Indigo Class 12 English Important Question Answer – HBSE Flamingo NCERT Solution

NCERT Class 12 English Flamingo – indigo Chapter 5 Important Question Answer for HBSE. Here we Provide Class 1 to 12 all Subjects NCERT Solution with Notes, Summary, Question Answer, Important Question for HBSE and other Study Materials for CBSE, HBSE, RBSE, UP Board and some other State Boards.

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NCERT Class 12 English Flamingo Chapter 5 indigo Important Question Answer Solution for haryana board.

indigo Class 12 English Chapter 5 Important Question Answer 


1. Where did Gandhiji decide to go first and why ?
गांधी जी ने सबसे पहले कहाँ जाने का निश्चय किया और क्यों ?

Ans. Before going to Champaran, Gandhiji decided to go Muzaffarpur. Gandhiji decided to collect the all information and the true picture of Zamindari conditions in Champaran district. so Gandhiji decided to go first in Muzaffarpur.
चंपारण जाने से पहले गांधी जी ने मुजफ्फरपुर जाने का निश्चय किया। गांधीजी ने चंपारण जिले में जमींदारी की स्थिति की सभी जानकारी और सही तस्वीर एकत्र करने का फैसला किया। इसलिए गांधी जी ने सबसे पहले मुजफ्फरपुर जाने का फैसला किया।


2. Why did Rajkumar Shukla go to meet Gandhiji ?
राजकुमार शुक्ल गांधी जी से मिलने क्यों गए ?

Ans. Rajkumar Shukla was a poor peasant of Champaran district. He wants that Gandhiji come to Champaran and help the poor sharecroppers. So he came Lucknow to meet Gandhiji.
राजकुमार शुक्ल चंपारण जिले के एक गरीब किसान थे। वह चाहते हैं कि गांधी जी चंपारण आएं और गरीब बटाईदारों की मदद करें। इसलिए वे गांधी जी से मिलने लखनऊ आए।


3. How was Gandhiji treated at Rajendra Prasad’s house ?
राजेंद्र प्रसाद के घर गांधीजी के साथ कैसा व्यवहार किया गया?

Ans. When Gandhiji reached at Rajendra Prasad’s house, he was out of town. However, the servants allowed him to stay on the ground of the house. The servants mistook understand Gandhiji for an untouchable. They did not permit him to draw water from the well.
गांधीजी जब राजेंद्र प्रसाद के घर पहुंचे तो वे शहर से बाहर थे। हालांकि नौकरों ने उसे घर की जमीन पर ही रहने दिया। नौकरों ने गांधीजी को अछूत समझ लिया। उन्होंने उसे कुएँ से पानी निकालने की अनुमति नहीं दी।


4. How did Gandhiji make the peasants fearless and self-reliant ?
गांधीजी ने किसानों को निडर और आत्मनिर्भर कैसे बनाया?

Ans. Gandhiji fought a battle for the poor peasants of Champaran. After a year he was able to get justice for them. He also arranged for the Education, Health and hygiene of the peasant families. Through this process Gandhiji was able to make the peasants fearless and self-reliant.
गांधीजी ने चंपारण के गरीब किसानों के लिए लड़ाई लड़ी। एक साल बाद उन्हें न्याय मिल सका। उन्होंने किसान परिवारों की शिक्षा, स्वास्थ्य और स्वच्छता की भी व्यवस्था की। इस प्रक्रिया के माध्यम से गांधीजी किसानों को निडर और आत्मनिर्भर बनाने में सक्षम थे।


5. Why did Gandhiji go to Lucknow in December 1916 ? Who met him there and why ?
दिसम्बर 1916 में गांधीजी लखनऊ क्यों गए ? वहां उनसे कौन मिला और क्यों?

