Class | 8 |
Subject | संस्कृत |
Book | NCERT |
NCERT Solution of Class 8th Sanskrit Ruchira / रुचिरा Chapter 6 गृहं शून्यं सुतां विना / Griham Sunyam sutam vina Vyakhya / व्याख्या / meaning in hindi / translation in hindi Solution.
गृहं शून्यं सुतां विना Class 8 Sanskrit Chapter 6 Translation in Hindi-English
”शालिनी ग्रीष्मावकाशे पितृगृहम् आगच्छति। सर्वे प्रसन्नमनसा तस्याः स्वागतं कुर्वन्ति परं तस्याः भ्रातृजाया उदासीना इव दृश्यते “
शालिनी- भ्रातृजाये! चिन्तिता इव प्रतीयसे, सर्वं कुशलं खलु?
माला – आम् शालिनि! कुशलिनी अहम्। त्वदर्थं किम् आनयानि, शीतलपेयं चायं वा?
शालिनी- अधुना तु किमपि न वाञ्छामि। रात्रौ सर्वैः सह भोजनमेव करिष्यामि।
शब्दार्थ :- ग्रीष्मावकाशे – गर्मियों की छुट्टियों में। पितृगृहम् – पिता के घर। आगच्छति – आती है। सर्वे – सभी। प्रसन्नमनसा – खुश होकर। तस्याः – उसका। स्वागतं – स्वागत। कुर्वन्ति – करते हैं। परं – परंतु। तस्याः – उसकी। भ्रातृजाया – भाभी। उदासीना – उदास। इव – सी। दृश्यते – दिखती है। भ्रातृजाये – हे भाभी। चिन्तिता – चिंतित। प्रतीयसे – दिखाई दे रही हों। सर्वं – सब। कुशलं – ठीक। खलु – तो है। आम् – हां। कुशलिनी – ठीक हूं। अहम् – मैं। त्वदर्थं – तुम्हारे लिए। किम् – क्या। आनयानि – लाऊं। शीतलपेयं – ठंडा पेय पदार्थ। चायं – चाय। वा – या। अधुना – अभी। तु – तो। किमपि – कुछ भी। न – नहीं। वाञ्छामि – चाहती हूं। रात्रौ – रात्रि में। सर्वैः – सबके। सह – साथ। भोजनमेव – भोजन ही। करिष्यामि – करूंगी।
Translation in Hindi :-
‘ शालिनी गर्मियों की छुट्टियों में अपने पिता के घर आती है। सभी खुश होकर उसका स्वागत करते हैं। परंतु उसकी भाभी उदास सी दिखती है।’
शालिनी – हे भाभी! चिंतित सी दिख रही हो। सब ठीक तो है?
माला – हां शालिनी! मैं ठीक हूं। तुम्हारे लिए क्या लाऊं, ठंडा या चाय?
शालिनी – अभी तो कुछ भी नहीं चाहिए। रात्रि में सबके साथ भोजन ही करूंगी।
Translation in English —
‘ Shalini comes to her father’s house during summer vacations. Everyone welcomes him happily. But her sister-in-law looks sad.
Shalini – Oh sister-in-law! You look worried. Is everything alright?
Mala – Yes Shalini! I am alright! What should I bring you, cold or tea?
Shalini – Nothing is needed now. I will have dinner with everyone in the night.
( भोजनकालेऽपि मालायाः मनोदशा स्वस्था न प्रतीयते स्म, परं सा मुखेन किमपि नोक्तवती)
राकेशः- भगिनि शालिनि! दिष्ट्या त्वं समागता। अद्य मम कार्यालये एका महत्त्वपूर्णा गोष्ठी सहसैव निश्चिता। अद्यैव मालाया: चिकित्सिकया सह मेलनस्य समयः निर्धारितः त्वं मालया सह चिकित्सिकां प्रति गच्छ, तस्याः परामर्शानुसारं यद्विधेयं तद् सम्पादय। शालिनी- किमभवत्? भ्रातृजायायाः स्वास्थ्यं समीचीनं नास्ति? अहं तु ह्यः प्रभृति पश्यामि सा स्वस्था न प्रतिभाति इति प्रतीयते स्म ।
राकेश :- चिन्तायाः विषयः नास्ति। त्वं मालया सह गच्छ। मार्गे सा सर्वं ज्ञापयिष्यति।
(माला शालिनी च चिकित्सिकां प्रति गच्छन्त्यौ वार्ता कुरुतः)
शालिनी- किमभवत् ? भ्रातृजाये! का समस्याऽस्ति?
