सहर्ष स्वीकारा है Class 12 Hindi Summary – आरोह भाग 2 NCERT Solution

NCERT Solution of Class 12 Hindi आरोह भाग 2 सहर्ष स्वीकारा है Summary  for Various Board Students such as CBSE, HBSE, Mp Board,  Up Board, RBSE and Some other state Boards. We Provides all Classes पाठ का सार, अभ्यास के प्रश्न उत्तर और महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर , MCQ for score Higher in Exams.

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NCERT Solution of Class 12th Hindi Aroh Bhag 2 /  आरोह भाग 2 सहर्ष स्वीकारा है / Sehrsh Swikara Hai कविता का सार / Summary Solution.

सहर्ष स्वीकारा है Class 12 Hindi Chapter 5 Summary


‘सहर्ष स्वीकारा है’ ‘मुक्तिबोध’ द्वारा रचित एक छोटी कविता है जो छायावादी चेतना से प्रेरित है। इस कविता में कवि ने बताया है कि आपके जीवन में कई प्रकार की समस्याएं आती हैं। दुख – सुख, संघर्ष – अवसाद, उतार – चढ़ाव, आशा – निराशा आदि से हमें हार नहीं मान लेनी चाहिए बल्कि इन सभी को प्रसन्नता पूर्वक स्वीकार करना चाहिए। यदि अपना और ईश्वर का प्रेम अटूट है तो वह आपको प्रत्येक समस्या से लड़ने की शक्ति प्रदान करेगा। कभी कभी कवि भी काफी हारा हुआ महसूस करता था। किंतु कई बार जब वह इन सबको अपने जीवन का हिस्सा मानकर और प्रभु की इच्छा मानकर स्वीकार कर लेता है। वह मानता है कि जिस प्रकार आकाश में रात्रि के समय चंद्रमा का प्रकाश चमकता है उसी प्रकार प्रभु का दृश्य आपके हृदय में समाया हुआ है। बादलों की ममता कभी-कभी उसे पीड़ादायक प्रतीत होती है, जब कोई उसे सहानुभूति या उसके दर्द में उसको सांत्वना देने के लिए आता है। यह सब उसे अपनापन नहीं लगता है क्योंकि वह दुख और दर्द अब सहन नहीं कर सकता है। उसकी आयु भी कम बची हुई है। वह प्रभु से दंड देने को कहता है ताकि वह पाताल लोक की अंधेरी गुफाओं में गुम हो जाए और कोई भी उस तक ना पहुंच सके। किंतु उसका मानना है कि प्रभु प्रत्येक कण में समाए हुए हैं और वह उसके साथ हैं। जिसकी वजह से वह संसार के प्रत्येक दुख व सुख को प्रसन्नता पूर्वक स्वीकार कर लेता है।


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