सरस्वती-सिंधु सभ्यता Class 6 इतिहास Chapter 1 Important Question Answer – हमारा भारत I HBSE Solution

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HBSE Class 6 इतिहास / History in hindi सरस्वती-सिंधु सभ्यता / saraswati sindhu sabhyata Important Question answer for Haryana Board of chapter 1 in Hamara Bharat 1 Solution.

सरस्वती-सिंधु सभ्यता Class 6 इतिहास Chapter 1 Important Question Answer


प्रश्न 1. सरस्वती सिंधु सभ्यता के लोगों के मनोरंजन के साधन क्या थे?

उत्तर – इस सभ्यता के लोगों शतरंज, चौपड़ खेलते थे। खुदाई के दौरान हमें शतरंज व चौपड़ के पासे मिले हैं। उसके अलावा  बच्चों के मिट्टी से बने छोटे खिलौने भी मिले हैं।


प्रश्न 2. सरस्वती सिंधु सभ्यता की मुहरों का आकार कैसा था और उनकी आवश्यकता क्यों पड़ती थी?

उत्तर – हड़प्पा के लोग सेलखड़ी की मुहरे बनाते थे। ज्यादातर मोहरे आयताकार हैं जिन पर जानवरों के चित्र मिलते हैं। मुहरों का प्रयोग एक जगह से दूसरी जगह भेजे जाने वाले सामान से भरे डिब्बों को चिन्हित करने के लिए किया जाता होगा। डिब्बों पर मुहरबंदी के लिए लाख आदि जैसे वस्तुओं का प्रयोग करके इन मुहरों से छाप लगाते होंगे। जिससे यदि कोई सामान के साथ छेड़-छाड़ करें तो छाप टूट जाती होगी।


प्रश्न 3. सरस्वती सिंधु सभ्यता के निवासियों के महत्वपूर्ण व्यवसाय ‘कृषि’ और ‘पशुपालन’ पर टिप्पणी कीजिए।

उत्तर – इस सभ्यता के गांव में रहने वाले लोग कृषि करते थे। ये लोग गेहूं, जौ, दालें, मटर, धान, तिल और सरसों उगाते थे। कृषि बैलों और ऊंटों की सहायता से हल से की जाती थी। नदी व तालाबों से खेतों की सिंचाई करते थे। यहां के लोग ऊंट, बैल, गाय, भैंस, भेड़, बकरी, बत्तख, खरगोश, हिरण, मुर्गा, तोता व हाथी आदि जानवर पालते थे।


प्रश्न 4. सरस्वती सिंधु सभ्यता में उत्पादन के लिए कच्चा माल किन किन क्षेत्रों से मंगवाते थे?

उत्तर – सरस्वती सिंधु सभ्यता में उत्पादन के लिए कच्चा माल अलग अलग क्षेत्रों से मंगवाते थे। तांबा राजस्थान व पश्चिमी देश ओमान से मंगवाते थे। कांसा बनाने के लिए तांबे के साथ मिलाए जाने वाली टिन का आयात आधुनिक ईरान व अफगानिस्तान से किया जाता था। सोने का आयात आधुनिक कर्नाटक और बहुमूल्य पत्थरों का आयात गुजरात, ईरान और अफगानिस्तान से किया जाता था।


प्रश्न 5. सरस्वती सिंधु सभ्यता कालीन नगर निर्माण योजना का विश्लेषण कीजिए।

उत्तर – सरस्वती सिंधु सभ्यता के नगरों के अवशेष हमें दो भागों में मिले हैं। पश्चिमी भाग छोटा था परंतु ऊंचाई पर बना था। इसे दूर्ग क्षेत्र ( नगरदुर्ग ) कहा गया है। पूर्वी भाग बड़ा था जिसे निचला नगर कहां गया है। अधिकतर पुरास्थलों के दोनों हिस्सों को चारदीवारी से घेरा गया था जिसे पक्की ईंटों से बनाया गया था। इस सभ्यता की सड़कें 13 फुट से 33 फुट तक चौड़ी होती थी। व गलियों की चौड़ाई 9 से 12 फुट होती थी। सड़कें एक दूसरे को समकोण पर काटती थी।


प्रश्न 6. सरस्वती सिंधु सभ्यता कालीन भवन निर्माण योजना का विश्लेषण कीजिए।

उत्तर – इस सभ्यता में घरों का निर्माण एक निश्चित योजना से किया जाता था। आमतौर पर घर दो मंजिल के होते थे। घर में आंगन होते थे तथा रसोईघर, स्नानागार व शौचालय की सुविधाएं होती थी। दरवाजे मुख्य सड़कों की ओर न खुलकर गली में खुलते थे।


प्रश्न 7. सरस्वती सिंधु सभ्यता में लोग किसकी पूजा करते थे?

उत्तर – सरस्वती सिंधु सभ्यता के लोग वटवृक्ष, तुलसी, शिवलिंग, पशुपति शिव, कूबड़ वाले नंदी, मातृदेवी की पूजा करते थे।


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