माला-शालिनि! अहं मासत्रयस्य गर्भं स्वकुक्षौ धारयामि। तव भ्रातुः आग्रहः अस्ति यत् अहं लिङ्गपरीक्षणं कारयेयं कुक्षौ कन्याऽस्ति चेत् गर्भं पातयेयम्। अहम् अतीव उद्विग्नाऽस्मि परं तव भ्राता वार्तामेव न शृृणोति।
शब्दार्थ :- भोजनकालेऽपि – भोजन के समय। मालायाः – माला की। मनोदशा – स्थिति। स्वस्था – स्वस्थ। प्रतीयते – प्रतीत होना। परं – परंतु। सा – उसने। मुखेन – मुख से। किमपि – कुछ भी। नोक्तवती – नहीं कहा। भगिनि – बहन। दिष्ट्या – भाग्य से। त्वं – तुम। समागता – आई हो। अद्य – आज। मम – मेरा। कार्यालये – कार्यालय में। एका – एक। महत्त्वपूर्णा – महत्वपूर्ण। गोष्ठी – मीटिंग। सहसैव – अचानक ही। निश्चिता – निश्चित हुई है। अद्यैव – आज ही। मालाया: – माला की। चिकित्सिकया – महिला चिकित्सक। सह – साथ। मेलनस्य – मिलने का। समयः – समय। निर्धारितः – निर्धारित हुआ। त्वं – तुम। मालया – माला के। सह – साथ। चिकित्सिकां – चिकित्सक के। प्रति – पास। गच्छ – जाओ। तस्याः – उसकी। परामर्शानुसारं – सलाह के अनुसार। यद्विधेयं – जो करने योग्य हो। तद् – वह। सम्पादय – कीजिए। किमभवत् – क्या हुआ। भ्रातृजायायाः – भाभी का। स्वास्थ्यं – स्वास्थ्य। समीचीनं – ठीक। नास्ति – नहीं है। अहं – मैं। तु – तो। ह्यः – (बीता हुआ) कल। प्रभृति – से। पश्यामि – देख रही हूं। सा – वह। स्वस्था – स्वस्थ। प्रतिभाति – दिखाई दे रही है। इति – ऐसा। प्रतीयते – लग रहा। स्म – है। चिन्तायाः – चिंता की। विषयः – बात। नास्ति – नहीं है। त्वं – तुम। मालया – माला के। सह – साथ। गच्छ – जाओ। मार्गे – रास्ते में। सा – वह। सर्वं – सब कुछ। ज्ञापयिष्यति – बता देगी। गच्छन्त्यौ – जाती हुई। वार्ता – बातचीत। कुरुतः – करती है। का – क्या। समस्याऽस्ति – समस्या है। मासत्रयस्य – 3 महीने के। गर्भं – गर्भ। स्वकुक्षौ – अपनी कोख में। धारयामि – धारण किए हुए हूं। तव – तुम्हारे। भ्रातुः – भाई। आग्रहः – जीद। लिङ्गपरीक्षणं – लिंग परीक्षण। कारयेयं – करवाऊं। कुक्षौ – कोख में। कन्याऽस्ति – लड़की हो। चेत् – तो। गर्भं – गर्भ को। पातयेयम् – गिराऊ। अतीव – बहुत। उद्विग्नाऽस्मि – परेशान हूं। परं – परंतु। वार्तामेव – बात ही। शृृणोति – सुन रहा।।
Translation in Hindi —
( भोजन के समय माला की स्थिति स्वस्थ प्रतीत नहीं हो रही थी। परंतु उसने मुख से कुछ भी नहीं कहा। )
राकेश – बहन शालिनी! भाग्य से तुम आई हो। आज मेरे कार्यालय में एक महत्वपूर्ण मीटिंग अचानक ही निश्चित हो गई। आज ही माला को महिला चिकित्सक के साथ मिलने का समय निर्धारित हुआ था। तुम माला के साथ महिला चिकित्सक के पास जाओ और उसकी सलाह के अनुसार, जो करने योग्य हो उसे करो।
शालिनी – क्या हुआ? भाभी का स्वास्थ्य ठीक नहीं है? मैं तो कल से ही देख रही हूं। वह स्वस्थ दिखाई नहीं दे रही है। ऐसा प्रतीत हो रहा है।
राकेश – चिंता की बात नहीं है। तुम माला के साथ जाओ। रास्ते में वह सब कुछ बता देगी। ( माला और शालिनी महिला चिकित्सक के पास जाती हुए बातचीत करती हैं।)
शालिनी – क्या हुआ? भाभी? क्या समस्या है?
