प्रेरक प्रसंग Class 9 नैतिक शिक्षा Chapter 4 Explain HBSE Solution

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HBSE Class 9 Naitik Siksha Chapter 4 प्रेरक प्रसंग / Prepark Prashang Explain for Haryana Board of नैतिक शिक्षा Class 9th Book Solution.

प्रेरक प्रसंग Class 9 Naitik Siksha Chapter 4 Explain


1. माँ से बढ़कर कोई नहीं

स्वामी विवेकानन्द जी से एक जिज्ञासु ने प्रश्न किया, माँ की महिमा संसार में किस कारण से गाई जाती है ? स्वामी जी मुस्कराए और उस व्यक्ति से बोले, दो सेर वजन का एक पत्थर ले आओ। जब वह व्यक्ति पत्थर ले आया तो स्वामी जी ने उससे कहा, इस पत्थर को किसी कपड़े में लपेटकर अपने पेट पर बाँध लो और चौबीस घण्टे बाद मेरे पास आओ तो मैं तुम्हारे प्रश्न का उत्तर दूँगा।

स्वामी जी के आदेशानुसार उस व्यक्ति ने पत्थर को अपने पेट पर बाँध लिया और चला गया। पत्थर बाँधे हुए दिनभर वह अपना काम करता रहा, किन्तु हर क्षण उसे परेशानी और थकान महसूस हुई। शाम होते-होते पत्थर का बोझ सँभाले हुए चलना-फिरना उसके लिए असह्य हो उठा। थका-माँदा वह स्वामी जी के पास पहुँचा और बोला, मैं इस पत्थर को अब और अधिक देर तक बाँधे नहीं रख सकूँगा। एक प्रश्न का उत्तर पाने के लिए मैं इतनी कड़ी सजा सहन नहीं कर सकता। स्वामी जी मुस्कराते हुए बोले, “पेट पर इस पत्थर का बोझ तुमसे कुछ घण्टे भी नहीं उठाया गया। माँ अपने गर्भ में पलने वाले शिशु को पूरे नौ माह तक ढोती है और गृहस्थी का सारा काम भी करती है। संसार में माँ के सिवाय कोई इतना धैर्यवान और सहनशील नहीं है इसलिए माँ से बढ़कर इस संसार में कोई और नहीं।

2. शराब से मुक्ति

कुसंगति के कारण शराब पीने की बुरी आदत में फँसा हुआ एक युवक, भूदान आन्दोलन के प्रणेता, विनोबा भावे के पास आया। उसने उनसे प्रार्थना की कि मैं बेहद परेशान हूँ। मदिरा मेरा पीछा नहीं छोड़ती। विनोबा जी ने सुना और उससे अगले दिन आने को कहा। अगले दिन युवक आया और विनोबा जी को आवाज देने लगा। युवक की आवाज सुनकर विनोबा जी ने कहा कि मैं बाहर नहीं आ सकता क्योंकि मुझे एक खम्भे ने पकड़ रखा है। युवक ने भीतर देखा कि विनोबा जी ने एक खम्भे को पकड़ रखा है। यह देखकर युवक बोला कि आप स्वयं खम्भे को छोड़ दें तो आप खम्भे से अलग हो जाएँगे। यह सुनकर विनोबा जी बोले, बेटा, मैं तुम्हें यही समझाना चाहता था कि मदिरा ने तुम्हें नहीं पकड़ रखा; तुमने मदिरा को पकड़ रखा है। तुम स्वयं ही शराब को छोड़ सकते हो। दृढ़ इच्छाशक्ति से तुम गलत आदतों को छोड़ सकते हो। युवक विनोबा जी की शिक्षा से प्रभावित हुआ और मदिरा त्याग का वादा कर खुशी-खुशी घर चला गया।


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