हौसलों की उड़ान Class 9 नैतिक शिक्षा Chapter 10 Question Answer HBSE Solution

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HBSE Class 9 Naitik Siksha Chapter 10 हौसलों की उड़ान / Honslo ki udan Question Answer for Haryana Board of नैतिक शिक्षा Class 9th Book Solution.

हौसलों की उड़ान Class 9 Naitik Siksha Chapter 10 Question Answer


प्रश्न 1. भीष्म अपनी मृत्यु को टालने जैसा असम्भव कार्य कैसे सम्भव कर पाए?

उत्तर – दृढ़ इच्छा-शक्ति के बल पर।


प्रश्न 2. समाज में सदाशयता का भाव कम क्यों हो रहा है?

उत्तर – व्यावसायिक बुद्धि को प्राप्त असन्तुलित सम्मान ने लोगों की संवेदनाओं को शुष्क कर दिया है। इसीलिए शारीरिक चुनौती से जूझते लोगों के प्रति समाज में सदाशयता का भाव कम हो रहा है।


प्रश्न 3. औपचारिक शिक्षण के साथ-साथ शिक्षण संस्थानों की और क्या जिम्मेदारी बनती है?

उत्तर –  औपचारिक शिक्षण के साथ-साथ शिक्षण संस्थानों की जिम्मेदारी समाज का सुदृढ़ीकरण व उसका सांस्कृतिक नेतृत्व करना भी है।


प्रश्न 4. स्कूल-प्रबन्धन इरा को अपने स्कूल में प्रवेश देने में आनाकानी क्यों करता था?

उत्तर –  इरा की शारीरिक दिक्कत की वजह से


प्रश्न 5. किस प्रसंग से पता चलता है कि बचपन से ही इरा के मन में असहाय व मुसीबत में पड़े लोगों के लिए सहानुभूति का भाव था?

उत्तर – इरा ने आठ वर्ष की आयु में उत्तरकाशी के भूकम्प पीड़ितों के लिए अपने गुल्लक के 91 रुपये भिजवाए थे। उसकी इच्छा थी कि वह डॉक्टर बनकर असहाय लोगों की सेवा करे। इस प्रसंग से पता लगता है कि इरा के मन में असहाय व मुसीबत में पड़े लोगों के लिए सहानुभूति का भाव था


प्रश्न 6. पिता ने इरा को जीव-विज्ञान विषय लेने से मना क्यों कर दिया?

उत्तर – पिता ने इरा की शारीरिक परेशानी को देखकर उसे जीव विज्ञान विषय लेने से मना कर दिया। उनका कहना है कि मुझे लगा, इरा मेडिकल की पढ़ाई तो कर लेगी, पर खड़े होकर सर्जरी करने में इरा को दिक्कत होगी।


प्रश्न 7. सिविल सर्विस की परीक्षा उत्तीर्ण करने पर भी इरा को पोस्टिंग क्यों नहीं मिली? क्या इससे वह निराश हो गई थी?

उत्तर – शारीरिक असामान्यता के कारण सिविल सर्विस की परीक्षा उत्तीर्ण करने पर भी इराकों पोस्टिंग नहीं मिली। इस बात से वह निराश नहीं हुई। वह अपने अधिकार के लिए कोर्ट गई। कोर्ट ने उनके पक्ष में फैसला सुनाते हुए सरकार को उन्हें नौकरी देने का आदेश दिया।


प्रश्न 8. इरा के संघर्षों से आपको क्या प्रेरणा मिलती है?

उत्तर – निराशा और मुसीबतें सबके जीवन में आती हैं। असफलता की अन्धकारमय अनुभूति से सफलता का प्रकाश फूटता है। प्रभाव पड़ता है तो इस बात से कि इस अन्धकार में प्रकाश ढूँढ़ने की आपकी शक्ति कितनी है। इस प्रकाश का स्रोत कहीं बाहर नहीं अपने अन्दर खोजना पड़ेगा।


प्रश्न 9. शारीरिक अशक्तता की पूर्ति मन की शक्ति से हो सकती है लेकिन मन की क्षीणता को शरीर की शक्ति से दूर नहीं किया जा सकता है, विषय पर अध्यापक कक्षा में चर्चा कराएँ ।

उत्तर – जब हमारा मन कमजोर हो जाता है तो हमारा कुछ भी करने का मन नहीं करता और हमारी इच्छा शक्ति खत्म हो जाती है। हमारा शरीर इसको ठीक नहीं कर सकता लेकिन अगर हमारा शरीर खराब है और इच्छाशक्ति बहुत अधिक है तो हम उस कार्य को अवश्य पूरा कर लेंगे।


प्रश्न 10. आप भी शारीरिक रूप से अशक्त कई ऐसे लोगों को जानते होंगे, जिन्होंने विपरीत परिस्थितियों के बावजूद जीवन में विशेष उपलब्धि प्राप्त की। ऐसे लोगों के बारे में चर्चा करो ।

उत्तर – छात्र स्वयं प्रयास करें।


प्रश्न 11. निःशक्त शब्द के स्थान पर आप और किन बेहतर शब्दों का प्रयोग कर सकते हैं। जानो और लिखो ।

उत्तर – कमजोर, निर्बल, क्षीण, दुर्बल


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