सत्रहवीं  शताब्दी में मुगलों का क्षेत्रीय प्रतिरोध Class 8 इतिहास Chapter 5 Important Question Answer – हमारा भारत III HBSE Solution

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HBSE Class 8 इतिहास / History in hindi सत्रहवीं  शताब्दी में मुगलों का क्षेत्रीय प्रतिरोध / Sathrvi stabdi me mughlo ka kshetriya partirodh Important Question Answer for Haryana Board of chapter 5 in Hamara Bharat III Solution.

सत्रहवीं  शताब्दी में मुगलों का क्षेत्रीय प्रतिरोध Class 8 इतिहास Chapter 5 Important Question Answer


प्रश्न 1. राजपूत स्त्रियों के चारित्रिक गुण क्या थे?

उत्तर – राजपूत महिलाएं बहुत ही चरित्रवान, परिवार के लिए समर्पित, स्नेह करने वाली, परिवार का संचालन करने वाली, पति के साथ युद्ध और खेलों में भागीदारी करने वाली, कायरों से घृणा करने वाली और सामाजिक तथा घरेलू कार्यों में प्रभावशाली भूमिका निभाने वाली थी।


प्रश्न 2. राजपूत शासकों की वीरता से मुगल शासक सदा ही प्रभावित क्यों रहे?

उत्तर – अरबी और तुर्क आक्रमणकारियों ने आक्रमण करने आरंभ किए तो उत्तर और पश्चिमी भाग में क्षत्रियों ने इनका डटकर विरोध किया। विदेशी आक्रमणकारियों से हो रहे इस घोर संघर्ष के चलते जब क्षत्रियों की संख्या में कमी आने लगी तो विभिन्न जातियों के युवाओं ने मिलकर क्षत्रीय परंपरा को बढ़ाने के लिए स्वंय को समर्पित किया। विभिन्न जातियों से बने इस समूह को राजपूत कहा जाने लगा। राजपूत शासक बेहतरीन योद्धा थे और इनको बहुत अधिक लोगों का समर्थन था। जिसके कारण मुगल शासक राजपूत शासकों से प्रभावित रहे।


प्रश्न 3. विशाल व संगठित सेना का मुकाबला करने में गुरिल्ला युद्ध प्रणाली की क्या भूमिका हो सकती है?

उत्तर – गुरिल्ला युद्ध प्रणाली एक बेहतरीन युद्ध करने का तरीका था। इस युद्ध प्रणाली में सेना कोई विशेष वस्त्र नहीं पहनती थी। इस युद्ध प्रणाली को छापामार युद्ध के नाम से भी जाना जाता था।  इस युद्ध में सेना छिपकर अचानक हमला करके भाग जाती थी। थोड़े समय बाद वह अचानक फिर से हमला करती और मार कर वापस भाग जाती थी। इस प्रणाली को कम सैनिको वाले शासक इस्तेमाल करते थे और युद्ध में जीत हासिल करते थे। इसी कारण एक विशाल और संगठित सेना का मुकाबला करने में गुरिल्ला युद्ध प्रणाली का महत्वपूर्ण भूमिका थी।


प्रश्न 4. जाटों द्वारा मुगलों के प्रतिरोध के क्या कारण थे?

उत्तर – जाटों द्वारा मुगलों के प्रतिरोध के निम्नलिखित कारण थे:-

  • विभिन्न आदेशों द्वारा पुराने मन्दिरों का जीर्णोद्धार करने व नए मन्दिरों के निर्माण पर रोक लगा दी। कई मन्दिरों को तोड़ दिया।
  • 1665 ई. सार्वजनिक रूप से दिवाली और होली मनाने पर प्रतिबंध।
  • 1668 ई. में हिन्दुओं के मेलों और उत्सवों पर रोक लगा दी।
  • तीर्थ-यात्रा कर पुन: लगा दिया।
  • कृषकों का शोषण
  • हिन्दुओं पर जजिया कर पुन: लगाना।

प्रश्न 5. जाट नेता गोकुल के संघर्ष / शहीदी का वर्णन कीजिए।

उत्तर – गोकुल ने 1669 ई. में जाट आंदोलन का नेतृत्व किया था। जाटों ने मुगलों से संघर्ष में अपनी वीरता एवं शौर्य का परिचय दिया लेकिन शक्तिशाली मुगल सेना के सामने सीधे सरल किसान विवश थे। गोकुल को बंदी बनाकर आगरा लाया गया। औरंगज़ेब स्वयं आगरा पहुंचा तथा गोकुल को इस्लाम स्वीकार करने तथा क्षमा मांगने का प्रस्ताव दिया लेकिन गोकुल के इन्कार करने पर उसके शरीर के टुकड़े-टुकड़े करने का आदेश दिया। गोकुल की हत्या के बाद उनके परिवार की स्त्रियों को मुगल अधिकारियों में बांट दिया गया।


 

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