संगति की सूक्तियां Class 9 नैतिक शिक्षा Chapter 3 Important Question Answer HBSE Solution

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HBSE Class 9 Naitik Siksha Chapter 3 संगति की सूक्तियां / Sangati ki suktiyan Important Question Answer for Haryana Board of नैतिक शिक्षा Class 9th Book Solution.

संगति की सूक्तियां Class 9 Naitik Siksha Chapter 3 Important Question Answer


प्रश्न 1. विद्वानों की संगति परमेश्वर-प्राप्ति में कैसे सहायक होती है?

उत्तर – परमेश्वर विद्वानों की संगति से प्राप्त होता है। विद्वानों की संगति से हमें अच्छे विचार और भगवान के प्रति श्रद्धा के भाव प्राप्त होते हैं और यही सब हमें परमेश्वर प्राप्ति में मदद करते हैं।


प्रश्न 2. पाप, ताप, दीनता आदि विकारों का नाश किससे होता है?

उत्तर – गंगा पाप का, चन्द्रमा ताप का और कल्प वृक्ष दीनता के अभिशाप का अपहरण करता है, परन्तु सत्संग, पाप, ताप और दीनता तीनों का तत्काल नाश कर देता है।


प्रश्न 3. सत्संगति मनुष्य के व्यक्तित्व का परिष्कार करती है। कैसे?

उत्तर – सत्संगति मनुष्य के व्यक्तित्व का परिष्कार करती है। यह मनुष्य की बुद्धि की जड़ता को हरती है, वाणी में सत्य का संचार करती है, सभी दिशाओं में सम्मान व उन्नति को बढ़ाती है, पाप से दूर करती है तथा हृदय को प्रसन्न रखती है।


प्रश्न 4. उमर खैयाम ने अज्ञानी व्यक्ति की संगति को नरक क्यों कहा है?

उत्तर – अज्ञानी व्यक्ति की संगति हमें हमारे जीवन में तरक्की करने से रोक देती है और साथ ही हमें बुरे कार्यों की तरफ प्रेरित करती है। इसीलिए कवि उमर खैयाम ने अज्ञानी व्यक्ति की संगति को नर्क कहा है।


प्रश्न 5. कबीर ने साधु की संगति और गन्धी की बास (गन्ध) में क्या समानता बताई है?

उत्तर साधू और सत्पुरुषों की संगत ऐसी है जैसे की गन्धी (इत्र बेचने वाला) हरदम अपने साथ इत्र और सुगन्धित प्रदार्थ रखता है वह गंध उसमे भी समां जाती है। यदि कोई गंधी के संपर्क में आता है। गन्धी के पास बैठे तो उसमे भी सुगंध आने लगती है चाहे प्रत्यक्ष रूप से गन्धी कुछ भी नहीं दे। 


प्रश्न 6. रहीम के अनुसार निम्न प्रकृति का व्यक्ति अपने साथी को किस प्रकार संकट में डालता है?

उत्तर – नीच लोगों के साथ रहने से प्रत्येक दिन कुछ न कुछ नुकसान होता है। उसके साथ रहने से लोग हमें भी नीच समझते हैं और उसके द्वारा किए गए बुरे कार्यों की सजा फिर हमें भी मिलती है।


 

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