Class 8 Science/ विज्ञान Chapter 17 तारे और सौर परिवार Notes in Hindi for Quick Revise Your Chapter During Exam for CBSE, HBSE and Other State Board Where NCERT Book विज्ञान is Followed.
Class 8 Science Chapter 17 Notes in Hindi
खगोलीय पिंड- हमें आसमान में जो कुछ भी दिखाई देता है। उदाहरण के लिए चंद्रमा, गृह, सूर्य, धूमकेतु सब कुछ खगोलीय पिंड है।
चंद्रमा और उसकी कलाएं
चंद्रमा पृथ्वी का एक चक्कर 29.3 दिन में पूरा करता है। हम इसे आमतौर पर 1 माह मान कर चलते हैं। जिसमें 15 दिन तक चंद्रमा घटता जाता है और 15 दिन चंद्रमा पूरी तरह से गायब हो जाता है जिसे हम अमावस्या कहते हैं। उसके बाद धीरे-धीरे चंद्रमा का आकार बढ़ने लगता है और 15 दिन चंद्रमा पूरी तरह से हमें गोल दिखाई देता है। जिसे हम पूर्णिमा कहते हैं। चंद्रमा के इस घटते और बढ़ते क्रम को चंद्रमा की कलाएं कहते हैं।
चंद्रमा का पृष्ठ खुरदुरा और धूल भरा है। चंद्रमा पर कोई भी वातावरण नहीं है। चंद्रमा के ऊपर भी ऊंचे-ऊंचे पर्वत हैं जो कि पृथ्वी के पर्वतों के समान है। 21 जुलाई 1969 को नील आर्मस्ट्रांग ने चंद्रमा पर सबसे पहले अपना कदम रखा था।
प्रकाश वर्ष- अंतरिक्ष में दूरियों को मापना बेहद ज्यादा मुश्किल होता है क्योंकि दूरियां लाखों-करोड़ों किलोमीटर की होती है। इसीलिए हम अंतरिक्ष की दूरियों को प्रकाश वर्ष में मापते हैं। एक प्रकाश वर्ष का मतलब होता है प्रकाश के द्वारा एक वर्ष में तय की गई दूरी। प्रकाश की गति 300000 किलोमीटर/सेकंड होती है। हमारा सबसे नजदीकी तारा अल्फा सेंचुरी 4.5 प्रकाश वर्ष दूर है। इसका मतलब यह है कि अगर हम 300000 किलोमीटर/सेकंड की गति से जाएं तो हमें उस पार तक पहुंचने में 4.5 साल लग जाएंगे।
तारे- रात्रि की आकाश में हमें बहुत सारे तारे दिखाई देते हैं। यह तारे हमसे लाखों प्रकाश वर्ष दूर होते हैं। सूर्य भी एक तारा है। सूर्य नजदीक होने की वजह से हमें बहुत बड़ा दिखाई देता है। हमारी आकाशगंगा ‘मिल्की वे’ के अंदर लाखों-करोड़ों तारे भरे हुए हैं। हमें जितने तारे आकाश में दिखाई देते हैं वे सारे तारे हमारी एक आकाशगंगा के होते हैं। ऐसे ही ब्रह्मांड में बहुत सारी आकाशगंगाएं हैं। तारों का अपना प्रकाश होता है। तारों के अंदर हाइड्रोजन गैस मिलकर हिलियम बनाती है। जिससे बेहद ज्यादा गर्मी बाहर निकल कर आती है।
तारामंडल- तारों के समूह को तारामंडल कहते हैं। हमने आकाश में बहुत सारे तारों के समूह को ढूंढा और उनको कुछ नाम दिया।
- ग्रेट बियर- इस तारामंडल में सात तारे हैं। इसे हम बिग डिपर या सप्तर्षि यह कहते हैं। यह सारे तारे मिलकर एक चम्मच जैसा आकार बनाते हैं। यह तारामंडल हमें उत्तर की दिशा में देखने को मिल जाता है।
- ओराॅयन – इसे हम शिकारी भी कहते हैं। इस तारामंडल के अंदर बहुत सारे तारे आते हैं। यह तारामंडल हमें सर्दियों में दिखाई पड़ता है। इसके मध्य में तीन तारे शिकारी की बेल्ट को प्रदर्शित करते हैं। इसी बेल्ट के पूर्व की दिशा में चमकीला तारा सीरियस है।
सौर परिवार—
सौर परिवार के अंदर सूर्य और इसकी परिक्रमा करने वाले आठ ग्रह तथा कुछ अन्य खगोलीय पिंड भी हैं।
सूर्य- सूर्य हमारे सौर परिवार का मुखिया है। सभी ग्रह के चारों तरफ परिक्रमा करते हैं। सूर्य एक तारा है। सूर्य का अपना प्रकाश है। सूर्य की बहुत बड़ी मात्रा में प्रकाश और ऊष्मा उत्पन्न कर रहा है। पृथ्वी में लगभग समस्त ऊर्जा का स्त्रोत सूर्य ही है।
ग्रह- सौर परिवार में आठ ग्रह शामिल हैं। वें खगोलीय पिंड जो सूर्य का चक्कर एक निश्चित अंतराल में लगाते हैं और एक निश्चित रेखा में चलते हैं उन्हें हम ग्रह कहते हैं।