माला – शालिनी! मैं 3 महीने का गर्भ अपनी कोख में धारण किए हुए हूं। तुम्हारे भाई की जिद है कि मैं लिंग परीक्षण करवाऊं। अगर कोख में कन्या हो तो गर्भपात करवाऊं। मैं बहुत परेशान हूं परंतु तुम्हारा भाई बात ही नहीं सुन रहा है।
Translation in English —
(Mala’s condition did not seem to be healthy at the time of the meal. But she did not say anything from her mouth.)
Rakesh – Sister Shalini! You have come by luck. Today an important meeting in my office suddenly got fixed. Today was the time fixed for Mala to meet with the lady doctor. You go to the lady doctor with mala and do what you are able to do as per her advice.
Shalini – what happened? Sister-in-law is not in good health? I have been watching since yesterday. She does not appear healthy. It seems so.
Rakesh – Don’t worry. You go with mala. She will tell everything along the way. (Mala and Shalini talk while going to the lady doctor.)
Shalini – what happened? Sister in law? What’s the problem?
Mala – Shalini! I am carrying a pregnancy of 3 months in my womb. Your brother insists that I get a gender test done. If there is a girl in the womb, then I should get an abortion. I am very upset but your brother is not listening at all.
शालिनी- भ्राता एवं चिन्तयितुमपि कथं प्रभवति? शिशुः कन्याऽस्ति चेत् वधार्हा? जघन्यं कृत्यमिदम्। त्वम् विरोधं न कृतवती? सः तव शरीरे स्थितस्य शिशो: वधार्थं चिन्तयति त्वम् तूष्णीम् तिष्ठसि? अधुनैव गृहं चल, नास्ति आवश्यकता लिङ्गपरीक्षणस्य। भ्राता यदा गृहम् आगमिष्यति अहम् वार्तां करिष्ये।
( सन्ध्याकाले भ्राता आगच्छति हस्तपादादिकं प्रक्षाल्य वस्त्राणि च परिवर्त्य पूजागृहं गत्वा दीपं प्रज्वालयति भवानीस्तुतिं चापि करोति। तदनन्तरं चायपानार्थम् सर्वेऽपि एकत्रिता:।)
राकेश:- माले! त्वं चिकित्सिकां प्रति गतवती आसी:, किम् अकथयत् सा?
