HBSE Class 11 नैतिक शिक्षा Chapter 4 मानव धर्म Explain Solution

Class 11 Hindi Naitik Siksha BSEH Solution for Chapter 4 मानव धर्म Explain for Haryana board. CCL Chapter Provide Class 1th to 12th all Subjects Solution With Notes, Question Answer, Summary and Important Questions. Class 11 Hindi mcq, summary, Important Question Answer, Textual Question Answer, Word meaning, Vyakhya are available of नैतिक शिक्षा Book for HBSE.

Also Read – HBSE Class 11 नैतिक शिक्षा Solution

Also Read – HBSE Class 11 नैतिक शिक्षा Solution in Videos

HBSE Class 11 Hindi Naitik Siksha Chapter 4 मानव धर्म / Manav Dharam Explain for Haryana Board of नैतिक शिक्षा Class 11th Book Solution.

मानव धर्म Class 11 Naitik Siksha Chapter 4 Explain


गुरु गोविन्द सिंह जी ने मानव धर्म को ही सर्वोपरि माना। उनके जीवन काल का एक संस्मरण इस बात का प्रमाण है। गुरु गोबिन्द जी ने भाई कन्हैया की नियुक्ति रणभूमि में घायलों को जल पिलाने के लिए की। युद्ध के दौरान हिन्दू, मुसलमान, सिक्ख, पठान आदि किसी भी सैनिक को प्यास लगती उसे वे पानी पिला देते । युद्धभूमि में घूम-घूम कर घायल सैनिकों को बिना किसी पक्षपात के पानी पिलाते। सिक्ख सैनिकों को यह बात अच्छी नहीं लगी कि वे शत्रुओं के सैनिकों को भी जल पिलाए, इसकी शिकायत उन्होंने गुरु जी से की। गुरु गोविन्द सिंह जी ने भाई कन्हैया को बुलाकर वास्तविकता की जानकारी ली। भाई कन्हैया ने बताया कि गुरु जी, सब आप की ही कृपा है, युद्धभूमि में मुझे कोई भी अपना या पराया नहीं महसूस होता। उसकी यह बात सुनकर गुरुजी बहुत प्रसन्न हुए व उसे गले से लगा कर कहा, ‘अरे भाई! तूने गुरुमत को सही तरह से समझा ।’ इसके बाद गुरु जी ने भाई कन्हैया के नेतृत्व में एक सेवादार जत्था तैयार करवाया जो दोनों पक्षों के सैनिकों को न केवल पानी पिलाए बल्कि घायलों की मरहम पट्टी भी बिना किसी भेदभाव के करे।

इस प्रकार गुरु गोबिन्द जी की नजर में कोई भी वैरी या बेगाना नहीं था, उनकी नजर में _

अवल अल्ला नूर उपाया, कुदरत दे सब बन्दे । 
एक नूर तों सब जग उपजया, कौन भले कौन मन्दे ।।

गुरु जी की नजर में ऊँच-नीच या जात-पात का कोई भेदभाव नहीं था। गुरु नानक देव जी द्वारा शुरू की गई लंगर की प्रथा को भी गुरु गोविन्द सिंह जी ने जारी रखा जो आज भी जारी है, जिसमें बिना किसी भेद-भाव के सर्वजन एक पंक्ति में बैठ कर ही भोजन करते हैं। अतः गुरु गोविन्द सिंह जी ने सच्चे सन्त सिपाही बन कर जहाँ राष्ट्र की सुरक्षा का लक्ष्य अपने सामने रखा, वहीं सेवा, त्याग व मानवधर्म को सर्वोपरि माना।


Leave a Comment

error: