विजयनगर साम्राज्य Class 7 इतिहास Chapter 9 Important Question Answer – हमारा भारत II HBSE Solution

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HBSE Class 7 इतिहास / History in hindi विजयनगर साम्राज्य / Vijaynagar Samrajya Important Question Answer for Haryana Board of chapter 9 in Hamara Bharat II Solution.

विजयनगर साम्राज्य Class 7 इतिहास Chapter 9 Important Question Answer


प्रश्न 1. कृष्णदेव राय द्वारा रचित प्रसिद्ध रचना आमुक्तमाल्यद किस भाषा में लिखी गई?

उत्तर – तेलुगु में


प्रश्न 2. देवराय प्रथम के शासनकाल में किस इटली यात्री ने विजयनगर की यात्रा की?

उत्तर – निकोलो द कोण्टी


प्रश्न 3. किस महान शासक को विजयनगर इतिहास में इम्माडि देवराय से भी जाना जाता है?

उत्तर – देवराय द्वितीय


प्रश्न 4. तुलुव वंश की स्थापना किसने की?

उत्तर – वीर नरसिंहा


प्रश्न 5. किस नदी को बहमनी और विजयनगर राज्य की सीमा माना जाता था?

उत्तर –  कृष्णा नदी को


प्रश्न 6. विजयनगर का शाब्दिक अर्थ क्या है?

उत्तर – विजयनगर का शाब्दिक अर्थ ‘विजय का नगर’ है।


प्रश्न 7. दोआब क्या होता है?

उत्तर – दोआब उर्दू भाषा का शब्द है जिसका अर्थ है दो बड़ी नदियों के मध्य की भूमि जो कृषि के लिए काफी उपजाऊ होती है। आब का अर्थ पानी है। यहां पर जनसंख्या घनत्व काफी सघन मात्र में पाया जाता है। विश्व की लगभग सभी प्राचीनतम सभ्यताओं का उदय ऐसे दोआब के मध्य हुआ था।


प्रश्न 8. तलीकोट के युद्ध का वर्णन कीजिए।

उत्तर – तलीकोट का युद्ध 1565 ई. में विजयनगर की सेनाओं व बहमनी शासकों बीजापुर, अहमदनगर, गोलकुंडा की संयुक्त सेनाओं के मध्य लड़ा गया। विजयनगर की सेना का नेतृत्व प्रधानमंत्री रामराय कर रहा था। इस युद्ध में विजयनगर की सेना को इन राज्यों की संयुक्त सेनाओं ने हरा दिया। इसे राक्षसी – तागड़ी के युद्ध के नाम से भी जाना जाता है। विजयी सेनाओं ने विजयनगर शहर पर आक्रमण किया तथा नगर में आग लगा दी। इस प्रकार तलीकोट का युद्ध विजयनगर साम्राज्य के लिए पतन का कारण बना।


प्रश्न 9. सप्तांग विचारधारा क्या थी,

उत्तर – कौटिल्य द्वारा रचित पुस्तक ‘अर्थशास्त्र’ प्राचीन भारतीय इतिहास व राजनीति की महान रचना है। सप्तांग विचारधारा अर्थशास्त्र से ली गई है। इसका शाब्दिक अर्थ होता है सात अंग। शासन को चलाने के लिए कौटिल्य ने सात महत्वपूर्ण अंग बताए हैं। यह अंग इस प्रकार हैं : स्वामी, अमात्य, जनपद, दुर्ग, सेना, मित्र एवं कोष।


प्रश्न 10. विजयनगर साम्राज्य का साहित्य में योगदान पर चर्चा करें।

उत्तर

  • बुक्का राय के मंत्री माधवाचार्य ने न्यायशास्त्र पर एक महान ग्रंथ लिखा।
  • सायणाचार्य ने वेदों पर टीकाएं लिखीं।
  • बुक्का प्रथम ने तेलुगु साहित्य को प्रोत्साहन दिया।
  • देवराज द्वितीय ने कवियों को संरक्षण दिया।
  • राजा कृष्णदेवराय स्वयं उच्च कोटि के साहित्यकार थे। उनके काल में साहित्य के क्षेत्र में अद्भुत उन्नति हुई। उन्होंने ‘आमुक्तमाल्यद’ नामक तेलुगु में महान ग्रंथ की रचना की।

प्रश्न 11. कमलमहल का वर्णन कीजिए।

उत्तर – शाही क्षेत्र में एक सुंदर भवन ‘कमलमहल’ है। इसकी मेहराब पर बहुत सुंदर डिज़ाइन बनाए गए हैं। इस भवन को कमल महल का नाम इसलिए दिया गया है क्योंकि इन मेहराबों को दूर से देखने पर कमल जैसी आकृति बनती हैं।


