HBSE Class 10 नैतिक शिक्षा Chapter 10 भारतरत्न मदनमोहन मालवीय Question Answer Solution

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HBSE Class 10 Naitik Siksha Chapter 10 भारतरत्न मदनमोहन मालवीय / Bharatratan madanmohan malviya Question Answer for Haryana Board of नैतिक शिक्षा Class 10th Book Solution.

भारतरत्न मदनमोहन मालवीय Class 10 Naitik Siksha Chapter 10 Question Answer


प्रश्न 1. भारतीय संस्कृति व शिक्षा के प्रचार-प्रसार में मदनमोहन मालवीय के योगदान पर अपने विचार प्रकट करो।

उत्तर – दान में मिली राशि की एक पाई भी उन्होंने अपने ऊपर खर्च नहीं की और एक अद्भुत संस्था खड़ी कर दी – बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय। भारतीय संस्कृति की रक्षा व शिक्षा के प्रसार के क्षेत्र में यह उनका महानतम कार्य था।


प्रश्न 2. स्त्री शिक्षा के विषय में मदनमोहन मालवीय के क्या विचार थे?

उत्तर – स्त्री शिक्षा के विषय में मदनमोहन मालवीय के विचार स्पष्ट थे। उनके अनुसार, ‘स्त्री शिक्षा बहुत महत्त्वपूर्ण है क्योंकि स्त्रियाँ भावी सन्तान की माताएँ हैं। उनकी शिक्षा ऐसी हो, जो उनके व्यक्तित्व में प्राचीन तथा नवीन सभ्यता के गुणों का समन्वय कर सके।’


प्रश्न 3. राजनीतिक क्षेत्र में मालवीयजी द्वारा दिए गए योगदान का वर्णन करो।

उत्तर – राजनीतिक क्षेत्र में मदनमोहन मालवीय को काफी यश मिला। असहयोग आन्दोलन में वे जेल भी गए। दूसरी गोलमेज सभा में वे भारत के प्रतिनिधि के रूप में इंग्लैंड गए। दो बार हिन्दू महासभा के प्रधान चुने गए। उन्होंने हिन्दी की प्रमुख संस्था हिन्दी साहित्य सम्मेलन की स्थापना की और कई बार इसके अध्यक्ष भी रहे।


प्रश्न 4. किसी कार्य को करने के लिए सर्वोच्च शक्ति संकल्प है और अन्य शक्तियाँ गौण हैं- पण्डित मदनमोहन के सन्दर्भ में यह बात आपको कहाँ तक ठीक लगती है? लिखो।

उत्तर – वे भारतीय संस्कृति से गहराई से जुड़े थे। उनकी सोच व कार्यशैली सबके लिए अनुकरणीय थी वे अंग्रेजियत की बाढ़ को रोकते थे परन्तु विरोध करके नहीं बल्कि अपनी कार्यशैली व सोच से। उनकी सोच हिमालय से भी ऊँची और समुद्र से भी गहरी थी।


प्रश्न 5. मदन मोहन मालवीय त्याग व सादगी की मूर्ति थे। पाठ के आधार पर अपने विचार लिखो

उत्तर – दान में मिली राशि की एक पाई भी उन्होंने अपने ऊपर खर्च नहीं की और एक अद्भुत संस्था खड़ी कर दी। ये अपने मुकदमे दूसरे वकीलों को दे दिया करते ताकि उनको आगे बढ़ने के मौके मिलें। मालवीय का मन बहुत बड़ा था।


प्रश्न 6. कुछ लोग मर कर भी अमर हो जाते हैं-क्या आप इस कथन से सहमत हैं? यदि हाँ तो उदाहरण सहित पुष्टि करो।

उत्तर – हां, कुछ लोग मरकर भी अमर हो जाते हैं। बहुत सारे स्वतंत्रता सेनानियों ने देश की आजादी के लिए योगदान दिया जिनको हम आज भी याद करते हैं। जैसे भगत सिंह ने अपने साथियों सहित देश की आजादी के लिए बलिदान दिया था।


प्रश्न 7. इस पाठ को आधार मानकर लिखो चरित्रवान लोग देश की शोभा होते हैं।

उत्तर – देश निर्माण में बहुत सारे लोग अपना योगदान देते हैं लेकिन कुछ लोगों का योगदान उनके प्राणों से बढ़कर होता है। जिनको हम लंबे समय तक याद रखते हैं। इसीलिए चरित्रवान लोग देश की शोभा होते हैं।


प्रश्न 8. मदनमोहन मालवीय की जीवनी पढ़ो और उनके जीवन से सम्बन्धित दो या तीन प्रेरक प्रसंग अपनी कॉपी में लिखो।

उत्तर

  • मदनमोहन ने ‘अभ्युदय’ पत्र में लिखा था, ‘भारत केवल हिन्दुओं का देश नहीं है। यह हिन्दुओं और मुसलमानों दोनों का प्यारा जन्मस्थान है। हमें हिन्दू-मुसलमान होने की बजाय सच्चा भारतीय होना अनिवार्य है।”
  • पण्डित मदनमोहन अपनी संस्कृति को भूलकर अलग राह पर चलने की बात सोचते भी नहीं थे।

प्रश्न 9. मदनमोहन मालवीय के जीवन से आपको क्या प्रेरणा मिलती है, अपने सहपाठियों से चर्चा करो।

उत्तर – मदनमोहन मालवीय के जीवन से हमें बहुत सारे प्रेरणा मिलती है जैसे – देश के लिए अपना सब कुछ न्योछवर कर देना, लोगों को शिक्षित कराना, समाज में लोगों को समानता का दर्जा दिलवाना इत्यादि।


प्रश्न 10. मदनमोहन मालवीय एक : भूमिकाएँ अनेक विषय पर एक सचित्र परियोजना तैयार करो।

उत्तर – मदन मोहन मालवीय ने अपने जीवन काल में बहुत सारे कार्य किए हैं। उन्होंने दान में मिली हुई धनराशि से बनारस हिंदू विश्वविद्यालय खोला। उन्होंने अंग्रेजी की बजाए अपनी भाषा के महत्व पर कार्य किया। उन्होंने देश की आजादी में अपना योगदान दिया। उन्होंने भारतीय संस्कृति को जागृत करने का काम किया। इन सभी बातों से पता चलता है कि वह अकेले कार्य करते हुए भी बहुत सारी भूमिकाएं निभा रहे थे।


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