Class 12 Hindi Naitik Siksha BSEH Solution for Chapter 18 जगत् की उत्पत्ति Important Question Answer for Haryana board. CCL Chapter Provide Class 1th to 12th all Subjects Solution With Notes, Question Answer, Summary and Important Questions. Class 12 Hindi mcq, summary, Important Question Answer, Textual Question Answer, Word meaning, Vyakhya are available of नैतिक शिक्षा Book for HBSE.
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HBSE Class 12 Naitik Siksha Chapter 18 जगत् की उत्पत्ति / Jagat ki utpatti Important Question Answer for Haryana Board of नैतिक शिक्षा Class 12th Book Solution.
जगत् की उत्पत्ति Class 12 Naitik Siksha Chapter 18 Important Question Answer
प्रश्न 1. बौद्धदार्शनिकों के अनुसार जगत् की उत्पत्ति किस कारण से हुई है ?
उत्तर – बौद्धदार्शनिक जगत् उत्पत्ति कारण के रूप में ईश्वर या आत्मा जैसे किसी तत्त्व की सत्ता स्वीकार नहीं करते। इनके अनुसार जगत् रचना प्रतीत्समुत्पाद अर्थात् कारण कार्य नियम के आधार पर रूप, विज्ञान, वेदना, संज्ञा और संस्कार इन पाँच स्कन्धों के मिश्रण से होती है।
प्रश्न 2. वैज्ञानिक दृष्टिकोण से जगत् की उत्पत्ति किससे मानी गई है ?
उत्तर – पृथ्वी की उत्पत्ति पर वैज्ञानिक दृष्टिकोण से विचार करते हुए कहा है। कि बहुत वर्षों पूर्व एक बड़ा पुच्छल तारा सूर्य के समीप होकर गुजरा, जिससे दोनों में टक्कर हुई। इस टक्कर से सूर्य से द्रव निकलकर अलग हो गया। कालान्तर में यही द्रव ठण्डा होकर सौरमण्डल की रचना का कारण बना। पदार्थ के जो हिस्से बड़े थे, उनसे ग्रह बने और जो हिस्से छोटे थे, उनसे उपग्रह बने।
प्रश्न 3. जगत् को सामान्य भाषा में अन्य किन नामों से जाना जाता है ?
उत्तर – जगत् को सामान्य भाषा में संसार, विश्व आदि नामों से भी जाना जाता है।
प्रश्न 4. भारतीय दर्शनों के अनुसार जगत् की उत्पत्ति का वर्णन करें ।
उत्तर –
- चार्वाक एक भौतिकवादी और सुखवादी दर्शन है। इसके अनुसार पृथ्वी, जल, तेज और वायु-इन चार भूतों के मिश्रण से समस्त जगत् की उत्पत्ति होती है।
- बौद्धदार्शनिक जगत् उत्पत्ति कारण के रूप में ईश्वर या आत्मा जैसे किसी तत्त्व की सत्ता स्वीकार नहीं करते। इनके अनुसार जगत् रचना प्रतीत्समुत्पाद अर्थात् कारण कार्य नियम के आधार पर रूप, विज्ञान, वेदना, संज्ञा और संस्कार इन पाँच स्कन्धों के मिश्रण से होती है।
- जैनमत के अनुसार जगत् की रचना परमाणुओं से हुई है।
- न्यायशास्त्र के अनुसार पृथ्वी आदि पाँच भूतों के परमाणु ईश्वर की इच्छा से क्रियाशील होकर जगत् की रचना करते हैं। ये पाँच भूत हैं पृथिवी, जल, अग्नि, वायु और आकाश ।