भारतीय गायिकाओं में बेजोड़: लता मंगेशकर Class 11 Hindi Important Question Answer – वितान भाग 1 NCERT Solution

NCERT Solution for Class 11 Hindi Chapter 1 Vitan Bhag 1 Bhartiya Gayikao Me Bejod Lata Mangeshkar Important Question for HBSE. Here we Provides Class 1st to 12th all Subjects Solution With Notes, Question Answer, Summary and Important Questions for CBSE, HBSE, Up Board, RBSE, MP Board and some other State Boards.

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Class 11 Hindi Important Questions and Answer of भारतीय गायिकाओं में बेजोड़: लता मंगेशकर / Bhartiya Gayikao Me Bejod Lata Mangeshkar NCERT Solution.

भारतीय गायिकाओं में बेजोड़: लता मंगेशकर Class 11 Hindi महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर


प्रश्न 1. लता की गायकी से संगीत के प्रति आम लोगों की सोच में क्या परिवर्तन आया है?
अथवा
लता मंगेशकर की लोकप्रियता का कारण स्पष्ट कीजिए।

उत्तर – संगीत ने सदा से मनुष्य को आनंद की अनुभूति दी है। शास्त्रीय संगीत साधारण मनुष्य की समझ से दूर है लेकिन चित्रपट संगीत ने आम मनुष्य को संगीत से परिचत करा दिया है और लता के संगीत ने लोगों का शास्त्रीय संगीत के प्रति दृष्टिकोण बदल दिया है। लता की गायकी का जादू ऐसा है कि घरों में छोटे-छोटे बच्चों को भी सुर में गुन-गुनाते हुए देखा जा सकता है। लोगों का संगीत के विविध प्रकारों से परिचय हो रहा। स्वर ज्ञान बढ़ रहा है। सुर-ताल की समझ आ रही है। साधारण मनुष्य भी संगीत की अच्छी पहचान रखने लगा है। इसका सारा श्रेय लता के संगीत को जाता है। उनके संगीत ने नई पीढ़ी के संगीत को संस्कारित किया है। संगीत के प्रति आम लोगों की सोच परिवर्तन लता के संगीत के जादू से आया है।


प्रश्न 2. ‘भारतीय गायिकाओं में बेजोड : लता मंगेशकर’ पाठ का उद्देश्य स्पष्ट कीजिए।

उत्तर – ‘भारतीय गायिकाओं में बेजोड : लता मंगेशकर’ पाठ के माध्यम से भारतीय गायिकाओं में लता के जोड़ की गायिका न होने के कारणों को प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से स्पष्ट किया है। गायन कला से जुड़े बहुत महत्त्वपूर्ण तथ्यों का वर्णन किया है। लता मंगेशकर गानपन ने संगीत को विशिष्ट लोगों की श्रेणी से निकालकर साधारण लोगों में लोकप्रिय बना दिया है। लेखक ने बहुत समय पहले बीमारी के समय में लता मंगेशकर का गीत रेडियो पर सुना और वह उसी समय से स्वयं को लता मंगेशकर के संगीत से जुड़ा हुआ अनुभव करने लगा। लता से पहले भी कई गायिकाएं आई हैं और बाद में भी परंतु लता के समान लोकप्रियता के शिखर तक कोई नहीं पहुँच पाया। आधी से अधिक शताब्द बीत चुकी है लेकिन लता की लोकप्रियता कम नहीं हुई है इसका कारण लता के स्वरों की निर्मलता, कोमलता तथा मिठास है उनका स्वर लोगों को संगीत के साथ सीधा जोड़ता है। चित्रपट संगीत के निर्देशकों संगीत के माध्यम से शास्त्रीय संगीत को लोगों से जोड़ दिया है। उनके गीतों के माध्यम से राजस्थानी, पहाड़ी, पंजाबी, बंगाली लोकगीतों का बहुत उपयोग हुआ। साथ में देश की संस्कृति से आम लोगों को परिचित कराया है। संगीत का क्षेत्र एक ऐसा चित्र है जिसमें सभी वर्ण के लोग एक समान आनंद की अनुभूति प्राप्त करते हैं। लेखक ने इस पाठ के माध्यम से यह स्पष्ट किया है कि लता मंगेशकर की गायकी ने संगीत को एक नई दिशा प्रदान की है। संगीत सभा- समारोहों की परिधि से निकलकर लता मंगेशकर के कारण ही सामान्य जन मानस तक पहुँचा है।


प्रश्न 3. शास्त्रीय संगीत और चित्रपट संगीत में क्या अंतर है?

उत्तर – शास्त्रीय संगीत और चित्रपट संगीत की तुलना नहीं की जा सकती। दोनों प्रकार के संगीत का अंत आनंद की प्राप्ति है। दोनों में समानता होते हुए भी अंतर है। शास्त्रीय संगीत में गंभीरता का स्थायी भाव है जबकि चित्रपट संगीत का गुण धर्म जलद लय और चपलता है। शास्त्रीय संगीत से ताल परिष्कृत रूप में पाया जाता है और चित्रपट संगीत का ताल प्राथमिक अवस्था का ताल होता है। चित्रपट संगीत में आधे तालों का उपयोग किया जाता है जबकि शास्त्रीय संगीत में तालों का पूरा ध्यान रखा जाता है। चित्रपट संगीत गाने वालों को शास्त्रीय संगीत का ज्ञान होना आवश्यक है परंतु शास्त्रीय संगीत गायक को चित्रपट संगीत ज्ञान होना आवश्यक नहीं है। चित्रपट संगीत का एक गीत तीन-साढ़े तीन मिनट में वही आनंद और कलात्मकता प्रदान करता है जो शास्त्रीय संगीत तीन-साढ़े तीन घंटे की महफिल से प्राप्त होता है। दोनों प्रकार के संगीत का अपने-अपने क्षेत्र में बहुत महत्त्व है। श्रोता उस संगीत को ज्यादा पसंद जिसमें उन्हें अधिक आनंद की प्राप्ति होती है।


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