मुगल सम्राट एवं उनका प्रारंभिक प्रतिरोध Class 8 इतिहास Chapter 1 Question Answer – हमारा भारत III HBSE Solution

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HBSE Class 8 इतिहास / History in hindi मुगल सम्राट एवं उनका प्रारंभिक प्रतिरोध / Mughal samrat avam unka prarambhik pratirodh Question Answer for Haryana Board of chapter 1 in Hamara Bharat III Solution.

मुगल सम्राट एवं उनका प्रारंभिक प्रतिरोध Class 8 इतिहास Chapter 1 Question Answer


अभ्यास के प्रश्न उत्तर —


आओ याद करें :


  1. प्रसिद्ध मुगल इतिहासकार अहमद यादगार के अनुसार हरियाणा के कैथल जिले के मोहन सिंह मंढार ने मुगल शासक बाबर की सेना का प्रबल प्रतिरोध किया था।

  2. हेमचंद्र विक्रमादित्य के पिता का नाम संत पूर्णदास था।

  3. हेमचंद्र विक्रमादित्य का राज्यभिषेक 7 अक्टूबर, 1556 को हुआ।

  4. महाराणा प्रताप का जन्म 9 मई, 1540 ई को कुंभलगढ़ राजस्थान में हुआ उनके पिता का नाम महाराणा उदय सिंह एवं माता का नाम जैवन्ता बाई सोनगरा था।

  5. महाराणा प्रताप की सेना का प्रमुख हकीम खान सूर था। वह हल्दीघाटी युद्ध में मुगल सेना से लोहा लेते हुए शहीद हो गया।

  6. मेवाड़ के प्रसिद्ध धनी सेठ भामाशाह ने अपनी समस्त धन-संपत्ति महाराणा प्रताप को दे दी थी। प्रताप ने इस धनसंपदा से सशक्त सेना का निर्माण किया।

  7. रानी दुर्गावती के पति दलपत सिंह गोण्डवाना के राजा थे उनके पुत्र का नाम वीर नारायण सिंह था।

  8. रानी दुर्गावती ने मालवा के शासक बाज बहादुर को दो बार पराजित किया था।


रिक्त स्थान भरे :

  1. हल्दीघाटी युद्ध में महाराणा प्रताप को भील सरदार __________ ने सहायता दी थी।
  2. दुर्गावती __________ की रानी थी।
  3. महाराणा प्रताप ने ________ को अपनी राजधानी बनाया।
  4. मुगल __________ से भारत आए थे।
  5. राजस्थान के प्रसिद्ध सिसोदिया वंश की स्थापना __________ ने की थी।

उत्तर – 1. राणा पूंजा, 2. गोण्डवाना, 3. चावण्ड, 4. मध्य एशिया, 5. बप्पा रावल


उचित मिलान करें :

  1. दिल्ली का अंतिम हिंदू सम्राट
  2. कालिंजर का किला
  3. जजिया कर
  4. खानवा का युद्ध
  • राणा सांगा
  • औरंगजेब
  • रानी दुर्गावती
  • हेमचंद्र विक्रमादित्य

उत्तर – 

  1. दिल्ली का अंतिम हिंदू सम्राट
  2. कालिंजर का किला
  3. जजिया कर
  4. खानवा का युद्ध
  • हेमचंद्र विक्रमादित्य
  • रानी दुर्गावती
  • औरंगजेब
  • राणा सांगा

आओ विचार करें :

प्रश्न 1. हेमचंद्र विक्रमादित्य के विषय में टिप्पणी लिखें।

उत्तर – हेमचंद्र विक्रमादित्य पानीपत की दूसरी लड़ाई के प्रमुख नायक थे। वह मुस्लिम शासन के पश्चात एकमात्र अंतिम हिंदू राजा थे जो दिल्ली के सिंहासन पर बैठे थे। उनका जन्म एक साधारण परिवार में हुआ। बड़े होने के साथ-साथ वे प्रधानमंत्री और बाद में सेनापति के पद पर नियुक्त किए गए। उन्होंने अपने जीवन में 22 युद्ध जीते। हेमचंद्र ने दिल्ली के गवर्नर तर्दीखान बेग को परास्त कर दिल्ली पर जीत हासिल की। लगातार युद्ध जीतने के कारण उन्हें ‘विक्रमादित्य’ की उपाधि भी दी गई थी। दिल्ली का राजा बनने के बाद अकबर की सेना से लड़ते हुए उसकी बाईं आंख में तीर लग गया जिस कारण अकबर उसे बंदी बनाकर लाया और उसका सिर धड़ से अलग कर दिया।


