वायु तथा जल का प्रदूषण Class 8 Science Chapter 18 Notes in Hindi Medium PDF

Class 8 Science/ विज्ञान Chapter 18 वायु तथा जल का प्रदूषण Notes in Hindi for Quick Revise Your Chapter During Exam for CBSE, HBSE and Other State Board Where NCERT Book विज्ञान is Followed.

Class 8 Science Chapter 18 Notes in Hindi

वायु प्रदूषण- वायु के अंदर अनावश्यक गैसों का बढ़ जाना वायु प्रदूषण कहलाता है। ऑक्सीजन की कमी होने की वजह से हमें सांस लेने में तकलीफ होने लगती है। हानिकारक गैसें हमारे शरीर में जाने लगती है और हमें बीमार कर देती है। जो पदार्थ वायु को प्रदूषित करते हैं, वायु प्रदूषक कहलाते हैं। उदाहरण:- वाहनों से निकलने वाले धुएं में कार्बन मोनोऑक्साइड, कार्बन डाइऑक्साइड, नाइट्रोजन ऑक्साइड होता है जो हमारे शरीर के लिए हानिकारक है।

कुछ गैसे हमारी ओजोन परत को तोड़ देती हैं जो हमारी पृथ्वी को सूर्य की पराबैंगनी किरणों से बचाती है। CFC क्लोरोफ्लोरोकार्बन गैस से ओजोन परत में छेद हो गया। इसके बाद क्लोरोफ्लोरोकार्बन गैस पर रोक लगाई गई जिसको रेफ्रिजरेटर और ए०सी० में इस्तेमाल किया जाता था।

अम्लीय वर्षा- हवा के अंदर बहुत सारी जहरीली गैसें मिल जाती है। वर्षा के दौरान वह सारी गैसें पानी के साथ मिलकर नीचे गिरती हैं। जो बेहद ही ज्यादा खतरनाक होती है क्योंकि वह गैसें मिलकर अमल में बदल जाती हैं। इसी को अम्लीय वर्षा कहा जाता है। अम्लीय वर्षा के कारण ताजमहल का रंग सफेद से पीला हो गया है।

पौधा घर प्रभाव- हमारे वायुमंडल में जब सूर्य की किरण आती है तो वह जमीन से टकराकर परावर्तित हो जाती है और पृथ्वी से बाहर चली जाती है। पृथ्वी में कार्बन डाइऑक्साइड बढ़ने की वजह से सूर्य की किरण पृथ्वी के अंदर तो आ जाती हैं लेकिन बाहर नहीं जा पाती। जिसकी वजह से पृथ्वी का तापमान बढ़ने लगता है। इसी प्रभाव को पौधा घर प्रभाव कहते हैं। पौधा घर प्रभाव पृथ्वी के लिए जरूरी भी है क्योंकि यह एक निश्चित उष्मा को पृथ्वी के अंदर रोक कर रखता है। लेकिन अधिक होने पर परेशानी खड़ी हो जाती है। फल स्वरूप वायुमंडल के औसत तापमान में वृद्धि होती है जिसे विश्व उष्णन कहते हैं। पौधे इस प्रभाव को संतुलित रखने का कार्य करते हैं। पौधों के कम हो जाने की वजह से हमें यह सारी परेशानियां देखने को मिलती हैं।

वायु प्रदूषण को रोकने के लिए सरकार ने बहुत सारे कदम उठाए। जिसमें पेट्रोल और डीजल की जगह सीएनजी की गाड़ियां लाई गई। जिसे प्रदूषण नहीं होता और हानिकारक गैस से नहीं निकलती।

जल प्रदूषण- जल के अंदर विषैले रसायन और कई तरह का कचरा मिल जाता है जिसे हम जल प्रदूषण कहते हैं। जो पदार्थ जल के अंदर मिलते हैं उन्हें जल प्रदूषक कहते हैं।

पेयजल- वह जल जिसको हम पी सकते हैं उसे पेयजल कहते हैं। यह जल साफ होता है और इसके अंदर जल प्रदूषक नहीं होते।

3R – कम उपयोग- पुनः उपयोग- पुनः चक्रण । इसकी मदद से हम जल को बचा सकते हैं।

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