उत्तर भारत के तेरहवीं से पंद्रहवीं सदी के राज्य Class 7 इतिहास Chapter 8 Important Question Answer – हमारा भारत II HBSE Solution

Class 7 इतिहास BSEH Solution for chapter 8 उत्तर भारत के तेरहवीं से पंद्रहवीं सदी के राज्य Important Question Answer for Haryana board. CCL Chapter Provide Class 1th to 12th all Subjects Solution With Notes, Question Answer, Summary and Important Questions. Class 7 History mcq, summary, Important Question Answer, Textual Question Answer in hindi are available of  हमारा भारत II Book for HBSE.

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HBSE Class 7 इतिहास / History in hindi उत्तर भारत के तेरहवीं से पंद्रहवीं सदी के राज्य / uttar bharat ke terhvi se pandhravi sadi ke rajya Important Question Answer for Haryana Board of chapter 8 in Hamara Bharat II Solution.

उत्तर भारत के तेरहवीं से पंद्रहवीं सदी के राज्य Class 7 इतिहास Chapter 8 Important Question Answer


प्रश्न 1. बंगाल के एक भाग को सबसे पहले किस मुस्लिम सेनापति ने कब और कैसे जीता था?

उत्तर – बंगाल को सबसे पहले मोहम्मद गौरी के सेनानायक मोहम्मद बिन- बख्तियार खिलजी ने 1204 ई. में जीता था। वह घोड़ों के एक सौदागर के रूप में अचानक बंगाल की राजधानी नदिया पहुंचा और उसने धोखे से राजमहल पर आक्रमण किया। यहां का राजा लक्ष्मणसेन घबरा कर भाग गया और बख्तियार खिलजी बंगाल के बड़े भाग का शासक बन गया।


प्रश्न 2. सिंध अभियान में फिरोजशाह तुगलक का सम्बन्ध कितने दिनों तक अपनी राजधानी से कटा रहा?

उत्तर – छः महीने


प्रश्न 3. अलाउद्दीन ने चित्तौड़ पर अधिकार कब और किसको पराजित करके किया?

उत्तर – 1303 ई. में दिल्ली के सुलतान अलाउद्दीन ने चित्तौड़ पर आक्रमण किया और राजा रतनसिंह व उसके बहादुर सेनापतियों गोरा व बादल को पराजित करके मेवाड़ की राजधानी चितौड़ पर अधिकार कर लिया।


प्रश्न 4. उत्तर भारत पर बार-बार विदेशी आक्रमण क्यों हुए? उनमें से कुछ आक्रमणकारियों के नाम बताइए।

उत्तर – उत्तर भारत भौगोलिक दृष्टि से समृद्ध क्षेत्र है। यहां हिमालय से निकलने वाली नदियां इसे समृद्धि प्रदान करती है। समृद्धि से भरे उत्तर भारत के इन क्षेत्रों से धन लूटने, इस्लाम का प्रचार करने और रियासतों पर अधिकार करने के लिये विदेशी आक्रमणकारियों ने बार बार आक्रमण किए। जिनमें से कुछ विदेशी आक्रमणकारी शासक मोहम्मद गौरी, ऐबक तुर्क, इल्तुतमिश, बलबन रहे हैं।


प्रश्न 5. इल्तुतमिश के समय में उलेमा (मुस्लिम धार्मिक वर्ग) हिन्दुओं को कौन-सा विकल्प देना चाहता था?

उत्तर – इल्तुतमिश के समय मुस्लिम धार्मिक वर्ग (उलेमा) चाहता था कि हिन्दुओं को इस्लाम अथवा जज़िया के विकल्प की बजाए इस्लाम अथवा मृत्यु का विकल्प दिया जाना चाहिए।


प्रश्न 6. मोहम्मद-बिन-तुगलक की प्रमुख योजनाएं क्या थीं? वे क्यों असफल रहीं?

