ईश-वंदना Class 9 नैतिक शिक्षा Chapter 1 Explain HBSE Solution

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HBSE Class 9 Naitik Siksha Chapter 1 ईश-वंदना / Ish Vandana Explain for Haryana Board of नैतिक शिक्षा Class 9th Book Solution.

ईश-वंदना Class 9 Naitik Siksha Chapter 1 Explain


त्वं हि विश्वतोमुख! विश्वतः परिभूरसि ।
अप नः शोशुचद् अघम् ।। (ऋग्वेद 1/97/6)

शब्दार्थ त्वं – तुम / आप। विश्वतोमुख – सर्वव्यापी। विश्वतः – सभी को सुख देने वाले आप (भगवान)। परिभूरसि – सच प्रकार से। शोशुचद् – पाप। अघम् – दूर करो।

व्याख्या – आप सर्वव्यापी है। सभी को सुख देने वाले आप सच में बहुत शक्तिशाली हो इसीलिए आप हमारे पापों को दूर करो।


हे अग्रणी! हमारे, परमात्म रूप प्यारे !
सबके प्रमुख ! तुम्हीं हो, सब ओर नेत्र धारे।

शब्दार्थ अग्रणी – महत्वपूर्ण। परमात्म – परमात्मा। सब ओर – चारों तरफ। नेत्र – नजर। धारे – धारण की है।

व्याख्या – हे परमात्मा! सबसे महत्वपूर्ण तुम ही हो जिसने चारों तरफ अपनी नजरें धारण की है अर्थात जो चारों तरफ का सब कुछ देख रहा है।


सब में तुम्हीं बसे हो, सब में तुम्हीं रमे हो;
मोहक छटा तुम्हारी, हम देख-देख हारे ।

शब्दार्थ बसे – विद्यमान। रमे – समाए। मोहक – सुंदर।

व्याख्या – सभी के अंदर तुम ही विद्यमान हो। सभी के कण-कण में तुम समाए हुए हो। तुम्हारी यह मन को हरने वाली सुंदरता देखकर हम हार चुके हैं। अर्थात आप बहुत ही सुंदर हो जिससे लगातार देखते रहने का ही मन करता रहता है।


तुम देखते हो हमको, सुनते हो सब हमारी;
‘प्रभु’ हो तुम्हीं हमारे, ‘परिभू’ सभी से न्यारे।

शब्दार्थ परिभू – भगवान। न्यारे – अलग।

व्याख्या – हे प्रभु तुम हमको देखते रहते हो और हमारी सभी बातें सुनते रहते हो। तुम ही हमारे प्रभु हो और तुम सभी भगवानों से अलग हो।


जो कुछ करें तुम्हारा, जो कुछ धरें तुम्हारा;
तुमको तुम्हारा अर्पित, हम कर रहे हैं सारे ।

शब्दार्थ धरें – रखना

व्याख्या – अगर कोई तुम्हारे लिए कुछ करता है और जो तुम्हारे लिए ही कुछ धारण करता है हम सभी वह सब तुम्हीं को अर्पित करते है।


हे पाप के विनाशक! सब पाप नष्ट कर दो;
आए शरण तुम्हारी, तुम ही हो बस सहारे ।
– डॉ. बद्रीप्रसाद पंचोली

शब्दार्थ विनाशक –  विनाश करने वाला।

व्याख्या – हे पाप का विनाश करने वाले भगवान! आप सभी पापों को नष्ट कर दो। हम आपकी शरण में आए हैं अब आप ही बस हमारा इकलौते सहारा हो।


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