( माला मौनमेवाश्रयति। तदैव क्रीडन्ती त्रिवर्षीया पुत्री अम्बिका पितुः क्रोडे उपविशति तस्मात् चाकलेहं च याचते। राकेश: अम्बिकां लालयति, चाकलेहं प्रदाय तां क्रोडात् अवतारयति। पुनः मालां प्रति प्रश्नवाचिका दृष्टिं क्षिपति। शालिनी एतत् सर्व दृष्ट्वा उत्तरं ददाति)
शब्दार्थ :- भ्राता – भाई। एवं – ऐसा। चिन्तयितुमपि – सोच भी। कथं – कैसे। प्रभवति – सकते हैं। शिशुः – यदि बच्चा। कन्याऽस्ति – कन्या है। चेत् – तो। वधार्हा – वध के योग्य हैं। जघन्यं – बहुत बुरा है। कृत्यमिदम् – यह कार्य तो। विरोधं – विरोध। कृतवती – क्या। सः – वह। तव – तुम्हारे। शरीरे – शरीर में। स्थितस्य – स्थित। शिशो: – बच्चे की। वधार्थं – हत्या के लिए। चिन्तयति – सोच रहा है। तूष्णीम् – तुम। तिष्ठसि – चुप हो। अधुनैव – अभी। गृहं – घर। चल – चलो। नास्ति – नहीं है। आवश्यकता – जरूरत। लिङ्गपरीक्षणस्य – लिंग परीक्षण की। यदा – जब। गृहम् – घर। आगमिष्यति – आएंगे। वार्तां – बातचीत। करिष्ये – करूंगी। सन्ध्याकाले – शाम के समय। आगच्छति – आया। हस्तपादादिकं – हाथ पैर आदि। प्रक्षाल्य – धोकर। वस्त्राणि – कपड़े। च – और। परिवर्त्य – बदल कर। पूजागृहं – पूजा घर में। गत्वा – जाकर। दीपं – दीपक / दीया। प्रज्वालयति – जलाता है। भवानीस्तुतिं – देवी की पूजा। चापि – और। करोति – करता है। तदनन्तरं – उसके बाद। चायपानार्थम् – चाय नाश्ते के लिए। सर्वेऽपि – सभी। एकत्रिता: – इकट्ठे होते हैं। गतवती – गई थी। आसी: – थी। किम् – क्या। अकथयत् – कहा। सा – उसने। मौनमेवाश्रयति – चुप ही रहती है। तदैव – तभी। क्रीडन्ती – खेलती हुई। त्रिवर्षीया – तीन वर्ष की। पुत्री – बेटी। अम्बिका – अम्बिका। पितुः – पिता की। क्रोडे – गोद में। उपविशति – बैठती है। तस्मात् – उससे। चाकलेहं – चॉकलेट। च – और। याचते – मांगती है। राकेश: – राकेश। अम्बिकां – अम्बिका को। लालयति – लाड प्यार करता है। चाकलेहं – चॉकलेट। प्रदाय – देकर। तां – उसे। क्रोडात् – गौद से। अवतारयति – उतारता है। पुनः – दोबारा। मालां – माला की। प्रति – तरफ। प्रश्नवाचिका – पूछने की। दृष्टिं – नजर। क्षिपति – डालता है। एतत् – यह। सर्व – सब। दृष्ट्वा – देखकर। उत्तरं – उत्तर। ददाति – देती है।
Translation in Hindi —
शालिनी – भाई ऐसा सोच भी कैसे सकता है? अगर बच्चा कन्या है तो हत्या कर देगा। यह कार्य तो बहुत बुरा है। तुमने विरोध नहीं किया? वह तुम्हारे शरीर में स्थित बच्चे की हत्या के लिए सोच रहा है और तुम चुप हो? अभी घर चलो, लिंग परीक्षण की कोई जरूरत नहीं है। भाई जब घर आएगा तो मैं उससे बात करूंगी।
( शाम के समय भाई आता है। हाथ पैर आदि धोकर और कपड़े बदल कर पूजा घर में जाता है। दीपक जलाता है और देवी माता की पूजा करता है। उसके बाद सभी चाय नाश्ते के लिए इकट्ठा होते हैं।)
राकेश – माला! तुम आज चिकित्सक के पास गई थी। उसने क्या कहा?
( माला चुप ही रहती है। तभी खेलती हुई तीन वर्ष की उसकी बेटी अम्बिका पिता की गोद में बैठती है और उससे चॉकलेट मांगती है। राकेश अम्बिका को लाड प्यार करता है। चॉकलेट देने के बाद वह उसे गौद से उतार देता है। दोबारा माला की तरफ पूछने की नजर डालता है। शालिनी यह सब देख कर उत्तर देती है। )
Translation in English —
Shalini – How can brother even think like this? If the child is a girl, he will kill her. This work is very bad. you didn’t protest? He is thinking to kill the child in your body and you are silent? Come home now, there’s no need for a gender test. When my brother comes home, I will talk to him.
(The brother comes in the evening. After washing hands, feet etc. and changing clothes, he goes to the worship house. Lights the lamp and worships the goddess. After that all gather for tea and breakfast.)
Rakesh – Mala! You went to the doctor today. What did he say?
(Mala remains silent. Just then her three-year-old daughter Ambika sits on her father’s lap while playing and asks him for chocolates. Rakesh loves Ambika. After giving the chocolates, he takes her off her lap. keep attention on mala again. Shalini sees all this and answers.