प्रश्न 12. विजयनगर में बने मंदिरों का वर्णन कीजिए।

उत्तर – विजयनगर में एक क्षेत्र मंदिरों वाला है जो बहुत प्रसिद्ध है। यहां अनेक मंदिरों का निर्माण हुआ। विरुपाक्ष मंदिर, विट्ठलस्वामी मंदिर तथा हजारास्वामी मंदिर कला के उत्कृष्ट नमूने हैं। चिदम्बरम में ताड़पत्री तथा पार्वती मंदिर भी सुंदर हैं। कांचीपुरम के वृद्धराज तथा एकम्बरनाथ मंदिर, कल्याण मण्डप भी उल्लेखनीय हैं। इन मंदिरों के गोपुरम सबसे अधिक प्रभावशाली थे।


प्रश्न 13. महानवमी डिब्बा क्या है? 

उत्तर – यह लगभग 11000 वर्ग फीट के आधार पर 40 फीट की ऊंचाई तक बनी पत्थरों की मंचनुमा आकृति है। इसके उपयोग को लेकर विद्वानों में आज भी मतभेद है, फिर भी अधिकतर विद्वानों का मानना है कि विशेष अवसर पर धार्मिक अनुष्ठानों के समय पर यहां सम्राट व जनता इकट्ठा होती थीं।


प्रश्न 14. विजयनगर की प्रशासनिक व्यवस्था की प्रमुख विशेषताएं क्या थीं?

उत्तर

  • साम्राज्य की समस्त कार्यकारी, न्यायकारी व विधायी शक्तियां शासक में निहित होती थी। सभी शासक जनहित के कार्य करना अपना कर्तव्य समझते थे।
  • राजा के बड़े पुत्र को उसका उत्तराधिकारी नियुक्त किया जाता था । पुत्र न होने की दशा में राजपरिवार के किसी भी योग्य व्यक्ति को शासक अपना युवराज चुन लेता था।
  • राजा की सहायता के लिए एक मंत्री परिषद् होती थी जिसमें प्रधानमंत्री, अन्य मंत्री, विभागों के प्रधान आदि राज्य के बड़े प्रमुख एवं योग्य व्यक्ति नियुक्त होते थे। वे प्रमुख विषयों पर राजा को परामर्श देते थे।
  • राज्य की आय का मुख्य साधन भू-राजस्व था जो उपज का तिहाई या छठा भाग होता था। किसानों से चावल की उपज का एक-तिहाई भाग, रागी, चना आदि का एक-चौथाई भाग व बाजरे एवं अन्य शुष्क भूमि से उपज का छठा भाग कर के रूप में लिया जाता था।
  • विजयनगर के राजा निष्पक्ष न्याय में विश्वास रखते थे। साम्राज्य के विभिन्न भागों में नियमित न्यायालय थे। ग्रामों में जाति पंचायतें व श्रेणी-संगठन भी न्याय का कार्य करते थे। इन सबके ऊपर राजा का न्यायालय था, जिसे सभा कहा जाता था।
  • विजयनगर साम्राज्य की सेना सुसंगठित व स्थायी थी। सेना का प्रमुख राजा होता था। पैदल, घुड़सवार, हाथी व तोपखाना सेना के प्रमुख अंग थे। विदेशों से उत्तम नस्ल के घोड़े आयात किए जाते थे।

प्रश्न 15. विजयनगर साम्राज्य के पतन के कारणों का विश्लेषण करें। Most Important

उत्तर – कृष्णदेवराय की मृत्यु के बाद उत्तराधिकार के लिए संघर्ष हुआ। उसके बाद अच्युतराय तथा सदाशिव राय गद्दी पर आसीन हुए। इस काल में राज्य की वास्तविक शक्ति कृष्णदेवराय के दामाद रामराय के हाथ में रही। रामराय एक योग्य शासन प्रबंधक था परंतु सफल कूटनीतिज्ञ नहीं था। उसने बहमनी राज्य के खंडों (बीजापुर, गोलकुंडा, अहमदनगर) को एक-दूसरे के विरुद्ध सहायता देने की नीति अपनाई परंतु अंत में इन राज्यों ने विजयनगर के खिलाफ एक संयुक्त मोर्चा बनाकर 23 जनवरी 1565 को तलीकोट के युद्ध में उसे पराजित कर दिया। तलीकोट का युद्ध विजयनगर साम्राज्य के लिए पतन का कारण बना।


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