HBSE Class 10 नैतिक शिक्षा Chapter 1 – वर दे, वीणावादिनि वर दे – Question Answer Solution

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HBSE Class 10 Naitik Siksha Chapter 1 वर दे, वीणावादिनि वर दे / Var de, vinavadini var de Question Answer for Haryana Board of नैतिक शिक्षा Class 10th Book Solution.

वर दे, वीणावादिनि वर दे Class 10 Naitik Siksha Chapter 1 Question Answer


प्रश्न 1. अन्ध उर का अर्थ स्पष्ट करो।

उत्तर – अन्ध उर का अर्थ है – हृदय का अंधकार रूपी अज्ञान। कवि मां सरस्वती की वंदना करते हुए उनसे कहता है कि वह अपनी कृपा करके भारत के देशवासियों के हृदय में भरा हुआ अज्ञान रूपी अंधकार दूर कर दें।


प्रश्न 2. वीणावादिनि से क्या-क्या वर माँगे गए हैं?

उत्तर – वीणावादिनी से निम्नलिखित वर मांगे गए हैं –

  • भारत में अमृत रूपी मंत्र की तरह स्वतंत्रता की भावना भर दो।
  • लोगों के हृदय में भरे हुए अज्ञान को दूर कर दो।
  • प्रकाश रूपी ज्ञान का झरना बहाकर संपूर्ण संसार को प्रकाशित कर दो।
  • हमें बादल के समान गंभीर स्वरूप प्रदान करो।

प्रश्न 3. वन्दना की किस पंक्ति में संसार को रोशन करने का वर माँगा गया है?

उत्तर – “कलुष भेद-तम हर प्रकाश भर जगमग जग कर दे” पंक्ति में संसार को रोशन करने का वर मांगा गया है।


प्रश्न 4. सरस्वती वन्दना की कुछ पंक्तियाँ स्वयं रचो और साथियों के साथ गुनगुनाओ।

उत्तर – छात्र स्वयं बनाने का प्रयास करें।


प्रश्न 5. अपनी मनपसन्द सरस्वती वन्दना कॉपी में लिखो।

उत्तर – 

या कुन्देन्दुतुषारहार धवला या शुभ्रवस्त्रावृता ।
या वीणा वरदण्डमण्डितकरा या श्वेतपद्मासना ।।
या ब्रह्माच्युतशंकरप्रभृतिभिर्देवैः सदा वन्दिता।
सा मां पातु सरस्वती भगवती निःशेषजाड्यापहा ।।

शुक्लां ब्रह्मविचारसार परमाम् आद्यां जगद्व्यापिनीम् ।
वीणापुस्तकधारिणीम् अभयदां जाड्यान्धकारापहाम् ।।
हस्ते स्फाटिकमालिकां विदधतीं पद्मासने संस्थिताम् ।
वन्दे तां परमेश्वरीं भगवतीं बुद्धिप्रदां शारदाम् ।।


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