शालिनी- भ्रातः! त्वं किं ज्ञातुमिच्छसि ? तस्याः कुक्षि पुत्रः अस्ति पुत्री वा? किमर्थम्? षण्मासानन्तरं सर्वं स्पष्टं भविष्यति, समयात् पूर्वं किमर्थम् अयम् आयासः?
राकेश:- भगिनि, त्वं तु जानासि एव अस्माकं गृहे अम्बिका पुत्रीरूपेण अस्त्येव अधुना एकस्य पुत्रस्य आवश्यकताऽस्ति तर्हि……..
शालिनी- तर्हि कुक्षि पुत्री अस्ति चेत् हन्तव्या? (तीव्रस्वरेण) हत्यायाः पापं कर्तुं प्रवृत्तोऽसि त्वम्।
राकेश:- न, हत्या तु न………
शालिनी- तर्हि किमस्ति निर्घृणं कृत्यमिदम् ? सर्वथा विस्मृतवान् अस्माकं जनकः कदापि पुत्रीपुत्रयोः विभेदं न कृतवान् ? सः सर्वदैव मनुस्मृतेः पंक्तिमिमाम् उद्धरति स्म ” आत्मा वै जायते पुत्रः पुत्रेण दुहिता समा”। त्वमपि सायं प्रातः देवीस्तुतिं करोषि? किमर्थं सृष्टे: उत्पादिन्याः शक्त्याः तिरस्कारं करोषि ? तव मनसि इयती कुत्सिता वृत्तिः आगता, इदं चिन्तयित्वैव अहं कुण्ठिताऽस्मि। तव शिक्षा वृथा…….
शब्दार्थ:- भ्रातः- भाई। त्वं – तुम। किं – क्या। ज्ञातुमिच्छसि – जानना चाहते हो। तस्याः – उसकी। कुक्षि – कोख में। पुत्रः – बेटा। अस्ति – है। पुत्री- बेटी। वा – या। किमर्थम् – क्यों। षण्मासानन्तरं – 6 महीने बाद। सर्वं – सब। स्पष्टं – स्पष्ट। भविष्यति – हो जाएगा। समयात् – समय से। पूर्वं – पहले। किमर्थम् – क्यों। अयम् आयासः – यह प्रयास। त्वं – तुम। तु – तो। जानासि – जानती हो। एव – ही। अस्माकं – हमारे। गृहे – घर में। अम्बिका – अम्बिका। पुत्रीरूपेण – पुत्री के रूप में। अस्त्येव – है ही। अधुना – अब। एकस्य – एक। पुत्रस्य – बेटे की। आवश्यकताऽस्ति – आवश्यकता है। तर्हि – तो। कुक्षि – कोख में। चेत् हन्तव्या – तो मार दी जाए। तीव्रस्वरेण – ऊंची आवाज में। हत्यायाः – हत्या का। पापं – पाप। कर्तुं – करने के लिए। प्रवृत्तोऽसि – तैयार हो। त्वम् – तुम। किमस्ति – क्या है। निर्घृणं – घृणा के योग्य। कृत्यमिदम् – यह कार्य। सर्वथा – बिल्कुल। विस्मृतवान् – भूल गए। अस्माकं – हमारे। जनकः – पिता ने। कदापि – कभी भी। पुत्रीपुत्रयोः – बेटी और बेटे में। विभेदं – भेदभाव। न – नहीं। कृतवान् – किया। सः – वह। सर्वदैव – हमेशा। मनुस्मृतेः – मनुस्मृति नामक ग्रंथ की। पंक्तिमिमाम् – इस पंक्ति का। उद्धरति स्म – उदाहरण देते थे। आत्मा – आत्मा। वै – ही। जायते – जन्म लेती है। पुत्रः – पुत्र रूप में। पुत्रेण – पुत्र के। दुहिता – बेटी। समा – समान। त्वमपि – तुम भी। सायं प्रातः – सुबह शाम। देवीस्तुतिं – देवी की पूजा। करोषि – करते हो। किमर्थं – क्यों। सृष्टे: – संसार को। उत्पादिन्याः – उत्पन्न करने वाली। शक्त्याः – शक्ति का। तिरस्कारं – अपमान। करोषि – करते हो। तव – तुम्हारे। मनसि – मन में। इयती – इतनी। कुत्सिता – बुरी। वृत्तिः – सोच। आगता – आ गई। इदं – इधर। चिन्तयित्वैव – सोच कर ही। अहं – मैं। कुण्ठिताऽस्मि – परेशान हूं। तव – तुम्हारी। शिक्षा – पढ़ाई। वृथा – बेकार है।
Translation in Hindi –
शालिनी – भाई! तुम क्या जानना चाहते हो? उसकी कोख में बेटा है या बेटी? क्यों? 6 महीने बाद सब स्पष्ट हो जाएगा, समय से पहले क्यों यह कोशिश कर रहे हो?
