HBSE Class 10 नैतिक शिक्षा Chapter 15 महात्मा बुद्ध व बोध कथाएँ Question Answer Solution

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HBSE Class 10 Naitik Siksha Chapter 15 महात्मा बुद्ध व बोध कथाएँ / Mahatma Budh and Bodh kathaye Question Answer for Haryana Board of नैतिक शिक्षा Class 10th Book Solution.

महात्मा बुद्ध व बोध कथाएँ Class 10 Naitik Siksha Chapter 15 Question Answer


प्रश्न 1. किन दृश्यों से प्रभावित होकर गौतम बुद्ध का जीवन वैराग्य मार्ग की ओर मुड़ गया?

उत्तर – चार दृश्यों (वृद्ध, रोगी, मृतव्यक्ति एवं संन्यासी) ने उनके जीवन को वैराग्य के मार्ग की ओर मोड़ दिया।


प्रश्न 2. गौतम बुद्ध व जिज्ञासु लड़के की बोध कथा से क्या शिक्षा मिलती है?

उत्तर – आत्मनियन्त्रण जब संघ जाता है, तो समभाव आता है। यही समभाव अनुकूल-प्रतिकूल स्थितियों में हमें प्रसन्न रखता है।


प्रश्न 3. महात्मा बुद्ध ने क्रोध के विषय में क्या कहा है?

उत्तर – महात्मा बुद्ध ने क्रोध को अकुशल धम्म, पाप धम्म कहा है क्योंकि क्रोध के कारण व्यक्तिगत और सामाजिक जीवन की शान्ति भंग होती है।


प्रश्न 4. क्रोध हमारा शत्रु कैसे है?

उत्तर – क्रोध करने वाले पर जो क्रोध करता है, उसका अधिक अहित होता है लेकिन जो क्रोध का जवाब क्रोध से नहीं देता, वह एक बड़ा युद्ध जीत लेता है। इस प्रकार क्रोध ही हमारा सबसे बड़ा शत्रु है।


प्रश्न 5. अनुकूल-प्रतिकूल स्थिति में प्रसन्न रहने का क्या भाव है?

उत्तर – अगर हमारे जीवन में स्थितियां हमारे हिसाब से है या हमारे विपरीत हैं तब भी हमें खुश रहना चाहिए।


प्रश्न 6. महात्मा बुद्ध के अनुसार सच्चा ज्ञानी कौन है?

उत्तर – वह जो स्वयं पर शासन करता है, वही सच्चा ज्ञानी है।


प्रश्न 7. महात्मा बुद्ध ने अपना सर्वप्रथम उपदेश कहाँ दिया व उनके सभी उपदेश किस ग्रन्थ में संकलित हैं?

उत्तर – महात्मा बुद्ध ने अपना सर्वप्रथम उपदेश सारनाथ में दिया। बौद्ध मत के उपदेशों का संकलन ‘त्रिपिटक’ के अन्तर्गत किया गया।


प्रश्न 8. कहीं पहुँचना है तो चलना होगा, का भाव स्पष्ट करो।

उत्तर – ‘कहीं पहुंचना है तो चलना होगा’ का भाव यह है कि हमें हमारे जीवन में जो भी लक्ष्य हासिल करना है। उसके लिए हमें मेहनत करनी पड़ेगी और उस पर प्रयास करना पड़ेगा तभी हम उसे प्राप्त कर सकते हैं। आराम करते हुए हम हमारे लक्ष्य को प्राप्त नहीं कर सकते हैं।


प्रश्न 9. ज्ञान की बात पर अमल न किया जाए तो ज्ञान व्यर्थ है, दैनिक जीवन से उदाहरण देकर स्पष्ट करो।

उत्तर – ज्ञान की बातों पर अगर हम अमल नहीं करते हैं तो वह ज्ञान देना व्यर्थ होता है। दैनिक जीवन का ही एक उदाहरण यहां दिया गया है। जिस प्रकार ट्राफिक पुलिस हमें बताती है कि बाइक चलाते समय हेलमेट पहनना चाहिए। अब उस ज्ञान पर अगर हम अमल नहीं करते हैं तो हमारी जान भी जा सकती है। इस प्रकार उनके द्वारा दिया गया यह ज्ञान बिना अमल के व्यर्थ हो जाता है।


प्रश्न 10. परेशानी की अवस्था में ज्ञानी लोगों से राय ले लेनी चाहिए। आप इस कथन से कहाँ तक सहमत है? विस्तार से लिखो।

उत्तर – हां, मैं इस कथन से पूर्णता सहमत हूं कि हमें परेशानी की अवस्था में ज्ञानी लोगों से राय ले लेनी चाहिए। ज्ञानी लोग हमारे जीवन की तकलीफों से आगे आ चुके हैं और उन्हें पता है कि उन परेशानियों को कैसे हल करना है। इसलिए उनकी सलाह मायने रखती है और हमें उनकी राय भी जान ही लेनी चाहिए।


प्रश्न 11. महात्मा बुद्ध की सूक्तियों का संकलन कर चार्ट पर लिखो।

उत्तर – छात्र स्वयं करें।


प्रश्न 12. बौद्ध धर्म की कथाओं को जानकर कक्षा में सुनाओ व उन पर चर्चा करो।

उत्तर – छात्र स्वयं करें।


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