उत्तर

  1. राजधानी परिवर्तन 1327 ई.-1329 ई. : मोहम्मद-बिन-तुगलक की प्रथम महत्पूर्ण योजना अपनी राजधानी को दिल्ली से देवगिरि में परिवर्तित करना था। देवगिरी का नाम बदल कर दौलताबाद रखा गया। नई राजधानी में मौलिक संसाधनों का अभाव था जिससे यह योजना असफल रही। 
  2. गंगा-यमुना के दोआब में कर वृद्धि : सुल्तान द्वारा दोआब क्षेत्र में कर वृद्धि की गई ताकि राज्य की आय में अभिवृद्धि हो सके। लेकिन उसी दौरान इस क्षेत्र में भीषण अकाल पड़ गया। किसान कर न दे सके। अतः उन्होंने इस योजना का विरोध किया। जब सुल्तान ने सेना भेजी तो बहुत से लोग मारे गए और शेष अपनी भूमि को छोड़ कर अपने परिवारों सहित वनों में भाग गए। 
  3. सांकेतिक मुद्रा का प्रचलन (1330 ई.-1332 ई.) : मोहम्मद-बिन-तुगलक की योजना सांकेतिक मुद्रा प्रणाली का प्रचलन था । सुल्तान ने चांदी के टके के स्थान पर तांबे के सिक्के चलाए। नए सिक्कों का मूल्य चांदी के सिक्के के बराबर कर दिया। लोगो ने घरों में ही नकली सिक्के बनाने शुरू कर दिए। 
  4. कृषि सुधार की योजना ( 1330 ई.) : मोहम्मद-बिन-तुगलक ऊसर भूमि को कृषि योग्य बना कर फसलों की उपज में वृद्धि करना चाहता था। इस उद्देश्य के लिए उसने ‘दीवान-ए-अमीर- कोही’ नामक कृषि विभाग स्थापित किया। उसने उत्तम प्रकार की फसलों के परीक्षणों पर दो वर्षों में सत्तर लाख रुपए व्यय कर दिए परन्तु सुल्तान की यह वैज्ञानिक योजना भी पूरी तरह असफल रही।
  5. खुरासान एवं कराचिल विजय की योजना ( 1332 ई.- .-1333 ई.) : मोहम्मद-बिन-तुगलक विश्व-विजेता बनने का सपना देख रहा था अतः उसने खुरासान को जीतने की योजना बनाई । विशाल सेना का गठन किया गया। सैनिकों को दो साल का अग्रिम धन भी दिया गया। लेकिन खुरासान पर आक्रमण न किया जा सका। सुल्तान से इस सेना को कराचिल (कुमाऊं) क्षेत्र को जीतने के लिए भेज दिया लेकिन इस पहाड़ी क्षेत्र के लोगों ने सेना का डटकर विरोध किया। लगभग एक लाख घुड़सवारों में से केवल कुछ ही सैनिक जीवित लौटे। जिससे राज्य को बड़ा आर्थिक नुकसान हुआ।

प्रश्न 7. रज़िया सुल्तान कौन थी? अपने शासन काल में उसको किन लोगों के विद्रोह का सामना करना पड़ा और क्यों?

उत्तर – इल्तुतमिश की पुत्री रज़िया बेगम एक योग्य, कुशल प्रशासिका, वीरांगना, साहसी और प्रतिभा सम्पन्न सुल्ताना थी। रज़िया ने प्रशासनिक व्यवस्था को सुधारा व प्रजा की भलाई के लिए अनेक कार्य किए। वह पर्दे को त्यागकर पुरुषों के वस्त्र पहनकर राज संचालन करती थी। दिल्ली के अमीरों (सरदारों) ने उसे सुल्तान मानने से इन्कार कर दिया। अतः कुछ समय पश्चात् मुल्तान, झांसी, लाहौर और बदायूं के सूबेदारों ने उसके विरुद्ध विद्रोह कर दिया। जब लाहौर के सूबेदार कबीर खां ने विद्रोह किया तो रज़िया ने इस विद्रोह को भी दबा दिया। इसके बाद भटिंडा के सूबेदार अल्तूनिया ने विद्रोह कर दिया और विशाल सेना के साथ दिल्ली पर आक्रमण किया। रज़िया पराजित हुई और अल्तूनिया ने उसे बन्दी बना लिया।


प्रश्न 8. राजपूत राज्यों की शासन व्यवस्था पर विश्लेषणात्मक टिप्पणी कीजिए।

उत्तर – राजपूत राज्य सामन्तवादी प्रथा पर आधारित थे। राजपूत राज्य कई जागीरों में बंटे हुए थे। वे जागीरदार व सामन्त राजा के प्रति व्यक्तिगत श्रद्धा से जुड़े होते थे। संकट के समय ये राजा की सहायता करते थे। सामन्त नियमित रूप से राजा को वार्षिक कर देते थे। राजा को असीमित अधिकार प्राप्त थे। वह अपने राज्य का सर्वोच्च अधिकारी, प्रमुख सेनापति और मुख्य न्यायाधीश होता था । निरंकुश होते हुए भी राजा प्रजा की रक्षा तथा जन-कल्याण के कार्य करना अपना कर्तव्य समझते थे। इन्ही राजाओं एवं शासकों के आपस में लड़ने के कारण इनके राज्यों का पतन हुआ।


प्रश्न 9. दिल्ली सल्तनत के प्रमुख शासकों के नाम लिखिए।

उत्तर – दिल्ली सल्तनत के प्रमुख शासक निम्नलिखित थे-

  • इल्तुतमिश
  • रजिया बेगम
  • बलबन
  • अलाउद्दीन खिलजी
  • मोहम्मद–बिन–तुगलक

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