राकेश – हे बहन, तुम तो जानती ही हो कि हमारे घर में अम्बिका पुत्री के रूप में है ही। अब एक बेटे की आवश्यकता है। तो…….
शालिनी – तो कोख में बेटी है तो हत्या कर दी जाए। (तेज आवाज में) हत्या का पाप करने के लिए तुम तैयार हो।
राकेश – नहीं, हत्या तो नहीं।
शालिनी – तो यह कार्य क्या घृणा के योग्य नहीं है? तुम तो बिल्कुल भूल गए कि हमारे पिता कभी भी बेटे और बेटी में भेदभाव नहीं करते थे। वह हमेशा मनुस्मृति नामक ग्रंथ की इस पंक्ति का उदाहरण देते थे ” पिता की आत्मा ही पुत्र रूप में जन्म लेती है। पुत्री की आत्मा भी पुत्र के समान होती है। ” तुम सुबह शाम देवी की प्रार्थना करते हो? क्या संसार को उत्पन्न करने वाली शक्ति का अपमान करते हो। तुम्हारे मन में इतनी बुरी सोच आ गई, यह सोचकर ही मैं परेशान हूं। तुम्हारी पढ़ाई व्यर्थ है……..
Translation in English –
Shalini – Brother! What do you want to know? Is there a son or a daughter in her womb? Why? After 6 months all will be clear, why are you trying this ahead of time?
Rakesh – Oh sister, you already know that Ambika is in our house as a daughter. Now a son is needed. So…….
Shalini – If there is a daughter in the womb, then she should be killed. (loudly) You are ready to commit the sin of murder.
Rakesh – No, not a murder.
Shalini – So is this act not deserving of hatred? You completely forgot that our father never used to discriminate between son and daughter. He always used to give an example of this line from a book called Manusmriti “The soul of a father is born as a son. The soul of a daughter is also like a son.” Do you pray to the Goddess in the morning and evening? Do you insult the power that created the world? Such a bad thought has come to your mind, I am upset just thinking about it. Your studies are in vain.
राकेश:- भगिनि! विरम विरम। अहं स्वापराधं स्वीकरोमि लज्जितश्चास्मि। अद्यप्रभृति कदापि गर्हितमिदं कार्यं स्वप्नेऽपि न चिन्तयिष्यामि। यथैव अम्बिका मम हृदयस्य सम्पूर्णस्नेहस्य अधिकारिणी अस्ति, तथैव आगन्ता शिशुः अपि स्नेहाधिकारी भविष्यति पुत्रः भवतु पुत्री वा। अहं स्वगर्हितचिन्तनं प्रति पश्चात्तापमग्नः अस्मि, अहं कथं विस्मृतवान्
” यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते रमन्ते तत्र देवताः ।
यत्रैताः न पूज्यन्ते सर्वास्तत्राफलाः क्रिया: । “
अथवा “पितुर्दशगुणा मातेति।” त्वया सन्मार्ग प्रदर्शितः भगिनि। कनिष्ठाऽपि त्वं मम गुरुरसि।
शालिनी- अलं पश्चात्तापेन तव मनसः अन्धकार : अपगतः प्रसन्नतायाः विषयोऽयम् । भ्रातृजाये! आगच्छ। सर्वां चिन्तां त्यज आगन्तुः शिशोः स्वागताय च सन्नद्धा भव। भ्रातः त्वमपि प्रतिज्ञां कुरु — कन्यायाः रक्षणे, तस्याः पाठने दत्तचित्तः स्थास्यसि “ पुत्री रक्ष, पुत्रीं पाठय” इतिसर्वकारस्य घोषणेयं तदैव सार्थिका भविष्यति यदा वयं सर्वे मिलित्वा चिन्तनमिदं यथार्थरूपं करिष्यामः
या गार्गी श्रुतचिन्तने नृपनये पाञ्चालिका विक्रमे,