Ans. Gandhiji Go to Lucknow in December 1916 for attend the annual convention of the Indian National Congress. A poor peasant Rajkumar Shukla met him there. He was from Champaran. He wanted Gandhiji to come to Champaran and help the poor Sharecroppers.
गांधीजी दिसंबर 1916 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के वार्षिक अधिवेशन में भाग लेने के लिए लखनऊ गए। वहां एक गरीब किसान राजकुमार शुक्ल उनसे मिले। वह चंपारण का रहने वाला था। वह चाहते थे कि गांधीजी चंपारण आएं और गरीब बटाईदारों की मदद करें।


6. The Champaran episode was a turning point in Gandhiji’s life. Elucidate. ( 5 marks)
चंपारण कांड गांधीजी के जीवन में एक महत्वपूर्ण मोड़ था। स्पष्ट करें।

Ans. Champaran episode proved to be a turning point in Gandhiji life. It was totally a new experience for him. Here Gandhiji learns that these poor peoples had courage to fight for their rights. The Champaran episode also broke the myth of the dreadful British power. Gandhiji was first order for leave the place but he refused. Gandhiji received the notice, but wrote on it that he would disobey the order. At the court, he said that he was no lawbreaker. He was doing his moral duty to his people.  A Crowd of people rallied in support of Gandhiji. At last, case against Gandhiji had to be dropped and the contract of poor peasants were settled. In the Champaran, Gandhiji learned a lot.
चंपारण कांड गांधी जी के जीवन में एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हुआ। यह उनके लिए बिल्कुल नया अनुभव था। यहां गांधीजी को पता चलता है कि इन गरीब लोगों में अपने अधिकारों के लिए लड़ने का साहस था। चंपारण प्रकरण ने भयानक ब्रिटिश शक्ति के मिथक को भी तोड़ दिया। गांधीजी को पहले स्थान छोड़ने का आदेश दिया गया था लेकिन उन्होंने मना कर दिया। गांधीजी को नोटिस मिला, लेकिन उस पर लिखा कि वे आदेश की अवहेलना करेंगे। अदालत में, उन्होंने कहा कि वह कोई कानून तोड़ने वाला नहीं था। वह अपने लोगों के प्रति अपना नैतिक कर्तव्य निभा रहा था। गांधीजी के समर्थन में लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी। अंतत: गांधीजी के विरुद्ध मुकदमा छोड़ना पड़ा और गरीब किसानों के अनुबंध का निपटारा किया गया। चंपारण में गांधी जी ने बहुत कुछ सीखा।


7. How could Gandhi persuade the lawyers to follow him into jail ?
गांधी ने कैसे वकीलों को अपने पीछे जेल में जाने के लिए राजी किया?

Ans. Gandhiji persuade the lawyers by giving them his example of selfless service. Gandhiji was prepared to go to jail for poor peasants who were strangers for him. The lawyers were deeply impressed from him. So they too become ready to follow him into jail.
गांधी जी ने नि:स्वार्थ सेवा का उदाहरण देकर वकीलों को राजी किया। गांधीजी उन गरीब किसानों के लिए जेल जाने के लिए तैयार थे जो उनके लिए अजनबी थे। वकील उनसे बहुत प्रभावित थे। इसलिए वे भी उसके पीछे-पीछे जेल जाने को तैयार हो जाते हैं।


8. How did Gandhiji express his inability to accompany Rajkumar Shukla ?
गांधीजी ने राजकुमार शुक्ल के साथ जाने में असमर्थता कैसे प्रकट की ?

Ans. Rajkumar Shukla was a poor peasant from Champaran. In the annual Congress party session held at Lucknow, he came to complain about the injustices of the landlord system in Bihar. He met Gandhiji, introduced himself and told him that he had come to take him there to help the poor sharecroppers.  Gandhiji told Shukla he had an appointment in Kanpur and was also committed to go to other parts of India.
राजकुमार शुक्ल चंपारण के एक गरीब किसान थे। लखनऊ में आयोजित कांग्रेस पार्टी के वार्षिक अधिवेशन में वे बिहार में जमींदार व्यवस्था के अन्याय की शिकायत करने आए थे। उन्होंने गांधीजी से मुलाकात की, अपना परिचय दिया और उनसे कहा कि वे गरीब बटाईदारों की मदद करने के लिए उन्हें वहां ले जाने आए थे। गांधीजी ने शुक्ल से कहा कि उनका कानपुर में समय है और वे भारत के अन्य हिस्सों में जाने के लिए भी प्रतिबद्ध हैं।


 

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