HBSE Class 11 नैतिक शिक्षा Chapter 1 सरस्वती वंदना Explain Solution

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HBSE Class 11 Hindi Naitik Siksha Chapter 1 सरस्वती वंदना / Saraswati Vandana Explain for Haryana Board of नैतिक शिक्षा Class 11th Book Solution.

सरस्वती वंदना Class 11 Naitik Siksha Chapter 1 Explain


सारे संसार में माँ सरस्वती को विद्या की देवी के रूप में पूजा जाता है। शिक्षा, ज्ञान व बुद्धिमत्ता की प्राप्ति हेतु माँ सरस्वती की उपासना विभिन्न प्रार्थनाओं द्वारा की जाती है। विद्यार्थी, संगीतकार, कलाकार, चिकित्सक व वैज्ञानिक आदि सभी ज्ञान प्राप्ति हेतु माँ सरस्वती की विशेष अनुकम्पा से जड़-बुद्धि भी विद्वान् होकर जगत् में प्रसिद्ध हो जाते हैं । अतः हम सभी को अपने-अपने क्षेत्र में ज्ञान की प्राप्ति के लिए माँ शारदा से वाणी रूपी आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए और जीवन की सार्थकता के लिए प्रार्थना करनी चाहिए।

या कुन्देन्दुतुषारहार धवला या शुभ्रवस्त्रावृता ।
या वीणा वरदण्डमण्डितकरा या श्वेतपद्मासना ।।
या ब्रह्माच्युतशंकरप्रभृतिभिर्देवैः सदा वन्दिता।
सा मां पातु सरस्वती भगवती निःशेषजाड्यापहा ।।

भावार्थ – जो विद्या की देवी भगवती कुन्द के फूल, चन्द्रमा, हिमराशि और मोती के हार की तरह धवल वर्ण की है, और श्वेत वस्त्र धारण करती है, जिसके हाथ में वीणादण्ड शोभायमान है, जिसने श्वेत कमल पर आसन ग्रहण किया है तथा ब्रह्मा, विष्णु एवं शंकर आदि देवताओं द्वारा जो सदा पूजी जाती है, वही सम्पूर्ण जड़ता और अज्ञान को दूर कर देने वाली माँ सरस्वती हमारी रक्षा करे।

शुक्लां ब्रह्मविचारसारपरमाम् आद्यां जगद्व्यापिनीम् ।
वीणापुस्तकधारिणीम् अभयदां जाड्यान्धकारापहाम् ।।
हस्ते स्फाटिकमालिकां विदधतीं पद्मासने संस्थिताम् ।
वन्दे तां परमेश्वरीं भगवतीं बुद्धिप्रदां शारदाम् ।।

भावार्थ – शुक्ल वर्ण वाली, परब्रह्म के विषय में किए गए विचार के साररूप, आदि शक्ति, समस्त जगत् में विद्यमान हाथों में वीणा और पुस्तक धारण करने वाली, सभी प्रकार से अभय दान देने वाली, जड़ता रूपी अन्धकार को हरनेवाली, हाथ में स्फटिक पत्थर की माला धारण करनेवाली, पद्मासन पर विराजमान, बुद्धि प्रदान करने वाली और सर्वोच्च ऐश्वर्य से अलंकृत भगवती शारदा की मैं वन्दना करता हूँ।


 

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