Class 6 इतिहास NCERT Solution for chapter 2 वैदिक काल Question Answer for Haryana board. CCL Chapter Provide Class 1th to 12th all Subjects Solution With Notes, Question Answer, Summary and Important Questions. Class 6 History mcq, summary, Important Question Answer, Textual Question Answer in hindi are available of हमारा भारत II Book for HBSE.
Also Read – HBSE Class 6 इतिहास – हमारा भारत I NCERT Solution
Also Read – HBSE Class 6 इतिहास – हमारा भारत I Solution in videos
HBSE Class 6 इतिहास / History in hindi वैदिक काल / Vedic kal Question Answer for Haryana Board of chapter 2 in Hamara Bharat 1 Solution.
वैदिक काल Class 6 इतिहास Chapter 2 Question Answer
आओ जानें, कितना सीखा
सही उत्तर छांटें :
1. ऋग्वेद में ……….. मंडल और ………… सूक्त हैं।
क) 8,1000
ख) 10,1028
ग) 10,1050
घ) 20,5000
उत्तर – ख) 10,1028
2. ग्राम से बड़ी संस्था …………. होती थी।
क) राष्ट्र
ख) जन
ग) विश
घ) इन में से कोई नहीं
उत्तर – ग) विश
3. मनुष्य का जीवन ………. आश्रमों में बांटा गया था।
क) 4
ख) 5
ग) 2
घ) 3
उत्तर – क) 4
4. पांचालों का राज्य गंगा, यमुना के उत्तर में था व ……… इसकी राजधानी थी।
क) आसनधिवत
ख) कांपिल्य
ग) हस्तिनापुर
घ) पांचालों का राज्य
उत्तर – ख) कांपिल्य
5. उत्तर मीमांसा को ही ……… कहते हैं।
क) उपनिषद
ख) वेदांत
ग) सांख्य दर्शन
घ) इन में से कोई नहीं
उत्तर – ख) वेदांत
रिक्त स्थान की पूर्ति करें :
- ___________ यज्ञ में शक्ति प्रदर्शन के लिए रथ दौड़ का आयोजन होता था।
-
__________ काल को आर्यों की प्रगति का काल कहा जाता था।
-
उत्तर वैदिक काल में राजा के कर एकत्रित करने वाले अधिकारी को ________ कहा जाता था।
-
__________ नदी ऋग्वैदिक काल की सबसे पवित्र नदी थी।
उत्तर – 1. वाजपेय यज्ञ, 2. उत्तर वैदिक, 3. भागदुह, 4. सरस्वती
उचित मिलान करें :
|
|
उत्तर –
|
|
निम्नलिखित कथनों में सही (✓) अथवा गलत (X) का निशान लगाएं :
- वैदिक काल में जीवन को चार भागों में विभाजित किया जाता है। (✓)
-
वैदिक काल में सभा और समिति संस्थाएं राजाओं पर अंकुश रखती थी। (✓)
-
संन्यास आश्रम में समाज हित के लिए प्रयास करना होता था। (X)
-
वैदिक काल में व्यक्तिगत भूमि को उर्वरा तथा शामलात भूमि को खिल्य कहते थे। (✓)
-
उत्तर वैदिक काल में बाणों के नुकीले अग्रभाग कई बार विष से भी बुझे होते थे। (✓)
लघु प्रश्न :
प्रश्न 1. विश्व का सबसे प्राचीन ग्रंथ कौन-सा है ?
उत्तर – ऋग्वेद।
प्रश्न 2. राजा और प्रजा के बीच में मध्यस्थता का कार्य कौन-कौन करते थे?
उत्तर – राजा की सहायता के लिए पुरोहित, सेनापति, ग्रामणी आदि होते थे जो राजा और प्रजा के बीच में मध्यस्थ का काम करते थे।
प्रश्न 3. ऋग्वेद की रचना किसने और कहां की थी ?
उत्तर – ऋग्वेद की रचना गृत्समद, विश्वामित्र, वामदेव, अत्रि, भारद्वाज, वशिष्ठ, कण्व व अंगिरा आदि ऋषियों ने सरस्वती व दृषद्वती नदियों के किनारे पर की है।
प्रश्न 4. उत्तर वैदिक काल के प्रमुख राज्यों के नाम लिखो।
उत्तर – कुरु, पांचाल, काशी, कौशल, विदेह।
प्रश्न 5. उत्तर वैदिक काल में शासन की कुशलता के लिए राजा द्वारा किन-किन अधिकारियों की नियुक्ति की जाती थी? उनके कार्यों का उल्लेख करें।
उत्तर – उत्तर वैदिक काल में शासन की कुशलता के लिए राजा भागदुह (कर एकत्रित करने वाला), संग्रहीता (खजांची), सूत (सारथी), द्वारपाल (सन्देश लाने-ले जाने वाला), पालागल, पुरोहित और युवराज आदि अधिकारियों की नियुक्ति करता था।
आइए विचार करें :
प्रश्न 1. उत्तर वैदिक काल के सामाजिक जीवन पर एक नोट लिखें।
उत्तर – समाज की सबसे छोटी इकाई परिवार होती थी। ऋग्वेद की भांति समाज वर्णों में विभाजित था परंतु उसका आधार अब भी कर्म ही था। शूद्रों के साथ भेदभाव नहीं होता था। छूआछूत की भावना भी नहीं थी । वैश्वदेव यज्ञ में लगे आर्यों के लिए शूद्रों द्वारा भोजन बनाने का प्रावधान था । अथर्ववेद में सभी वर्णों की कीर्ति के लिए कामना मिलती है। उत्तर वैदिक काल में मनुष्य की आयु को सौ वर्ष मानकर उसको चार आश्रमों में बांटा गया हैं। जन्म से लेकर मृत्यु तक 16 संस्कारों को करने का प्रचलन था। इस काल में सात्विक भोजन होता था।
प्रश्न 2. ऋग्वैदिक काल में पारिवारिक संरचना किस प्रकार की थी? वर्णन करें!
