पृथ्वी की गतियां Class 6 भूगोल Chapter 3 Notes – NCERT Solution

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NCERT Solution for Class 6 Geography in Hindi / भूगोल पृथ्वी की गतियां / Prithvi ki Gatiyan Notes.

पृथ्वी की गतियां कक्षा 6 भूगोल Chapter 3 Notes


घूर्णन – पृथ्वी का अपने अक्ष पर घूमना घूर्णन कहलाता है। पृथ्वी अपने अक्ष पर एक चक्कर पूरा करने में लगभग 24 घंटे का समय लेती है घूर्णन के इस समय काल को पृथ्वी का एक दिन कहा जाता है।

परिक्रमण – सूर्य के चारों ओर एक स्थिर कक्ष में पृथ्वी की गति को परिक्रमा कहते हैं। पृथ्वी 1 वर्ष या 365 ¼ दिन में सूर्य का एक चक्कर लगाती है। हम लोग 1 वर्ष 365 दिन का मानते हैं तथा सुविधा के लिए 6 घंटे को इसमें नहीं जोड़ते हैं। 4 वर्षों में प्रत्येक वर्ष के बचे हुए 6 घंटे मिलकर एक दिन यानी 24 घंटे के बराबर हो जाते हैं इसके अतिरिक्त दिन को फरवरी के महीने में जोड़ा जाता है इस प्रकार प्रत्येक चौथे वर्ष फरवरी माह 28 के बदले 29 दिन का होता है ऐसा वर्ष जिसमे 366 दिन होते हैं उसे लीप वर्ष कहा जाता है।

पृथ्वी का अक्ष एक काल्पनिक रेखा है, जो इसके कक्षीय सतह से 661/2° का कोण बनाती है। वह समतल जो कक्ष के द्वारा बनाया जाता है उसे कक्षीय समतल कहते हैं।

पृथ्वी का आकार गोले के समान हैं, इसीलिए एक समय में सिर्फ इसके आधे भाग पर ही सूर्य की रोशनी प्राप्त होती है। सूर्य की ओर वाले भाग में दिन होता है, जबकि दूसरा भाग जो सूर्य से दूर होता है वहां रात होती है। ग्लोब पर वह वृत्त जो दिन तथा रात को विभाजित करता है उसे प्रदीप्ति वृत्त कहते हैं।

पृथ्वी अपने अक्ष पर पश्चिम से पूर्व दिशा की ओर घूमती है जिससे दिन और रात बनते हैं।

पृथ्वी की ऋतुएँ-

21 जून को उत्तरी गोलार्ध सूर्य की तरफ झुका होता है जिसके कारण सूर्य की किरणें कर्क रेखा पर सीधी पड़ती हैं। विषुवत् वृत्त के उत्तरी भाग में गर्मी का मौसम होता है। 21 जून को इन क्षेत्रों में सबसे लंबा दिन और सबसे छोटी रातें होती हैं पृथ्वी की इस अवस्था को उत्तर अयनांत कहते हैं।

22 दिसंबर को दक्षिणी ध्रुव के सूर्य की ओर झुके होने के कारण मकर रेखा पर सूर्य की किरणें सीधी पड़ती हैं इसीलिए दक्षिणी गोलार्ध के बहुत बड़े भाग में प्रकाश प्राप्त होता है। दक्षिणी गोलार्ध में लंबे दिन तथा छोटी रातों वाली ग्रीष्म ऋतु होती है। इसके विपरीत स्थिति उत्तरी गोलार्ध में होती है। पृथ्वी की इस अवस्था को दक्षिण अयनांत कहा जाता है।

21 मार्च एवं 23 सितंबर को सूर्य की किरणें विषुवत्  वृत्त पर सीधी पड़ती हैं। इस अवस्था में कोई भी ध्रुव सूर्य की ओर झुका नहीं होता है। इसीलिए पूरी पृथ्वी पर रात और दिन बराबर होते हैं इसे विषुव कहा जाता है। 23 सितंबर को उत्तरी गोलार्ध में शरद ऋतु होती है जबकि दक्षिणी गोलार्ध में वसंत ऋतु होती है। 21 मार्च को स्थिति इसके विपरीत होती है।

पृथ्वी का सूर्य के चारों ओर परिक्रमण के कारण ऋतुएं बदलती है।

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