- बुध- यह हमारे सौर परिवार का सूर्य के सबसे निकटतम ग्रह है। किस ग्रह का कोई वातावरण नहीं है। सूर्योदय के तुरंत पहले या सूर्यास्त के तुरंत बाद इसे हम क्षितिज रेखा पर देख सकते हैं। इस ग्रह का कोई उपग्रह नहीं है।
- शुक्र- ग्रहों में सुख कर पृथ्वी का निकटतम ग्रह है। इस ग्रह का वातावरण कार्बन डाइऑक्साइड गैस का बना हुआ है। यह रात्रि के आकाश में सबसे चमकीला ग्रह है। यह सूर्योदय के समय पूर्व में और सूर्यास्त के समय पश्चिम में दिखाई देता है। इसीलिए इसे प्रभात तारा या सांध्यतारा भी कहते हैं। इस ग्रह का कोई उपग्रह नहीं है
- पृथ्वी- इस ग्रह के ऊपर जीवन है। हम इसी ग्रह के प्राणी हैं। इसके पास एक प्राकृतिक उपग्रह चंद्रमा है। इसके अंदर वातावरण है। इसको देखने के लिए हमें आकाश में देखने की जरूरत नहीं है। अंतरिक्ष से देखने पर पृथ्वी नीली और हरी दिखाई देती है।
- मंगल- मंगल ग्रह हल्का लाल रंग का प्रतीत होता है इसीलिए इसे लाल ग्रह भी कहते हैं। इसके दो छोटे प्राकृतिक उपग्रह फोबोस और डेमोस है। इस ग्रह पर भी वातावरण है।
- बृहस्पति- यह हमारे सौर परिवार का सबसे बड़ा ग्रह है। इस ग्रह के अंदर 1331 पृथ्वी समा सकती है। यह ग्रह गैसों से बना हुआ है। इसके बहुत सारे प्राकृतिक उपग्रह हैं। अभी तक हमें इसके 79 प्राकृतिक उपग्रहों का पता चला है।
- शनि – शनि ग्रह सौर परिवार का इकलौता ऐसा ग्रह है जिसके छल्ले है। इसे चारों तरफ बहुत सारे पत्थर घूम रहे होते हैं जो हमें छल्लो के समान दिखाई देते हैं। यह ग्रह गैसों का बना हुआ है। इसके ऊपर कोई जमीन नहीं है। अब तक शनि ग्रह के खोजे गए उपग्रह सबसे ज्यादा है। इनकी संख्या लगातार बढ़ती जा रही है।
- यूरेनस- यह ग्रह सूर्य से बहुत दूर होने की वजह से बर्फ से जमा हुआ है। इसी वजह से यह हमें सफेद दिखाई पड़ता है। बहुत दूर होने की वजह से इस के उपग्रहों की संख्या हमें सही से पता नहीं है।
- नेपच्यून- यह हमारे सौर परिवार का सबसे आखिरी ग्रह है । यह ग्रह भी सूर्य से बहुत दूर है। यह हमें नीले रंग का दिखाई देता है।
आंतरिक ग्रह- बुध, शुक्र, पृथ्वी और मंगल ग्रह को आंतरिक ग्रह कहा जाता है। क्योंकि सिर्फ इन्हीं ग्रहों के ऊपर जमीन है।
बाह्य ग्रह- बृहस्पति, शनि, यूरेनस और नेपच्यून बाह्य ग्रहों की श्रेणी में शामिल है। यह ग्रह गैसों के बने हुए हैं।
क्षुद्रग्रह- मंगल और बृहस्पति ग्रह के बीच में बहुत सारे पत्थर घूम रहे हैं। इन्हीं पत्थरों को हम क्षुद्रग्रह कहते हैं। इन पत्थरों की बनी पट्टी को क्षुद्रग्रह पट्टी कहा जाता है।
धूमकेतु- धूमकेतु भी हमारे सौर परिवार का एक हिस्सा है। धूमकेतु की एक लंबी सी पूछ होती हैं। यह पूछे बर्फ के पिघलने की वजह से बनती है जो कि काफी लंबी होती है। यह पत्थर हमारे सौर परिवार के बाहरी हिस्से से अंदर के हिस्से में आ जाते हैं और हमें यह दिखाई पड़ते हैं।
उल्काएं और उल्कापिंड – वे खगोलीय पिंड जो हमारे पृथ्वी के वातावरण में प्रवेश कर जाते हैं और घर्षण की वजह से जलने शुरू होते हैं उन्हें हम उल्काएं कहते हैं। लेकिन उनमें से कुछ पत्थर पृथ्वी की जमीन पर टकरा जाते हैं जिन्हें हम उल्कापिंड कहते हैं। हर रोज पृथ्वी के वातावरण में लाखों की संख्या में उल्काएं आती है और बहुत ही कम उनमें से पृथ्वी की जमीन तक पहुंच पाती हैं।
कृत्रिम उपग्रह- वें उपग्रह जो प्रकृति ने हमें नहीं दिए। इसको इंसानों ने बनाया है और अब यह उपग्रह पृथ्वी का चक्कर लगा रहे हैं या किसी और ग्रह का। इन्हें हम कृत्रिम उपग्रह कहते हैं। उदाहरण- चंद्रयान-2 चंद्रमा का चक्कर लगा रहा है। भारत का पहला कृत्रिम उपग्रह आर्यभट्ट था
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