लक्ष्मी: शत्रुविदारणे गगनं विज्ञानाङ्गणे कल्पना।
इन्द्रोद्योगपथे च खेलजगति ख्याताभित: साइना,
सेयं स्त्री सकलासु दिक्षु सबला सर्वैः सदोत्साह्यताम्॥
शब्दार्थ – भगिनि – बहन। विरम – रुको। अहं – मैं। स्वापराधं – अपनी गलती। स्वीकरोमि – स्वीकार करता हूं। लज्जितश्चास्मि – लज्जित भी हूं। अद्यप्रभृति – आज से। कदापि – कभी भी। गर्हितमिदं – यह निंदा के योग्य। कार्यं – कार्य। स्वप्नेऽपि – सपने में भी। न – नहीं। चिन्तयिष्यामि – सोचूंगा। यथैव – जैसे। मम – मेरे। हृदयस्य – ह्रदय के। सम्पूर्णस्नेहस्य – पूरे स्नेह की। अधिकारिणी – अधिकारिणी। अस्ति – है। तथैव – वैसे ही। आगन्ता – आने वाला। शिशुः – बच्चा। अपि – भी। स्नेहाधिकारी – स्नेह का अधिकारी। भविष्यति – होगा। पुत्रः – बेटा। भवतु – हो। पुत्री – बेटी। वा – या। अहं – मैं। स्वगर्हितचिन्तनं – निंदनीय सोच के। प्रति – प्रति। पश्चात्तापमग्नः – पछता रहा हूं। कथं – कैसे। विस्मृतवान् – बोल गया। यत्र – जहां। नार्यस्तु – नारियां। पूज्यन्ते – पूजी जाती है। रमन्ते – रहते हैं। तत्र – वहां। देवताः – देवता। यत्रैताः – जहां ये। न – नहीं। पूज्यन्ते – पूजी जाती हैं। सर्वास्तत्राफलाः – सभी भवानी सफल होते हैं। क्रिया: – कार्य। अथवा – या। पितुर्दशगुणा – पिता से दस गुना अधिक। मातेति – माता। त्वया – तुम्हारे द्वारा। सन्मार्ग – सही रास्ता। प्रदर्शितः – दिखाया गया है। कनिष्ठाऽपि – छोटी होते हुए भी। त्वं – तुम। मम – मेरी। गुरुरसि – गुरु हो। अलं – अब। पश्चात्तापेन – पछतावा बंद करो। तव – तुम्हारे। मनसः – मन का। अन्धकार: – अंधकार। अपगतः- दूर हो गया। प्रसन्नतायाः – यह प्रसन्नता का। विषयोऽयम् – विषय है। भ्रातृजाये – हे भाभी। आगच्छ – आओ। सर्वां – सारी। चिन्तां – चिंता। त्यज – त्याग कर। आगन्तुः – आने वाले। शिशोः – बच्चे के। स्वागताय – स्वागत के लिए। च – और। सन्नद्धा – तैयार। भव – हो जाओ। भ्रातः – भाई। त्वमपि – तुम भी। प्रतिज्ञां – प्रतिज्ञा। कुरु – करो। कन्यायाः – कन्या की। रक्षणे- रक्षा करने में। तस्याः – और उसे। पाठने – पढ़ाने में। दत्तचित्तः – दृढ़। स्थास्यसि – रहोगे। पुत्री – बेटी। रक्ष – बचाओ। पुत्रीं – बेटी। पाठय – पढ़ाओ। इतिसर्वकारस्य – यह सरकार की। घोषणेयं – घोषणा। तदैव – तभी। सार्थिका – सफल। भविष्यति – होगी। यदा – जब। वयं – हम। सर्वे – सभी। मिलित्वा – मिलकर। चिन्तनमिदं – इस सोच को। यथार्थरूपं – वास्तविक रूप में। करिष्यामः – करेंगे। या – जो। गार्गी – गार्गी। श्रुतचिन्तने – शास्त्र ज्ञान में। नृपनये – राजनीति में। पाञ्चालिका – द्रोपदी। विक्रमे – पराक्रम में। लक्ष्मी: – रानी लक्ष्मीबाई। शत्रुविदारणे – शत्रुओं का नाश करने में। गगनं विज्ञानाङ्गणे – अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में। कल्पना – कल्पना चावला। इन्द्रोद्योगपथे – इंदिरा नूई उद्योग में। च – और। खेलजगति – खेल जगत में। ख्याताभित: – सब और प्रसिद्ध। साइना – साइना नेहवाल। सेयं – यह। स्त्री – स्त्री। सकलासु – सभी। दिक्षु – दिशाओं में। सबला – बलशाली है। सर्वैः – सभी के द्वारा। सदोत्साह्यताम् – हमेशा इसे प्रोत्साहित करना चाहिए।
