काक और हंस Class 9 नैतिक शिक्षा Chapter 17 Question Answer HBSE Solution

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HBSE Class 9 Naitik Siksha Chapter 17 काक और हंस / Kak aur Hansh Question Answer for Haryana Board of नैतिक शिक्षा Class 9th Book Solution.

काक और हंस Class 9 Naitik Siksha Chapter 17 Question Answer


प्रश्न 1. जैसा खाएँगे अन्न वैसा बनेगा मन, काक के सन्दर्भ में इस उक्ति की पुष्टि करो।

उत्तर – काक वैश्या का झूठा खाना खाकर हष्ट पुष्ट हो गया था। वह झूठ खाकर भी अपने साथियों का अपमान किया करता था। उनको कमजोर बताया करता था। काक ने जैसा अन्न खाया था उसका मन भी वैसा ही हो गया था।


प्रश्न 2. किस भय के वशीभूत होकर काक को अपनी गलती स्वीकार करनी पड़ी?

उत्तर – डूबने के भय से।


प्रश्न 3. इस कहानी से हमें क्या सन्देश मिलता है? अपने शब्दों में लिखो ।

उत्तर – इस कहानी से हमें संदेश मिलता है कि हमें दूसरों का मजाक नहीं उड़ाना चाहिए।


प्रश्न 4. थोथा चना बाजे घना, उक्ति पर अपने विचार व्यक्त करो।

उत्तर – जब कोई जीव कमजोर होता है लेकिन वह अपनी ताकत का बखान करने से बाज नहीं आता तो उसी पर यह उक्ति बनती है थोथा चना बाजे घना।


प्रश्न 5. कहानी के अन्त में हंस की भूमिका- नेकी कर कुएँ में डालने वाले की रही, कैसे?

उत्तर – हंस को काक पर दया आ गई उसने पंजों से पकड़कर काक को अपनी पीठ पर लाद लिया और उसे लेकर उसी स्थान पर लौटा, जहाँ से वे दोनों प्रतिस्पर्धा करते हुए उड़े थे। वहाँ जाकर उसने काक को धैर्य बँधाया और स्वयं उड़कर दूर देश को चला गया। हंस ने यहां नेकी कर कुएं में डालने वाली भूमिका निभाई थी।


प्रश्न 6. अपना कोई अनुभव बताओ, जब आपने अपनी गलती के लिए पश्चात्ताप किया हो ।

उत्तर – छात्र स्वयं करें।


प्रश्न 7. यदि काक के स्थान पर आप होते, तो हंस के साथ प्रतिस्पर्धा में आपकी क्या भूमिका होती?

उत्तर – यदि काक के स्थान पर मैं होता तो मैं हंस से प्रतिस्पर्धा नहीं करता।


प्रश्न 8. प्रशंसा का महत्त्व तब ही है, जब वह किसी अन्य के द्वारा की जाए, आत्मप्रशंसा प्रायः महत्त्वहीन होती है, इस सन्दर्भ में अध्यापक कक्षा में चर्चा कराएँ ।

उत्तर – अगर आप अपने खुद की प्रशंसा करते हैं तो आपको लगने लग जाता है कि आपसे सुंदर और शक्तिशाली कोई भी नहीं है लेकिन जब आपका वास्तविकता से सामना होता है तब आपको गहरा आघात पहुंचता है इसीलिए प्रशंसा का महत्व तभी होता है जब वह किसी दूसरे के द्वारा की जाए।


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