिलित होते हैं। होली, दिवाली, दशहरा, रक्षाबन्धन यदि हिन्दुओं के प्रसिद्ध त्योहार हैं तो मुस्लिमों की ईद, मुहर्रम व रमज़ान, ईसाइयों का ईस्टर, क्रिसमस व गुडफ्राइडे । सिक्खों का लोहड़ी व बैसाखी और पारसियों का नवरोज।

जिस प्रकार हम सभी अपने अपने जन्मदिन पर पारिवारिक उत्सव मनाते हैं, उसी प्रकार प्रत्येक सम्प्रदाय के लोग अपने देवी-देवताओं के जन्मदिन को धूमधाम से त्योहार के रूप में मनाते हैं। इसी कड़ी में भगवान राम का जन्मदिन ‘रामनवमी’ को, श्रीकृष्ण का ‘कृष्ण जन्माष्टमी को, भगवान परशुराम का अक्षय तृतीया (आखा तीज) को तथा प्रथम पूज्य गणेश का गणेश चतुर्थी को मनाया जाता है। मुस्लिमों द्वारा हजरत मोहम्मद के जन्मदिन को ‘ईदे मिलादुल नबी के रूप में तथा ईसाइयों द्वारा ईसा मसीह के जन्मदिन को क्रिसमस के रूप में मनाया जाता है। जैनियों द्वारा जैन धर्म के संस्थापक महावीर स्वामी के जन्मदिन को ‘महावीर जयन्ती के रूप में, बौद्धों द्वारा महात्मा बुद्ध के जन्मदिन को ‘बुद्ध- पूर्णिमा के रूप में और सिक्खों द्वारा गुरु नानक देव के जन्मदिन को ‘गुरुपर्व के रूप में मनाया जाता है।

सभी सम्प्रदायों के पर्वों के पीछे कोई न कोई कहानी जुड़ी है, जो हमें स्वच्छता, मिलजुल कर रहने, एक दूसरे की मदद करने, त्याग करुणा इत्यादि भावों की प्रेरणा देने, दान व तप के महत्त्व का सन्देश देती है। हमारे कुछ पर्व कई-कई दिन तक भी आयोजित होते हैं, जैसे हिन्दू साल में दो बार ‘नवरात्र’ मनाते हैं। इस दौरान आस्थावान लोग नौ दिनों तक अन्न ग्रहण नहीं करते। मुस्लिम रमजान के पूरे महीने में दिन के समय भोजन ग्रहण नहीं करते। श्रद्धालु जैन अनुयायी चातुर्मास्य करते हुए चार महीनों तक व्रत करते हैं। ये उपवास जहाँ हमारे शारीरिक विकारों को दूर करते हैं, वहीं मन को भी पवित्र कर संकल्पवान बनाते हैं, आन्तरिक दृढ़ता उत्पन्न करते हैं।

देश की दृष्टि से हम सब भारतवासी अपनी आजादी के पर्व को ‘पन्द्रह अगस्त व संविधान लागू किए जाने के ऐतिहासिक दिन ‘छब्बीस जनवरी को गणतन्त्र दिवस के रूप में मनाते हैं। आज़ादी के आन्दोलन में अहिंसा के पथ पर चलते हुए अपनी आहुति देने वाले राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी के जन्मदिन को ‘गाँधी जयन्ती के रूप में मनाते हैं। हम अपने इन सभी धार्मिक व राष्ट्रीय त्योहारों को दिल की गहराई से मनाते हैं। इसलिए इन अवसरों पर मेलों व खेलों का आयोजन भी किया जाता है।

हमारे त्योहार तथा खेल आयोजन हमें मिल-जुलकर रहने की प्रेरणा देते हैं, जिससे भारत की राष्ट्रीय भावना भी मजबूत होती है। हरियाणा प्रदेश के अनेक गाँवों में कुछ विशेष त्योहारों पर कुश्ती दंगल व कबड्डी जैसे खेलों का आयोजन किया जाता है। इन खेलों की कई दिनों पहले से तैयारी आरम्भ कर दी जाती है। खेल के दौरान बहुत भीड़ जुटती है, जो खिलाड़ियों के मनोबल को बढ़ाती है। खेलों के दौरान सहज भाव से निकलने वाली किलकारियों से जो माहौल बनता है, वह देखने लायक होता है। विजेता खिलाड़ियों को लोग अपने कन्धों पर बैठाकर ‘विजय जुलूस निकालते हैं, वहीं हारने वाले खिलाड़ी अगले आयोजन के लिए और बेहतर प्रदर्शन का संकल्प लेकर तैयारी में जुट जाते हैं।

ईश्वर से कामना है कि हम सभी धर्मों के मानने वाले एक-दूसरे के त्योहारों में खुशियाँ मनाते रहें मानवता का पाठ सीखते रहें और राष्ट्रीय पर्वों के माध्यम से अपनी राष्ट्रीय एकता को मजबूत करते रहें।


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