Translation in Hindi –
राकेश – हे बहन! रुको रुको। मैं अपनी गलती स्वीकार करता हूं और लज्जित भी हूं। आज से कभी भी निंदा के योग्य यह कार्य सपने में भी नहीं सोचूंगा। जैसे मेरी बेटी अम्बिका मेरे हृदय के संपूर्ण स्नेह की अधिकारिणी है, वैसे ही आने वाला बच्चा भी स्नेह का अधिकारी होगा चाहे वह बेटा हो या बेटी। मैं अपनी निंदनीय सोच के प्रति पछता रहा हूं। मैं कैसे बोल गया।
” जहां नारियां पूजी जाती है वहीं पर देवता रहते हैं।
जहां नहीं पूजी जाती वहां सब काम विफल हो जाते हैं।”
या ” माता-पिता से दस गुना अधिक होती हैं।” बहन तुम्हारे द्वारा मुझे सही रास्ता दिखाया गया है। मुझसे छोटी होते हुए भी तुम मेरी गुरु हो।
शालिनी – अब पछतावा बंद करो। तुम्हारे मन का अंधकार दूर हो गया। यह प्रसन्नता का विषय है। सारी चिंता छोड़ दो और आने वाले बच्चे के स्वागत के लिए तैयार हो जाओ। भाई तुम भी प्रतिज्ञा करो — कन्या की रक्षा करने में और उसे पढ़ाने में तुम दृढ़ रहोगे। ” बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ ” यह सरकार की घोषणा तभी सफल होगी जब हम सब मिलकर इस सोच को वास्तविक रूप में करेंगे —
जिस तरह गार्गी शास्त्र चिंतन में, द्रोपदी पराक्रम और राजनीति में, रानी लक्ष्मीबाई शत्रुओं का विनाश करने में, कल्पना चावला अंतरिक्ष विज्ञान में, इंदिरा नूई उद्योग में, साइना नेहवाल खेल जगत में सब और प्रसिद्ध हैं। यह स्त्री सब दिशा में बलशाली है। सभी के द्वारा इसे प्रोत्साहित किया जाना चाहिए।
Translation in English –
Rakesh – Oh sister! hold on hold on. I accept my mistake and am ashamed. From today onwards I will never even think of this act deserving of condemnation. Just as my daughter Ambika is entitled to all the affection of my heart, similarly the child to come will also be entitled to the affection whether it is a son or a daughter. I am sorry for my reprehensible thinking. How did I speak?
“Where women are worshipped, there the gods reside.
Where it is not worshipped, all works fail.”
or “ten times more than the parents.” Sister, you have shown me the right path. You are my guru even though you are younger.
Shalini – Stop regretting now. The darkness of your mind has vanished. It is a matter of happiness. Leave all the worries and get ready to welcome the baby. Brother, you also take a pledge – you will be firm in protecting the girl and teaching her. This government’s announcement of “Beti Bachao, Beti Padhao” will be successful only when we all together make this thinking a reality –
Just as Gargi is famous in Shastra contemplation, Draupadi in might and politics, Rani Lakshmibai in destroying enemies, Kalpana Chawla in space science, Indra Nooyi in industry, Saina Nehwal in sports world. This woman is powerful in all directions. It should be encouraged by all.
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