जीवन को दे नया आयाम : प्राणायाम Class 9 नैतिक शिक्षा Chapter 2 Question Answer HBSE Solution

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HBSE Class 9 Naitik Siksha Chapter 2 जीवन को दे नया आयाम : प्राणायाम / Jivan ko de nya aayam pranayam Question Answer for Haryana Board of नैतिक शिक्षा Class 9th Book Solution.

जीवन को दे नया आयाम : प्राणायाम Class 9 Naitik Siksha Chapter 2 Question Answer


प्रश्न 1. प्राणायाम से क्या अभिप्राय है?

उत्तर – प्राणायाम दो शब्दों से मिलकर बना है- प्राण और आयाम प्राण अर्थात् जीवन शक्ति और आयाम अर्थात् नियमन। इस प्रकार प्राणायाम का तात्पर्य हुआ जीवन शक्ति का नियमन। निरन्तर अभ्यास के द्वारा सांस पर नियन्त्रण करके जीवन शक्ति को बढ़ाना ही प्राणायाम है।


प्रश्न 2. योग के अन्तर्गत आसन व प्राणायाम का क्या स्थान है?

उत्तर – योग के कुल आठ अंग हैं, इसी कारण इसे अष्टांग योग कहा जाता है। इसका तीसरा और चौथा अंग क्रमश: आसन और प्राणायाम होते हैं। अगर हम प्राणायाम के लिए 20-25 मिनट और अपनी ज़रूरत के अनुसार कुछ आसनों के लिए 10-15 मिनट समय निकाल लें तो स्वस्थ जीवन जीना हमारा स्वप्न नहीं अपितु यथार्थ बन जाए।


प्रश्न 3. यौगिक क्रियाएँ हमें किस प्रकार असीम आनन्द प्रदान करती हैं?

उत्तर – शरीर के आन्तरिक विकारों को दूर कर मन एवं चित्त को स्थिर करने के लिए विकसित यौगिक प्रक्रिया ही योग कहलाती है। योग अन्तःकरण को शुद्ध कर असीम आनन्द प्रदान करता है।


प्रश्न 4. प्राणायाम करते समय किन सावधानियों की आवश्यकता है?

उत्तर – प्राणायाम करते समय हमें निम्नलिखित सावधानियां बरतनी चाहिए —

  • प्राणायाम करते समय शरीर के किसी भी हिस्से में तनाव नहीं रहना चाहिए।
  • दोनों हाथ दोनों घुटनों पर ज्ञान मुद्रा की स्थिति में रखने चाहिए।
  • इसे प्रारम्भ करने से पूर्व थोड़ी देर श्वास को स्वाभाविक रूप से लेकर सम व शान्त करें। शरीर को ढीला कर लें व चारों ओर से विचारों को हटाकर मन को एकाग्र कर लें।

प्रश्न 5. आन्तरिक व बाह्य कुम्भक में क्या अन्तर है?

उत्तर – कुम्भक अर्थात् श्वास को अन्दर या बाहर रोकना। अन्दर श्वास भरकर रोकना आन्तरिक कुम्भक व श्वास बाहर निकालकर रोकना बाह्य कुम्भक कहलाता है।


प्रश्न 6. कपालभाति प्राणायाम की प्रक्रिया व इसके लाभ बताइए ।

उत्तर – इसके लिए सुखासन, सिद्धासन, पद्मासन या वज्रासन में बैठें। इसमें सिर्फ साँस को बाहर निकालते रहना है। साँस को बाहर निकालते समय पेट को अन्दर की तरफ संकुचित करें। इस प्राणायाम में कोशिश करके साँस अन्दर न लें।

कपालभाति के लाभ :

  • कपालभाति प्राणायाम से रक्त संचरण बढ़ता है व शरीर की बढ़ी चर्बी घटती है।
  • थॉयराइड की समस्या खत्म हो जाती है।
  • सम्पूर्ण पाचन तन्त्र स्वस्थ होता है।
  • बालों तथा त्वचा की कोई समस्या हो तो वह समाप्त हो जाती है।
  • आँख और दाँत की सभी समस्याएँ समाप्त होती हैं और किडनी भी साफ होती है।

प्रश्न 7. सूर्य भेदन प्राणायाम मन व शरीर के लिए किस प्रकार लाभदायक है?

उत्तर – सूर्य भेदन प्राणायाम मन व शरीर के लिए निम्नलिखित प्रकार से लाभदायक है –

  • यह शरीर में ताप पैदा करता है और रक्त का शोधन करता है।
  • रक्त में लाल कणिकाओं को बढ़ाता है।
  • मन को स्वस्थ करता है।
  • पेट और आँतों के रोग दूर होते हैं।
  • नियमित अभ्यास कुष्ठ रोग में लाभदायक है।
  • पिंगला नाड़ी का भेदन कर मस्तिष्क की शक्ति को जगाता है।

प्रश्न 8. आप किस समय तथा कौन सी योग क्रियाएँ करते हैं? इस दौरान आपको कैसा अनुभव होता है?

उत्तर – मैं सूर्योदय के समय सूर्य नमस्कार करता हूं इससे मुझे सुबह की ताजगी की तरह शरीर के अंदर एक नई ऊर्जा महसूस होती है।


प्रश्न 9. प्राणायाम के लाभ सम्बन्ध में एक चार्ट बनाओ।

उत्तर – छात्र स्वयं करें।


प्रश्न 10. योग के प्रचार व प्रसार में लगी संस्थाओं व व्यक्तियों के बारे में जानकारी एकत्रित कीजिए ।

उत्तर – छात्र स्वयं करें।


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