प्रश्न 2. हल्दीघाटी युद्ध का विस्तृत वर्णन कीजिए।

उत्तर – हल्दीघाटी का युद्ध भारतीय इतिहास की एक अमर गाथा है। जब अकबर ने राजा मान सिंह व राणा के विद्रोही भाई शक्ति सिंह को मेवाड़ पर आक्रमण करने के लिए भेज दिया। इधर महाराणा प्रताप भी अपनी सेना के साथ हल्दीघाटी पहुंचे। महाराणा प्रताप के साथ रावत किसनदास, भीम सिंह डोडिया, रामदास मेड़तिया, भामाशाह झाला मान और भील सरदार राणा पूंजा शामिल थे। चंदावल में घाटी के मुहाने पर भीडल लोग तीर कमान के साथ मौजूद थे। उनकी सेना में अफगान बादशाह शेरशाह सूरी का वंशज हकीम खां सूर भी था, जिसे प्रताप ने मेवाड़ का सेनापति बनाया था। मेवाड़ी सेना के आक्रमण का वेग इतना तीव्र था कि मुगल सैनिकों ने भागकर जान बचाई। महाराणा प्रताप युद्ध में वीरता से लड़ रहे थे तभी उन्होंने हाथी पर सवार मानसिंह पर अपने भाले से वार किया लेकिन संयोग से वह बच गया और उसका हाथी उसे लेकर भाग खड़ा हुआ।

दुश्मनों ने उनको चारों तरफ से घेर लिया इसके बावजूद भी वह डरे नहीं। उन्होंने युद्ध की दिशा को मैदानों की बजाय पहाड़ों में मोड़ने का प्रयास किया। तब तक झाला मान ने मुगल सेना को रोके रखा। जिसमें उन्होंने अपने जीवन का बलिदान दे दिया। दो मुगल सरदारों ने महाराणा प्रताप का पीछा किया, जिन्हें शक्ति सिंह ने मार डाला। इस युद्ध से मुगल सैनिकों का मनोबल इतना टूट चुका था कि उनमें प्रताप की सेना का पीछा करने का साहस ही नहीं बचा। इस युद्ध में महाराणा प्रताप का घोड़ा चेतक ने अपना भी दम तोड़ दिया।


प्रश्न 3. दुर्गावती के प्रतिरोध का वर्णन कीजिए।

उत्तर – मुगल शासक उत्तर भारत में छल-कपट, लूट, अपहरण व अत्याचार कर रहे थे और उनकी दृष्टि गोण्डवाना पर भी पड़ी। आसफ खान ने अकबर को गोण्डवाना की रानी दुर्गावती के खिलाफ उकसाया। अकबर ने 1564 ई. में गोंडवाना पर आक्रमण के आदेश दे दिए। जिसमें मुगलों की सेना ज्यादा होने के चलते रानी दुर्गावती यह युद्ध हार गई। अपने सम्मान की रक्षा के लिए उसने स्वयं को छुरा घोंप दिया। मुगल सैनिकों ने वहां पर बड़ी मात्रा में सोने, चांदी के सिक्के, सोने के बर्तन, रतन, मोती, मूर्तियां, सोने की बनी मूर्तियां लूट ली।


