NCERT Solution of Class 10 Hindi क्षितिज भाग 2 कन्यादान Important Question Answer for HBSE. Here We Provides Class 1 to 12 all Subjects NCERT Solution with Notes, Question Answer, HBSE Important Questions, MCQ and old Question Papers for Students.
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NCERT Solution of Class 10th Hindi Kshitij bhag 2/ क्षितिज भाग 2 Kavita कन्यादान / Kanyadan Important Question And Answer ( महत्वपूर्ण प्रश्न ) Solution.
कन्यादान Class 10 Hindi Chapter 8 महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर
प्रश्न 1. ‘आग रोटियाँ सेंकने के लिए है जलने के लिए नहीं’ इन पंक्तियों में समाज में स्त्री की किस स्थिति की ओर संकेत किया गया है ?
उत्तर – कवि ने इन पंक्तियों में समाज में विवाहिता स्त्री की बहू के रूप में स्थिति की ओर संकेत किया है। वर्तमान में हमारे भारतीय समाज में दहेज प्रथा और अनैतिक संबंधों की आग बहुओं को बहुत तेजी से जला रही है। लोग दहेज के नाम पर पुत्रवधू के पिता के घर को खाली करके भी चैन नहीं पाते। वे खुले मुँह से धन माँगते हैं और धन न मिलने पर बहू से बुरा व्यवहार करते हैं, उसे मारते-पीटते हैं और अनेक बार लोभ के दैत्य की चंगुल में आ कर उसे आग में धकेल देते हैं। कवियों ने समाज में नारी की इसी स्थिति की ओर संकेत किया है जो निश्चित रूप से अति दुःखदायी हैं और शोचनीय है। कितना बड़ा आश्चर्य है कि वह आग कभी उस दहेज लोभियों के घर में उनकी बेटियों को नहीं जलाती। वह सदा बहुओं को ही क्यों जलाती है?
प्रश्न 2. माँ को अपनी बेटी ‘अंतिम पूँजी’ क्यों लग रही थी ?
उत्तर – बेटी ही तो माँ को अपनी अंतिम पूँजी लग रही थी क्योंकि वह अपने जीवन के सारे सुख-दुःख उसी के साथ ही तो बांटती थी। वही उसके सबसे निकट थी, वही उसकी साथी थी।
प्रश्न 3. माँ ने बेटी को क्या-क्या सीख दी ?
उत्तर – माँ ने बेटी को सीख दी थी कि वह केवल सुंदरता पर ही नहीं रीझे बल्कि अपने वातावरण के प्रति भी सचेत रहे। जिस पानी में झांककर उसे अपनी परछाई दिखाई देती है उसकी गहराई को भी वह भली-भांति जान लें। कहीं वही उसके लिए जानलेवा सिद्ध न हो जाए। वह उस आग की तपन का भी ध्यान रखे जो रोटी पकाने में काम आती है। कहीं ऐसा न हो कि वही उसको जला डाले। उसे लड़की लगना चाहिए पर लड़की जैसा कमज़ोर दिखना नहीं चाहिए। उसे दुनिया की पूरी समझ होनी चाहिए।
प्रश्न 4. वस्त्र और आभूषण को नारी जीवन का बंधन क्यों कहा गया है?
उत्तर – लड़की की माँ एक परिपक्व महिला है। अपने जीवन के अनुभवों के आधार पर ही उसने आभूषणों को स्त्री जीवन का बंधन कहा है। पुरुष जानता है कि स्त्री को आभूषणों-गहनों से बहुत प्यार होता है। ऐसे में इनका प्रयोग वह मनमानी करने के लिए करता है। स्त्री को गहनों की चकाचौंध में उलझा कर उसका मानसिक शोषण करता है। स्त्री को यह समझ ही नहीं आता कि ये गहनें उसकी आजादी का हनन करते हैं, उसे बंधन में जबरन बाँध देते हैं।
प्रश्न 5. माँ ने बेटी को सचेत करना क्यों आवश्यक समझा ?
उत्तर – माँ ने सीख-शिक्षा देकर अपनी बेटी को सचेत किया है क्योंकि लड़की भोली, सरल तथा नासमझ है। उसे संसार की कृटिलता का आभास नहीं है। उसे दुनियादारी की समझ नहीं है। फिर आज की सामाजिक परिस्थितियाँ भी कुछ ऐसी हैं कि दहेज या अन्य किसी भी छोटी-सी बात पर लड़की का ससुराल में मानसिक-शारीरिक शोषण होता है। बेटी के साथ किसी भी तरह की अनहोनी न हो, इसी आशंका से माँ ने कन्यादान के समय, विदा करते हुए बेटी को सचेत करना आवश्यक समझा।
प्रश्न 6. ‘कन्यादान’ कविता का मूल उद्देश्य या मूलभाव क्या है ?
उत्तर – यह कविता आधुनिक समाज का आइना है। एक ओर माँ-बेटी के घनिष्ठ संबंध की चर्चा हुई है तो दूसरी ओर समाज की वर्तमान स्थिति का दर्शन हमें यहाँ हुआ है। नारी-जागृति से भी इस कविता का संबंध है। स्त्री की कमजोरियों पर कवि ने प्रकाश डाला है। आज भी पुरुष-प्रधान समाज ही भारत में विद्यमान है, कवि ने यह बताते हुए नारी को अपने शोषण के प्रति सचेत रहने को कहा है। दहेज प्रथा जैसी समस्या पर भी कवि ने नारी को जागृत करने का प्रयास किया है। नारी अपने सभी गुणों, शक्तियों के साथ शोषण का डटकर सामना करने का साहस भी रखे। यही इस कविता का मूल भाव है।