HBSE Class 11 नैतिक शिक्षा Chapter 2 यम नियम Question Answer Solution

Class 11 Hindi Naitik Siksha BSEH Solution for Chapter 2 यम नियम Question Answer for Haryana board. CCL Chapter Provide Class 1th to 12th all Subjects Solution With Notes, Question Answer, Summary and Important Questions. Class 11 Hindi mcq, summary, Important Question Answer, Textual Question Answer, Word meaning, Vyakhya are available of नैतिक शिक्षा Book for HBSE.

Also Read – HBSE Class 11 नैतिक शिक्षा Solution

Also Read – HBSE Class 11 नैतिक शिक्षा Solution in Videos

HBSE Class 11 Hindi Naitik Siksha Chapter 2 यम नियम / Yam Niyam Question Answer for Haryana Board of नैतिक शिक्षा Class 11th Book Solution.

यम नियम Class 11 Naitik Siksha Chapter 2 Question Answer


ज्ञानात्मक प्रश्न


प्रश्न 1. योग के कितने अंग हैं ? उनके नाम लिखें।

उत्तर – योग के आठ अंग है –

  1. यम
  2. नियम
  3. आसन
  4. प्राणायाम
  5. प्रत्याहार
  6. धारणा
  7. ध्यान
  8. समाधि

प्रश्न 2. योगदर्शन का लेखक कौन है ?

उत्तर – पतंजलि ऋषि


प्रश्न 3. यम के कितने भेद हैं ? उनके नाम लिखें।

उत्तर – यम के पाँच भेद हैं – अहिंसा, सत्य, अस्तेय, ब्रह्मचर्य और अपरिग्रह।


प्रश्न 4. नियम के कितने भेद हैं ? उनके नाम लिखें।

उत्तर – नियम पाँच होते हैं- शौच, सन्तोष, तप, स्वाध्याय और ईश्वर प्रणिधान


प्रश्न 5. सत्य किसे कहते हैं ?

उत्तर – प्रत्यक्ष में देखा, सुना, पढ़ा व अनुमान किया गया कि जो ज्ञान मन में है, उसे वैसा ही वाणी से प्रकट करना और उसी को शरीर से आचरण में लाना सत्य कहलाता है।


भावात्मक प्रश्न


प्रश्न 1. तप से क्या अभिप्राय है ?

उत्तर – द्वन्द्वों को सहन करना ही तप कहलाता है। धर्माचरणरूप उत्तम करने योग्य कर्मों को करते हुए भूख-प्यास सर्दी-गर्मी, हानि-लाभ, मान-अपमान तथा भय-दुःख आदि द्वन्द्वों को धैर्य पूर्वक सहन करना ही तप है।


प्रश्न 2. योग दिवस मनाने से विश्व में क्या प्रभाव पड़ेगा ?

उत्तर – योग दिवस मनाने से विश्व के सभी मनुष्यों को मन, वचन और कर्म से स्वस्थ रहने के लिए प्रेरणा मिलेगी।


प्रश्न 3. शुद्धि में प्रकारों का वर्णन कीजिए ।

उत्तर – शुद्धि दो प्रकार की होती है- बाह्यशुद्धि और आन्तरिकशुद्धि। शरीर, वस्त्र, पात्र, स्थान, खान-पान आदि को शुद्ध रखना बाह्य शुद्धि कहलाती है। विद्या, सत्संग, स्वाध्याय, सत्यभाषण आदि का मन, वचन और कर्म से पालन करना आन्तरिक शुद्धि है।


प्रश्न 4. स्वाध्याय किसे कहते हैं ?

उत्तर – वेद उपनिषद् तथा सत् शास्त्रों को पढ़ना तथा उनके द्वारा प्रतिपादित विषय का चिन्तन करना स्वाध्याय कहलाता है।


प्रश्न 5. तृष्णा का त्याग क्या कहलाता है?

उत्तर – अपरिग्रह


Leave a Comment