HBSE Class 11 नैतिक शिक्षा Chapter 9 वीर सावरकर Important Question Answer Solution

Class 11 Hindi Naitik Siksha BSEH Solution for Chapter 9 वीर सावरकर Important Question Answer for Haryana board. CCL Chapter Provide Class 1th to 12th all Subjects Solution With Notes, Question Answer, Summary and Important Questions. Class 11 Hindi mcq, summary, Important Question Answer, Textual Question Answer, Word meaning, Vyakhya are available of नैतिक शिक्षा Book for HBSE.

Also Read – HBSE Class 11 नैतिक शिक्षा Solution

Also Read – Class 11 Hindi NCERT Solution

Also Read – HBSE Class 11 नैतिक शिक्षा Solution in Videos

HBSE Class 11 Hindi Naitik Siksha Chapter 9 वीर सावरकर / Veer Savarkar Important Question Answer for Haryana Board of नैतिक शिक्षा Class 11th Book Solution.

वीर सावरकर Class 11 Naitik Siksha Chapter 9 Important Question Answer


प्रश्न 1. वीर सावरकर का जन्म कब और कहाँ हुआ ?

उत्तर – वीर सावरकर का जन्म 28 फरवरी, 1883 को महाराष्ट्र के नासिक जिले के भंगुर नामक गाँव में हुआ


प्रश्न 2. सावरकर और उनके बड़े भाई का नाम बताइए।

उत्तर – सावरकर का नाम विनायक और उनके बड़े भाई का नाम गणेश था।


प्रश्न 3. वीर सावरकर मेरिया नामक जहाज से किस प्रकार बच निकले?

उत्तर – मेरिया जहाज में बन्दी होने पर वे समुद्र में कूद पड़े और तैरकर फ्राँस के भू-भाग पर पहुँच गए।


प्रश्न 4. वीर सावरकर जन्मजात कवि थे। टिप्पणी कीजिए।

उत्तर – सावरकर जन्मजात कवि थे। कारावास में रहते हुए भी उन्होंने काव्यों की रचना की। काव्यरचना लोहे की कील से दीवार पर लिखकर कण्ठस्थ करते थे। उन्होंने अनेक काव्यों की रचना की यथा कमला, महासागर आदि ।


प्रश्न 5. सावरकर की मन्दिर निर्माण के पीछे क्या भावना थी ?

उत्तर – सावरकर ने रत्नागिरि में पतितपावन मन्दिर की स्थापना की और उसका उद्घाटन शंकराचार्य द्वारा करवाया। सभी भेदभाव को भुलाकर लोग एक जगह बैठकर भोजन कर सकें, इसके लिए सहभोज कार्यक्रम का आयोजन किया गया।


प्रश्न 6. वीर सावरकर ने स्वतन्त्रता प्राप्ति को सर्वोपरि कैसे माना ?

उत्तर – उन्होंने ‘भारतीय इतिहास के छः स्वर्णिम पृष्ठ’ नामक बृहद् ऐतिहासिक ग्रन्थ लिखा। इसके द्वारा भारतीयों में स्वाभिमान जागृत करने का प्रयास किया। सावरकर ने गृहस्थ जीवन की अपेक्षा स्वतन्त्रता प्राप्ति को सर्वोपरि माना और अन्त समय तक उसकी रक्षा के लिए प्रयासरत रहे।


 

Leave a Comment