(i) कविता के बहाने (ii) बात सीधी थी पर Class 12 Hindi Question Answer – आरोह भाग 2 NCERT Solution

NCERT Solution of Class 12 Hindi आरोह भाग 2 (i) कविता के बहाने (ii) बात सीधी थी पर Question Answer  for Various Board Students such as CBSE, HBSE, Mp Board,  Up Board, RBSE and Some other state Boards. We Provides all Classes पाठ का सार, अभ्यास के प्रश्न उत्तर और महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर , MCQ for score Higher in Exams.

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NCERT Solution of Class 12th Hindi Aroh Bhag 2 /  आरोह भाग 2 (i) कविता के बहाने (ii) बात सीधी थी पर / Kavita ke Bahane Baat Sidhi thi par Kavita ( कविता ) Question Answer Solution.

(i) कविता के बहाने (ii) बात सीधी थी पर Class 12 Hindi Chapter 3 Question Answer


प्रश्न 1. इस कविता के बहाने बताएं कि ‘सब घर एक कर देने के माने’ क्या है ?

उत्तर – ‘सब घर एक कर देने के माने’ से अभिप्राय हैं कि सभी लोग एक समान है। सभी घरों को समान समझना है। बच्चों और कविता के लिए अपना-पराया, छोटा-बड़ा, मेरा-तेरा, जाति-धर्म, अमीर-गरीब आदि कोई मायने नहीं रखता। उनके लिए सभी घर एक समान है।


प्रश्न 2. ‘उड़ने’ और ‘खिलने’ का कविता से क्या संबंध बनता है ?

उत्तर – ‘उड़ने’ का कविता में चिड़िया से संबंध है और ‘खिलने’ का कविता में फूलों से संबंध है। कवि ने बताया है कि चिड़िया की उड़ान तो सीमित है परंतु कविता की उड़ान का क्षेत्र सीमित न होकर पूरी दुनिया तक फैला है। फूलों का खिलना और फिर चारों दिशा में उसकी खुशबू बिखरती है, परंतु यह खुशबू ज्यादा समय के लिए नहीं रहती है। जब फूल मुरझा जाते हैं तो उनकी खुशबू भी खत्म हो जाती है। परंतु कविता के साथ ऐसा नहीं होता है। यदि एक बार कविता की खुशबू फैली तो वह सदा के लिए रह जाती है और फिर वह कभी खत्म नहीं होती है।


प्रश्न 3. कविता और बच्चे को समानांतर रखने के क्या कारण हो सकते हैं ?

उत्तर – कविता और बच्चे को समानांतर रखने के अनेक कारण हैं। बच्चे अलग अलग खेल खेलते हैं। इसी प्रकार कविता भी अलग-अलग शब्दों का खेल खेलती है। कविता और बच्चे दोनों के लिए समाज के सभी घर और लोग एक समान हैं उसी प्रकार कविता के लिए भी सभी भाषा के शब्द एक समान है। बच्चे मन के सच्चे होते हैं उसी प्रकार कविता का हर एक शब्द सच्चा होता है। दोनों ही देश दुनिया को प्यार और दयालुता का पाठ पढ़ाते हैं।


प्रश्न 4. कविता के संदर्भ में ‘बिना मुरझाए महकने के माने’ क्या होते हैं ?

उत्तर – ‘बिना मुरझाए महकने के माने’ का अभिप्राय यह है कि कविता एक बार खिलने के बाद कभी मुड़ जाती नहीं है कविता की खुशबू बिना खत्म हुए हमेशा के लिए एक जैसी रहती है और महकती रहती है ‌


प्रश्न 5. ‘भाषा को सहूलियत’ से बरतने से क्या अभिप्राय है ?

उत्तर –  भाषा को सहूलियत से बरतने का अभिप्राय यह है कि भाषा को जितना हो सके, सरल और सहज रखा जाए। जब भी हम अपनी बातों या भावनाओं को व्यक्त करें तो अपनी भाषा को सरल सहज और व्यावहारिक रखे। ताकि हमारी बातों और भावनाओं को सरलता तथा सफलता पूर्वक समझा जा सके।


प्रश्न 6. बात और भाषा परस्पर जुड़े होते हैं, किंतु कभी-कभी भाषा के चक्कर में ‘सीधी बात भी टेढ़ी हो जाती है’ कैसे ?

उत्तर – जब हम कोई बात कहना चाहते हैं तो उसके लिए हम ज्यादा बढ़िया भाषा का चुनाव करते हैं। भाषा के चुनाव के समय ज्यादा बढ़िया भाषा के चक्कर में बहुत बार बात को घुमा फिरा कर बोला जाता है जिससे वह अपनी बात सही ढंग से प्रस्तुत नहीं कर पाता है और बात का अर्थ को देता है। इसीलिए एक सीधी बात भी टेढ़ी हो जाती है।


प्रश्न 7. बात (कथ्य) के लिए नीचे दी गई विशेषताओं का उचित बिंबो / मुहावरों से मिलान करें।

(क) बात की चूड़ी मर जाना

(ख) बात की पेंच खोलना

(ग) बात का शरारती बच्चे की तरह खेलना

(घ) पेंच को कील की तरह ठोक देना

(ङ) बात का बन जाना

कथ्य और भाषा का सही सामंजस्य बनाना।

बात का पकड़ में न आना।

बात का प्रभावहीन हो जाना

बाद में कसावट का न होना।

बात को सहज और स्पष्ट करना।

उत्तर –

(क) बात की चूड़ी मर जाना

(ख) बात की पेंच खोलना

(ग) बात का शरारती बच्चे की तरह खेलना

(घ) पेंच को कील की तरह ठोक देना

(ङ) बात का बन जाना

बात का प्रभावहीन हो जाना

बात को सहज और स्पष्ट करना।

बात का पकड़ में न आना।

बाद में कसावट का न होना।

कथ्य और भाषा का सही सामंजस्य बनाना।


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