ल्हासा की ओर Class 9 Hindi Chapter 2 Question Answer – क्षितिज भाग 1 NCERT Solution

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NCERT Class 9 Hindi ल्हासा की ओर / Lhasa ki Aur detailed Question answer / प्रश्न उत्तर of chapter 2 in Kshitij Bhag 1 Solution.

ल्हासा की ओर Class 9 Hindi Question Answer


प्रश्न 1. थोड्ला के पहले के आखिरी गाँव पहुँचने पर भिखमंगे के वेश में होने के बावजूद लेखक को ठहरने के लिए उचित स्थान मिला जबकि दूसरी यात्रा के समय भद्र वेश भी उन्हें उचित स्थान नहीं दिला सका। क्यों ?

उत्तर- जब लेखक दूसरी बार यात्रा पर गया तो उस गांव तक पहुंचते-पहुंचते लेखक को शाम हो चुकी थी। शाम के समय वहां के लोग छड़ पीकर अपना होश गवा बैठते हैं। इसी कारण दूसरी यात्रा के समय भद्र वेश में होने के बावजूद भी उन्हें रहने को उचित स्थान नहीं मिला।


प्रश्न 2. उस समय के तिब्बत में हथियार का कानून न रहने के कारण यात्रियों को किस प्रकार का भय बना रहता था ?

उत्तर- उस समय के तिब्बत में हथियार का कानून न होने के कारण वहां के लोगों को अपने साथ हथियार लेकर चलना पड़ता था। क्योंकि यहां पर डकैत यात्रियों को मारकर उनका सामान लूट लेते थे। अपनी जान और सामान का भय वहां से गुजरते समय यात्रियों को बना रहता था।


प्रश्न 3. लेखक लड्कोर के मार्ग में अपने साथियों से किस कारण पिछड़ गया ?

उत्तर- लेखक लङ्कोर के मार्ग में अपने साथियों से काफी पिछड़ गया क्योंकि उसका थोड़ा बहुत धीरे-धीरे चल रहा था और अगर वह घोड़े पर अधिक जोर लगाता तो उसकी चाल और धीमी पड़ जाती थी। आगे जाकर उसको दो रास्ते दिखाई पड़े। जिसमें वह बाएं रास्ते पर मिल- डेढ मिल चला गया और उसके बाद उसको पता लगा कि वह रास्ता गलत है। लङ्कोर का रास्ता तो दाहिने वाला था। वापिस आकर उसने अब उसी रास्ते को पकड़ा। जिसके कारण लेखक अपने साथियों से काफी पिछड़ गया।


प्रश्न 4. लेखक ने शेकर विहार में सुमति को यजमानों के पास जाने से रोका परंतु दूसरी बार रोकने का प्रयास क्यों नहीं किया ?

उत्तर- दूसरी बार लेखक ने सुमति को रोकने का प्रयास इसीलिए नहीं किया क्योंकि इस समय वह बुद्धवचन की 103 पोथियों के बीच था। जिनमें से एक एक पोथी 15-15 सेर से कम नहीं थी और वह इन्हें पढ़ना चाहता था।


प्रश्न 5. अपनी यात्रा के दौरान लेखक को किन कठिनाइयों का सामना करना पड़ा ?

उत्तर- लेखक को अपनी यात्रा के दौरान बहुत सारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। शुरुआत में उसको कठिन चढ़ाई चढ़नी पड़ी। उसके बाद उसको डाकू का डर लगा हुआ था। आगे बढ़ने पर उसको जो घोड़ा मिला वह बहुत सुस्त था। जिसके चलते वह अपने साथियों से काफी पिछड़ गया। यात्रा में आगे बढ़ते हुए उसको अपना सामान भी अपने कंधों पर ढोना पड़ा। रास्ते में खाने को जो कुछ मिला, उसी से अपना पेट भरना पड़ा।


प्रश्न 6. प्रस्तुत यात्रा वृत्तांत के आधार पर बताइए कि उस समय का तिब्बती समाज कैसा था ?

उत्तर – उस समय के समाज में कानून व्यवस्था बहुत खराब थी। हथियारों का कानून न होने के कारण वहां पर लोग अपने साथ बंदूक खुलेआम लिए घूमते थे।  पहाड़ी इलाकों में डाकू का डर बना रहता था। जो उनको किसी भी वक्त गोली मारकर लूट लेते थे। उस समय वहां पर कोई भी जाती-पाती, छुआछूत का भेदभाव नहीं था। वहां पर स्त्रियां पर्दा नहीं करती थी और अपरिचितों को भी घर में अंदर तक जाने की अनुमति थी। श्याम के समय वहां पर लगभग सभी लोग छड़ पीकर अपना होश गवा बैठे थे।


प्रश्न 7. “मैं अब पुस्तकों के भीतर था।” नीचे दिए गए वाक्यों में से कौन-सा इस वाक्य का अर्थ बतलाता है
(क) लेखक पुस्तकें पढ़ने में रम गया।
(ख) लेखक पुस्तकों की शैलफ़ के भीतर चला गया।
(ग) लेखक के चारों ओर पुस्तकें ही थीं।
(घ) पुस्तक में लेखक का परिचय और चित्र छपा था।
उत्तर – (क) लेखक पुस्तकें पढ़ने में रम गया।


प्रश्न 8. सुमति के यजमान और अन्य परिचित लोग लगभग हर गांव में मिले। इस आधार पर आप सुमति के व्यक्तित्व की किन विशेषताओं का चित्रण कर सकते हैं?

उत्तर – सुमति तिब्बत के बहुत सारे लोगों को जानता था। वहां पर सभी लोग सुमति का आदर करते थे। सुमति भी अपने अनुमानों के लिए बोधगया के वस्त्रों के गंडे लेकर आते हैं।  सुमति जितना जल्दी क्रोधित होता है वह उतनी ही जल्दी शांत भी हो जाता है।


 

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