प्रश्न 4. महाराणा प्रताप के जीवन पर एक निबंध लिखिए।

उत्तर – महाराणा प्रताप सिसोदिया राजपूत वंश के प्रसिद्ध राजा थे। उनका जन्म 9 मई, 1540 ई. को कुम्भलगढ़ (राजस्थान) में महाराणा उदय सिंह के यहां हुआ था। इनकी माता का नाम जैवन्ताबाई सोनगरा था। बचपन से ही उनकी हथियारों मैं विशेष रूचि थी। वे धन दौलत के स्थान पर मान सम्मान व स्वाधीनता को अधिक महत्व देते थे। उनके पिता की मृत्यु के पश्चात 32 वर्ष की आयु में वे राजा बने। ज्यादातर राजपूत राजा अकबर की मित्रता के प्रभाव में थे। महाराणा प्रताप मुगलों की योजना समझ चुके थे इसीलिए उन्होंने उनसे मित्रता नहीं की। अकबर मेवाड़ पर अधिकार करके वहां के बहुमूल्य खनिज पदार्थों एवं वहां के व्यापारिक रास्ते पर अधिकार करना चाहता था। अकबर के लिए सबसे बड़ी चुनौती महाराणा प्रताप को रास्ते से हटाना था इसीलिए उसने सेना भेजकर महाराणा प्रताप पर धावा बोल दिया। एक घमासान युद्ध के पश्चात अकबर की सेना जान बचाकर भागने लगी। इस युद्ध को हम हल्दीघाटी के युद्ध के नाम से जानते हैं।


प्रश्न 5. मोहन सिंह मंडार का मुगलों से संघर्ष पर एक नोट लिखिए।

उत्तर – मोहन सिंह मंडार हरियाणा के कैथल जिले से थे। उसने अपने गांव को घेरने वाले बाबर के भेजे हुए मुगलों को भारी क्षति पहुंचाई। उसके बाद बाबर ने अपने सिपहसालार तरसम बहादुर और नौरंगजेब को भेजा। उन्होंने सेना को तीन हिस्सों में बांटा। जब ग्रामीण युद्ध में व्यस्त थे तभी बाबर के सैनिकों ने पूरे गांव को जला डाला। मोहन सिंह गांव को जलता देख जब गांव की ओर वापस आया तो उसे पकड़ लिया गया और सजा-ए-मौत का फरमान सुना दिया गया।


प्रश्न 6. हकीम खाँ सूर एवं हसन खाँ मेवाती के मुगलों के विरुद्ध प्रतिरोध में क्या भूमिका थी?

उत्तर – हकीम खाँ सूर महाराणा प्रताप के साथ हल्दीघाटी के युद्ध में मुगलों के खिलाफ लड़ा। वह मेवाड़ का सेनापति था। हकीम खाँ सूर सेना की सबसे आगे वाली पंक्ति का नेतृत्व कर रहे थे और वह मेवाड़ के शस्त्रागार के प्रमुख थे। युद्ध में लड़ते लड़ते हुए वे शहीद हो गए।

हसन खाँ मेवाती ने राणा सांगा के साथ मिलकर बाबर से युद्ध किया। जिसमें बाबर जेहाद का सहारा लेकर जीत गया। राणा सांगा ने दोबारा युद्ध करने के लिए अपनी सेना में कुछ अन्य राजाओं को भी शामिल कर लिया। इस युद्ध में हसन खाँ मेवाती और अन्य राजाओं ने मिलकर मुगलों को बुरी तरह से उखाड़ दिया जिससे वह वह दोबारा आक्रमण करने का साहस भी न जुटा पाए।


आओ करके देखें:


प्रश्न 1. यदि आप महारानी दुर्गावती की सेना में सैनिक होते तो विजय दिलाने के लिए आप क्या प्रस्ताव करते? वर्णन कीजिए।

उत्तर – अगर मैं महारानी दुर्गावती की सेना में सैनिक होता तो मैं विजय दिलाने के लिए महारानी को यह प्रस्ताव पेश करता कि वह अन्य राजाओं के साथ संधि कर ले और साथ मिलकर युद्ध करें। अगर अन्य राजा साथ न आना चाहे तो युद्ध के लिए अच्छी रणनीति बनाई जाए।


प्रश्न 2. हेमचंद्र विक्रमादित्य एवं महाराणा प्रताप के मुगलों से संघर्ष के कारणों की सूची बनाएँ।

उत्तर – हेमचंद्र विक्रमादित्य एवं महाराणा प्रताप ने मुगलों से निम्नलिखित कारणों से संघर्ष किया:

  • बाहरी शासकों से अपने क्षेत्र की रक्षा के लिए
  • अपनी संपत्ति व प्रजा की रक्षा के लिए
  • अपनी शासन प्रणाली को मजबूत करने के लिए
  • अपनी प्रजा को धर्म परिवर्तन से बचाने के लिए।

 

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