NCERT Solution of Class 10 Hindi क्षितिज भाग 2 Chapter 9 लखनवी अंदाज Important Question Answer for HBSE. Here We Provides Class 1 to 12 all Subjects NCERT Solution with Notes, Question Answer, HBSE Important Questions, MCQ and old Question Papers for Students.
Also Read :- Class 10 Hindi क्षितिज भाग 2 NCERT Solution
- Also Read – Class 10 Hindi क्षितिज भाग 2 NCERT Solution in Videos
- Also Read – Class 10 Hindi कृतिका भाग 2 NCERT Solution in Videos
NCERT Solution of Class 10th Hindi Kshitij bhag 2/ क्षितिज भाग 2 Chapter 9 लखनवी अंदाज / Lakhnavi Andaz Important Question And Answer ( महत्वपूर्ण प्रश्न ) Solution.
लखनवी अंदाज Class 10 Hindi Important Question Answer
प्रश्न 1. नवाब साहब ने खीरे की क्या विशेषता बताई ?
उत्तर – नवाब साहब खीरा खाने की तैयारी कर रहे थे इसी दौरान लेखक उनके डिब्बे में प्रवेश करता है। लेखक का आना उसे बिल्कुल भी अच्छा नहीं लगा। उसने खीरे को काटकर नमक मिर्च बुरका और उसके बाद सूंघकर खिड़की से बाहर फेंक दिया। लेखक को यह सब अजीब ना लगे इसीलिए नवाब उसे देखकर कहता है ‘खीरा लजीज होता है लेकिन होता है सकील, नामुराद मेदे पर बोझ डाल देता है।’
प्रश्न 2. ‘लखनवी अंदाज’ पाठ में निहित व्यंग्य स्पष्ट कीजिए। Most Important
या
लखनवी अंदाज पाठ का मूल भाव स्पष्ट कीजिए।
उत्तर – लखनवी अंदाज पाठ के माध्यम से लेखक हमें यह बताना चाहता है कि बिना पात्रों, घटना और विचारों के भी रचनाएं लिखी जा सकती हैं। लेखक अपनी एक घटना का वर्णन करते हुए बताता है कि उसे रेलगाड़ी के डिब्बे में एक नवाब मिलता है जो बड़े ही सलीके से खीरे को खाने की तैयारी कर रहा था। लेकिन लेखक को सामने देखकर वह खीरा खाने में संकोच करने लगता है और लेखक से भी खीरा खाने के लिए पूछता है, जिसमें वह मना कर देता है। नवाबी अंदाज दिखाने के लिए नवाब उस खीरे को तैयार करता है और सूंघकर खिड़की से बाहर फेंक देता है। वह अपनी भूख दबा लेता है और यह दिखाता है कि उसका पेट भर गया है। वह लेखक के सामने यह दिखाना चाहता है कि नवाब इसी तरीके से खीरा खाते हैं।
प्रश्न 3. लेखक को नवाब साहब के किन हाव-भाव से महसूस हुआ कि वह उनसे बातचीत करने के लिए तनिक भी उत्सुक नहीं है?
उत्तर – नवाब साहब ट्रेन में पालथी मारकर बैठे थे जब लेखक ने डिब्बे में प्रवेश किया। नवाब साहब के सामने खीरे रखे हुए थे और डिब्बे में नवाब साहब के सिवाय कोई भी नहीं था। नवाब साहब ने शायद यह रास्ते में खाने के लिए खरीदे थे। अब उसके इस एकांत में लेखक ने विघ्न डाल दिया था। नवाब साहब असुविधा और संकोच की स्थिति में लग रहे थे। उसकी स्थिति को देखकर लेखक को लगा कि नवाब साहब उनसे बात करने के लिए तनिक भी उत्सुक नहीं है।