मानचित्र Class 6 भूगोल Chapter 4 Notes – NCERT Solution

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NCERT Solution for Class 6 Geography chapter 4 notes in Hindi / भूगोल मानचित्र / Manchitra Notes.

मानचित्र कक्षा 6 भूगोल Chapter 4 Notes


मानचित्र पृथ्वी की सतह या इसके एक भाग का पैमाने के माध्यम से चपटी सतह पर खींचा गया चित्र होता है।

मानचित्र मुख्यतः तीन प्रकार के होते हैं :-

1. भौतिक मानचित्र – पृथ्वी की प्राकृतिक आकृतियों; जैसे – पर्वतों, पठानों, मैदानों, नदियों, महासागरों इत्यादि को दर्शाने वाले मानचित्र को भौतिक या उच्चावच मानचित्र कहा जाता है।

2. राजनीतिक मानचित्र – राज्यों, नगरों, शहरों तथा गांवों और विश्व के विभिन्न देशों में राज्यों तथा उनकी सीमाओं को दर्शाने वाले मानचित्र को राजनीतिक मानचित्र कहा जाता है।

3. थिमैटिक मानचित्र – कुछ मानचित्र विशेष जानकारी प्रदान करते हैं; जैसे – सड़क मानचित्र, वर्षा मानचित्र, वन तथा उद्योगों आदि के वितरण दर्शाने वाले मानचित्र इत्यादि। इस प्रकार के मानचित्र को थिमैटक मानचित्र कहा जाता है।

मानचित्र के तीन महत्वपूर्ण घटक होते हैं – दूरी, दिशा और प्रतीक।

1. दूरी – जब बड़े क्षेत्रफल वाले भागों जैसे महाद्वीपों या देशों को कागज पर दिखाना होता है तब हम लोग छोटे पैमाने का उपयोग करते हैं। उदाहरण के लिए मानचित्र पर 5 सेंटीमीटर, स्थल के 500 किलोमीटर को दर्शाता है इसको छोटे पैमाने वाला मानचित्र कहते हैं।

जब एक छोटे क्षेत्रफल वाले भाग जैसे गांव या शहर को कागज पर दिखाया जाता है। तब हम बड़े पैमाने का उपयोग करते हैं जैसे स्थल पर 500 मीटर की दूरी को मानचित्र पर 5 सेंटीमीटर से दर्शाया जाता है इस प्रकार के मानचित्र को बड़े पैमाने वाला मानचित्र कहते हैं।

2. दिशा – अधिकतर मान चित्रों में ऊपर दाहिनी तरफ तिल का एक निशान बना होता है जिसके ऊपर अक्षर उ. लिखा होता है। यह तीर का निशान उत्तर दिशा को दर्शाता है और इसे उत्तर रेखा कहा जाता है। चार मुख्य दिशाएं उत्तर, दक्षिण, पूर्व और पश्चिम को मानचित्र के प्रधान दिग्बिंदु कहे जाते हैं। दिक्सूचक की मदद से दिशाओं का निर्धारण किया जाता है। दिक्सूचक की सूई हमेशा उत्तर और दक्षिण दिशा में ही रुकती है

3. प्रतीक – किसी भी मानचित्र पर वास्तविक आकार एवं प्रकार के विभिन्न आकृतियां; जैसे – भवन, सड़कें, पुल, वृक्ष, रेल की पटरी, कुएँ आदि को दिखाना संभव नहीं होता इसीलिए वे निश्चित अक्षरों, छायाओं, रंगो, चित्र तथा रेखाओं का उपयोग करके दर्शाए जाते हैं। यह प्रतीक कम स्थान में अधिक जानकारी प्रदान करने का काम करते हैं। इन प्रतीकों के उपयोग के संबंध में एक अंतरराष्ट्रीय सहमति हैं जो रूढ प्रतीक कहे जाते हैं।

रेखाचित्र – बिना पैमाने के बनाया गया एक कच्चे आरेख वाले मानचित्र को रेखाचित्र मानचित्र कहते हैं। एक छोटे क्षेत्र का बड़े पैमाने पर खींचा गया रेखाचित्र खाका कहा जाता है।

 

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