Class 7 इतिहास BSEH Solution for chapter 6 राजा दाहिर एवं राजा आनंदपाल Important Question Answer for Haryana board. CCL Chapter Provide Class 1th to 12th all Subjects Solution With Notes, Question Answer, Summary and Important Questions. Class 7 History mcq, summary, Important Question Answer, Textual Question Answer in hindi are available of हमारा भारत II Book for HBSE.
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HBSE Class 7 इतिहास / History in hindi राजा दाहिर एवं राजा आनंदपाल / Raja Dahir avam Raja Aanandpal Important Question Answer for Haryana Board of chapter 6 in Hamara Bharat II Solution.
राजा दाहिर एवं राजा आनंदपाल Class 7 इतिहास Chapter 6 Important Question Answer
प्रश्न 1. चचनामा क्या है और इसमें किस राजवंश के विषय में वर्णन किया गया है?
उत्तर – चचनामा सिन्ध के इतिहास से सम्बन्धित एक पुस्तक है। इसमें चच राजवंश के इतिहास तथा अरबों द्वारा सिंध विजय का वर्णन किया गया है।
प्रश्न 2. अरबों का सिंध पर आक्रमण करने का क्या उद्देश्य था ?
उत्तर – अरबों का सिन्ध पर आक्रमण का उद्देश्य राज्य विस्तार के साथ-साथ इस्लाम धर्म का प्रचार करना तथा धन लूटना था।
प्रश्न 3. जयपाल के हिन्दूशाही राज्य की सीमाएं कहां तक फैली थी?
उत्तर – जयपाल के हिन्दूशाही राज्य की सीमाएं चिनाब नदी से हिंदुकुश पर्वत तक फैली थी।
प्रश्न 4. महमूद गजनवी ने मथुरा पर आक्रमण के दौरान किस भगवान की मूर्ति को अपमानित किया था?
उत्तर – भगवान केशव की मूर्ति को।
प्रश्न 5. राजा दाहिर के प्रतिरोध का वर्णन किजिए।
उत्तर – दाहिर एक शक्तिशाली शासक था। उसके समय में सिन्ध पर अरबों ने कई आक्रमण किये। अरबों का सिन्ध पर आक्रमण का उद्देश्य राज्य विस्तार के साथ-साथ इस्लाम धर्म का प्रचार करना तथा धन लूटना था। प्रारम्भ में उन्होंने सिन्ध की सीमा पर जल और स्थल मार्ग से आक्रमण किए। राजा दाहिर सिन्ध का अन्तिम महान शासक था। जिसने मोहम्मद-बिन-कासिम के आक्रमण का 712 ई. में प्रतिरोध किया।
प्रश्न 6. हिंदूशाही शासक आनन्दपाल और गज़नी के शासक महमूद गजनवी के बीच हुए संघर्ष का वर्णन करें।
या
वैहिंद की लड़ाई का वर्णन कीजिए।
उत्तर – महमूद गजनवी भारत में इस्लाम का प्रसार करके मुस्लिम जगत में अपनी प्रतिष्ठा बढ़ाना चाहता था। इसके लिए उसे पहले आनंदपाल से निपटना था। इस उद्देश्य से महमूद गजनवी ने 1008 ई. में भारत की तरफ प्रस्थान किया। दूसरी ओर आनदपाल भी अपनी सेनाओं के साथ वैहिंद के मैदान में आ डटा। आनंदपाल को इस युद्ध में उज्जैन, ग्वालियर, कालिंजर, कन्नौज, दिल्ली और अजमेर की सेनाओं की सहायता प्राप्त हुई। इस दौरान महमूद गजनवी की सेना ने खाइयां खोदकर बचाव का रास्ता बनाया। दूसरी और आनंदपाल की सेना में दिन प्रतिदिन वृद्धि होती देख कर महमूद ने आक्रमण का आदेश दिया। आनंदपाल की जीत निश्चित लग रही थी। तभी आनंदपाल का हाथी चोट ग्रस्त होकर रणभूमि से भाग निकला। राजा को पलायन करते देख सेना में भगदड़ मच गई तथा आनंदपाल की विजय पराजय में बदल गयी।
प्रश्न 7. महमूद गज़नवी द्वारा सोमनाथ के मंदिर पर किए आक्रमण का वर्णन करें।
उत्तर – 1025 ई. में महमूद ने सोमनाथ के मंदिर पर आक्रमण किया। मंदिर की रक्षा करते हुए पचास हजार हिन्दू मारे गए। यहां से उसे भारी धनराशि, हीरे-जवाहरात एवं सोना चांदी प्राप्त हुआ। तभी गुजरात के शासक भीम प्रथम की तैयारी को देखते हुए उसने गज़नी जाने के लिए नए रास्ते का विकल्प चुना। मिन्हास-उस- सिराज ने लिखा है कि एक हिन्दू मार्गदर्शक ने महमूद की सेना को रास्ता भटकाकर कच्छ के मरुस्थल की तरफ भेज दिया। इस रास्ते पर महमूद की सेना को भारी क्षति उठानी पड़ी।
प्रश्न 8. महमूद गजनवी द्वारा भारत पर किए गए आक्रमणों ने कैसे धन-संपदा के साथ-साथ भारतीय संस्कृति को भी हानि पहुंचाई?
उत्तर – महमूद ने जिस भी नगर पर आक्रमण किया, उसे नष्ट कर दिया। कला के उत्कृष्ट उदाहरण मन्दिर उसने तोड़ दिए। मथुरा, नगरकोट, कुरुक्षेत्र एवं सोमनाथ के मंदिर जो पिछली कई शताब्दियों से ज्ञान, कला एवं संस्कृति के केन्द्र के रूप में उभरे थे, उन्हें नष्ट करके महमूद गजनवी ने भारत की धन सम्पदा के साथ-साथ भारतीय संस्कृति को भी हानि पहुंचाई।
प्रश्न 9. राजतरंगिणी क्या है?
उत्तर – राजतरंगिणी, कल्हण द्वारा रचित एक संस्कृत ग्रन्थ है। ‘राजतरंगिणी’ का शाब्दिक अर्थ है- राजाओं की नदी, जिसका भावार्थ है- ‘राजाओं का इतिहास या समय-प्रवाह । ‘ यह कविता के रूप में है। इसमें कश्मीर का इतिहास वर्णित है जो महाभारत काल से आरम्भ होता है।