पतंग Class 12 Hindi Summary – आरोह भाग 2 NCERT Solution

NCERT Solution of Class 12 Hindi आरोह भाग 2 Chapter 2 पतंग Summary  for Various Board Students such as CBSE, HBSE, Mp Board,  Up Board, RBSE and Some other state Boards. We Provides all Classes पाठ का सार, अभ्यास के प्रश्न उत्तर और महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर , MCQ for score Higher in Exams.

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NCERT Solution of Class 12th Hindi Aroh Bhag 2 /  आरोह भाग 2 Chapter 2 पतंग / Patang Kavita ka saar / Summary Solution.

पतंग Class 12 Hindi Chapter 2 Summary


पतंग कविता ‘आलोक धन्वा’ द्वारा रचित है यह कविता आलोक धन्वा के काव्य संग्रह ‘दुनिया रोज बनती है’ से अवतरित है। इस कविता में कवि ने बाल क्रियाकलापों के साथ-साथ प्रकृति में आए परिवर्तनों को मानव जीवन से जोड़ने का एक सुंदर प्रयास किया है। यह एक बिंब प्रधान कविता है। कवि ने प्रकृति को सजीव रूप से में चित्रण किया है। कविता में कवि ने बताया है कि जब तेज वर्षा की बौछारों के समाप्त होने के बाद एक नया सवेरा होता है। यह तेज बौछारें भादो मास के समाप्त होने के साथ समाप्त हो जाती हैं। फिर खरगोश की लाल सुंदर आंखों जैसा ही सुंदर सवेरा आता है। जिस प्रकार मानव जीवन में बहुत सी कठिनाइयों के पश्चात एक नया सवेरा होता है जो उसे नई रोशनी प्रदान करता है। अब नए सवेरे होने पर बच्चे साइकिल पर दौड़ लगाते हुए, जोर-जोर से घंटी बजाते हुए अपने दोस्तों को पतंग उड़ाने के लिए एकत्रित कर रहे हैं। वर्षा के बाद आकाश बहुत साफ हो गया है। पतंग आकाश में उड़ान भरने के साथ-साथ बच्चों में उनके साथ उड़ान भरने के लिए तैयार है। बच्चे भी पतंगों की तरह आसमान की गहराइयों में जाना चाहते हैं।

कविता में प्रकृति का वर्णन करते हुए एक नए जगह, जहां शीत ऋतु का चमकीला सौंदर्य है, जहां तितलियों की रंग भरी एक अलग जगह है, चारों दिशाओं में नगाड़े बज रहे हैं। बच्चे जन्म से ही कोमल होते हैं जिनका स्पर्श पृथ्वी भी पाना चाहते हैं। बच्चे बेसुध होकर इधर-उधर दौड़ लगाते हैं। वृक्षों की लचीली टहनियों पर झूला डाल कर आराम से झूले का मजा ले रहे हैं।

जब बच्चे पतंग उड़ाते हैं तो बच्चों को छतों के खतरनाक किनारों से गिरने का खतरा है परंतु उनके शरीर में भरे रोमांच उन्हें बचा लेते हैं। कवि ने बताया कि पतंग केवल एक पतले धागे के सहारे आसमान की गहराइयों तक पहुंच जाती है और यदि बच्चे कभी छतों की खतरनाक किनारों से गिर भी जाते हैं। अब जब वह सुरक्षित बच जाते हैं तो वे साहस और निडरता से भर जाते हैं। इन बच्चों का स्वागत यह धरती भी करती है।


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