HBSE Class 11 नैतिक शिक्षा Chapter 17 डाॅο ए. पी. जे. अब्दुल कलाम Explain Solution

Class 11 Hindi Naitik Siksha BSEH Solution for Chapter 17 डाॅο ए. पी. जे. अब्दुल कलाम Explain for Haryana board. CCL Chapter Provide Class 1th to 12th all Subjects Solution With Notes, Question Answer, Summary and Important Questions. Class 11 Hindi mcq, summary, Important Question Answer, Textual Question Answer, Word meaning, Vyakhya are available of नैतिक शिक्षा Book for HBSE.

Also Read – HBSE Class 11 नैतिक शिक्षा Solution

Also Read – HBSE Class 11 नैतिक शिक्षा Solution in Videos

HBSE Class 11 Hindi Naitik Siksha Chapter 17 डाॅο ए. पी. जे. अब्दुल कलाम / doctor apj abdul kalam Explain for Haryana Board of नैतिक शिक्षा Class 11th Book Solution.

डाॅο ए. पी. जे. अब्दुल कलाम Class 11 Naitik Siksha Chapter 17 Explain


अबुल पाकिर जैनुल्लाब्दीन अब्दुल कलाम अथवा ए.पी.जे. अब्दुल कलाम को मिसाइल मैन के नाम से जाना जाता है। उनका जन्म 15 अक्तूबर 1931 को तमिलनाडु में धनुष्कोटि गाँव में एक मध्यम वर्गीय मुस्लिम परिवार में हुआ। इनके पिता मछुआरों को नाव किराये पर दिया करते थे। पाँच वर्ष की अवस्था में रामेश्वरम् के पंचायत प्राथमिक विद्यालय में उनको दाखिल कराया गया। सन् 1958 में इन्होंने मद्रास इंस्टीच्यूट ऑफ टेक्नोलाजी में अंतरिक्ष विज्ञान में स्नातक की उपाधि प्राप्त की। स्नातक होने के बाद उन्होंने हावरक्राफ्ट परियोजना पर काम करने के लिए भारतीय रक्षा अनुसन्धान एवं विकास संस्थान में प्रवेश किया ।

सन् 1962 में वे भारतीय रक्षा अनुन्धान संगठन में आये। यहाँ उन्होंने सफलतापूर्वक कई उपग्रह प्रक्षेपण कर परियोजनाओं में अपनी भूमिका निभाई। परियोजना निदेशक के रूप में भारत के पहले स्वदेशी उपग्रह प्रक्षेपण यान एस.एल.वी. 3 का निर्माण कर रोहिणी उपग्रह सफलतापूर्वक अंतरिक्ष में प्रक्षेपित किया। उन्होंने कहा भी है कि ‘बिना प्रयास के कभी सफलता नहीं मिलती और सच्चा प्रयास कभी असफल नहीं होता।’ उनकी सच्ची लगन और प्रयासों से ही सब कुछ सफल रहा। सन् 1992 से 1999 तक रक्षामन्त्री के विज्ञान सलाहकार तथा सुरक्षा शोध और विकास विभाग के सचिव रहे। उन्होंने रणनीतिक प्रक्षेपास्त्र प्रणाली का उपयोग आग्नेयास्त्रों के रूप में किया। इसी प्रकार पोखरण में दूसरी बार परमाणु परीक्षण भी परमाणु ऊर्जा के साथ मिलाकर किया। इस तरह भारत ने परमाणु हथियार के निर्माण की क्षमता प्राप्त करने में सफलता अर्जित की। डॉ० कलाम ने भारत के विकास स्तर को 2020 तक विज्ञान के क्षेत्र में अत्याधुनिक करने के लिए एक विशिष्ट प्रदान की। वे भारत सरकार के मुख्य वैज्ञानिक सलाहकार थे।

उन्होंने अपना पूरा ध्यान ‘गाईडेड मिसाइल’ के विकास पर केन्द्रित किया। जमीन से जमीन पर मार करने वाली मिसाइल प्रणाली को पृथ्वी और टेक्निकल कोर व्हीकल मिसाइल को त्रिशूल नाम दिया गया। जमीन से हवा में मार करने वाली रक्षा प्रणाली को आकाश और टैंकरोधी मिसाइल परियोजना को नाग नाम दिया गया। डॉ० अब्दुल कलाम ने अपने मन में संजोए रेक्स के बहुप्रतीक्षित सपने को अग्नि नाम दिया। अग्नि मिसाइल और पृथ्वी मिसाइल के सफल परीक्षण का श्रेय उन्हीं को जाता है। सन् 1998 में भारत ने पोखरण में अपना दूसरा सफल परमाणु परीक्षण किया। उनके अथक प्रयासों से भारत परमाणु शक्ति सम्पन्न देशों की सूची में आ गया है। ‘भारत रत्न’ से सम्मानित अब्दुल कलाम देश के सच्चे सपूत थे। 27 जुलाई 2015 को यह महान आत्मा इस संसार से विदा हो गई।

डॉ० अब्दुल कलाम राजनीतिक क्षेत्र के व्यक्ति नहीं थे लेकिन राष्ट्रवादी सोच और भारत की कल्याण सम्बन्धी नीतियों के कारण उन्हें राजनीतिक दृष्टि से सम्पन्न माना गया।

इसी चिन्तन के अधार पर डॉ० अब्दुल कलाम भारत के ग्यारहवें राष्ट्रपति निर्वाचित हुए थे। वे जुलाई 2002 से जुलाई 2007 तक इस पद पर रहे। श्री कलाम बातचीत में बड़े विनोदप्रिय स्वभाव के थे। वे अपनी बात को बड़ी सरलता से रखते थे। इनके व्यवहार में हास्यमिश्रित वाक्यों का प्रयोग हुआ करता था। डॉ० कलाम सभी प्रसंगों को मानवीयता की कसौटी पर रखते थे। डॉ० कलाम के लिए जाति, धर्म, वर्ग, समुदाय जैसा कोई भेद महत्त्व नहीं रखता था। वे सर्वधर्म समभाव के प्रतीक थे।

डा० अब्दुल कलाम ने अपनी कलम से अपने व्यक्तिगत एवं व्यावसायिक संघर्षो के वर्णन के साथ अग्नि, पृथ्वी, आकाश, त्रिशूल एवं नाग मिसाइलों के विकास की कहानी भी लिखी है। उन्होंने अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर भारत को मिसाइल सम्पन्न देश के रूप में जगह दिलाई। भारत को एक महाशक्ति के रूप में देखने का उनका सपना अवश्य पूरा होगा।


 

Leave a Comment