उत्तर – ऋग्वैदिक समाज का आधार संयुक्त परिवार होता था जिसमें पिता या बड़ा भाई परिवार का स्वामी होता था। उसके अधिकार असीमित होते थे। वह परिवार के सदस्यों को कठोर से कठोर दण्ड भी दे सकता था। लेकिन ऐसा होता नहीं था। वह बहुत ही प्यार से परिवार चलता था।
प्रश्न 3. उत्तर वैदिक काल के आर्थिक जीवन का विश्लेषण करें।
उत्तर –
- इस काल में आय का प्रमुख साधन कृषि था। ऋतुओं के अनुसार फसल को बोया और काटा जाता था। सिंचाई के लिए वे वर्षा पर ही निर्भर थे। कुएं और नदियों के जल का भी प्रयोग करते थे।
- इस काल में गाय का महत्व काफी बढ़ गया था और उसे श्रद्धा की दृष्टि से देखा जाता था। इस काल में हाथी, ऊंट, घोड़ा, सूअर, गधा, कुत्ता, तथा अन्य काम आने वाले पशुओं को पाला जाता था।
- इस काल के निष्क, शतमान, कार्षापण आदि मुद्रा की विभिन्न इकाइयों के उल्लेख मिलते हैं।
प्रश्न 4. ऋग्वेद काल की राजनीतिक व्यवस्था का विश्लेषण करें।
उत्तर – राजनीतिक दृष्टि से ऋग्वैदिक काल की सबसे बड़ी इकाई जन थी। जन विशों में बटें हुए थे। विश ग्रामों में, ग्राम कुलों में और कुल परिवारों में बटें हुए थे। सबसे छोटी इकाई ‘परिवार’ का मुखिया पिता या बड़ा भाई होता था, जिसको कुलप कहा जाता था। कई कुलों से मिलकर ग्राम बनता था। ग्राम के मुखिया को ग्रामणी कहा जाता था। ग्राम से बड़ी संस्था विश होती थी जिसका स्वामी विशपति कहलाता था। कई विशों के समूह को जन कहा जाता था। देश के लिए ‘राष्ट्र’ शब्द का प्रयोग किया गया है। जन के अधिपति को राजन कहा जाता था। राजन निरंकुश नहीं थे। ‘सभा, समिति और विदथ’ नामक संस्थाए उन पर अंकुश रखती थी। कई अवसरों पर वे राजा का चुनाव भी करती थीं और राजा को हटा भी देती थी। राजा की सहायता के लिए पुरोहित, सेनापति, ग्रामणी आदि होते थे जो राजा और प्रजा के बीच में मध्यस्थ का काम करते थे। इन्हें अपने-अपने भू-भाग में शासन व न्याय के अधिकार प्राप्त थे।
प्रश्न 5. दर्शन की छह आस्तिक व्याख्याएं कौन-कौन सी है? इनके अनुसार संसार क्या है?
उत्तर – दर्शन की छह आस्तिक व्याख्याएं निम्नलिखित हैं। जिनमें 1. सांख्य दर्शन 2. योग दर्शन 3. वैशेषिक दर्शन 4. न्याय दर्शन 5. पूर्व मीमांसा और 6. उत्तर मीमांसा । ये सभी व्याख्याएं संसार को मायाजाल मानती हैं।
आओ करके देखें
प्रश्न 1. नारी की वर्तमान स्थिति और ऋग्वेद काल की स्थिति का तुलनात्मक अध्ययन कीजिए।
उत्तर – ऋग्वेद काल में स्त्रियों की समाज में स्थिति अच्छी थी। विवाह परिपक्व अवस्था में ही होते थे। उन्हें भी स्वतन्त्रतापूर्वक घूमने-फिरने, पढ़ने-लिखने व पति को चुनने का अधिकार था। पर्दा प्रथा का प्रचलन नहीं था और स्त्रियों की शिक्षा-दीक्षा की समुचित व्यवस्था थी। धार्मिक कार्य स्त्री के बिना पूर्ण नहीं होते थे। उनकी उपस्थिति अनिवार्य होती थी। आधुनिक समाज में भी स्त्रियों की स्थिति ऋग्वेद काल जैसी ही है।