HBSE Class 10 नैतिक शिक्षा Chapter 16 संकट में बुद्धिमानी Question Answer Solution

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HBSE Class 10 Naitik Siksha Chapter 16 संकट में बुद्धिमानी / Sankat me Budhimani Question Answer for Haryana Board of नैतिक शिक्षा Class 10th Book Solution.

संकट में बुद्धिमानी Class 10 Naitik Siksha Chapter 16 Question Answer


प्रश्न 1. पलित नाम का चूहा सौ दरवाज़े वाले बिल में क्यों रहता था?.

उत्तर – पलित नाम का चूहा अपने दुश्मन बिलाव के पास रहता था। बिलाव हमेशा उसे खाना चाहता था। इसीलिए वह बुद्धिमान चूहा सौ दरवाजों के बिल में रहता था ताकि बिलाव उसके घर का सही रास्ता ना ढूंढ ले।


प्रश्न 2. लोमश बिलाव के जाल में फँसने पर पलित निर्भय क्यों हो गया?

उत्तर – क्योंकि उसका सबसे बड़ा दुश्मन लोमश चाण्डाल के जाल में फंस चुका था। इसीलिए वह अब निर्भय हो गया।


प्रश्न 3. किन स्थितियों में चूहा बिलाव की शरण में चला गया?

उत्तर – नेवला और उल्लू की नजर चूहे पर पड चुकी थी और वह उसे खाने के लिए घात लगाकर बैठे हुए थे। उसका दुश्मन बिलाव जाल में फंसा हुआ था। अपनी जान बचाने के लिए चूहा बिलाव की शरण में चला गया।


प्रश्न 4. चूहे और बिलाव के बीच क्या समझौता हुआ?

उत्तर – चूहे और बिलाव के बीच समझौता हुआ कि बिलाव चूहे को उसके दुश्मनों से छिपाने में मदद करेगा और इसके बदले में चूहा उसे चाण्डाल के जाल से मुक्त कराएगा।


प्रश्न 5. चूहे ने बिलाव के बन्धन काटने में जान-बूझकर देरी क्यों की?

उत्तर – क्योंकि चूहा जानता था कि बिलाव आजाद होते ही उसे खा जाएगा। इसीलिए चूहे ने बिलाव के बंधन काटने में जानबूझकर देरी की।


प्रश्न 6. अपने से बलवान के साथ सन्धि करने के बाद भी उससे सावधान रहना चाहिए। क्यों?

उत्तर – अपने से बलवान के साथ सन्धि करने के बाद भी उससे सावधान रहना चाहिए क्योंकि जो जीव बलवान के साथ संधि करके अपनी रक्षा का ध्यान नहीं रखता उसका वह मेल उसे बर्बाद कर सकता है।


प्रश्न 7. क्या चूहे ने बिलाव की चिकनी-चुपड़ी बातों पर विश्वास न करके समझदारी का परिचय दिया? हाँ या नहीं के पक्ष में विचार करो।

उत्तर – हां, चूहे ने बिल्कुल समझदारी का परिचय दिया। हो सकता था कि बिलाव उसे अपनी बातों में फंसा कर उसे खा जाता।


प्रश्न 8. बिलाव से पीछा छुड़ाने के लिए चूहे ने अन्त में क्या कहा ?

उत्तर – चूहे ने बिलाव को चांडाल के जाल से बिल्कुल अंतिम क्षणों में छुड़वाया जिससे बिलाव के पास उसे खाने का समय नहीं था।  इसीलिए बिलाव और चूहा अपने-अपने रास्ते चले गए।


प्रश्न 9. अपने स्वाभाविक शत्रु से संकट में किया गया समझौता मित्रता का आधार बन सकता है या नहीं? अपने अनुभव के आधार पर बताओ।

उत्तर – शायद नहीं, क्योंकि वह शत्रु आपको हानि पहुंचा सकता है।


प्रश्न 10. मित्रता या शत्रुता स्थायी नहीं होती। इस विचार से आप कहाँ तक सहमत हैं? सोदाहरण बताओ।

उत्तर – हम इस बात से सहमत हूं कि मित्रता या शत्रुता स्थाई नहीं होती। हर कोई अपनी जरूरत के हिसाब से शत्रु या मित्र बनाता है। जब उसका स्वार्थ पूरा हो जाता है तब वह उससे मित्रता नहीं रखता या अगर उसका स्वार्थ उसी से पूरा होना है तो वह उससे शत्रुता नहीं रखता है।


प्रश्न 11. अपनी देखी या सुनी हुई किसी ऐसी घटना या प्रसंग का उल्लेख करो, जब किसी व्यक्ति को अतिविश्वास के कारण हानि उठानी पड़ी हो।

उत्तर – छात्र स्वयं एक कहानी लिखें।


प्रश्न 12. असमय में काम करने से कर्ता को हानि ही होती है विषय पर चर्चा करो।

उत्तर – असमय किए गए कार्यों का कभी भी लाभ प्राप्त नहीं होता है। उनसे कार्य करने वाले को हानि ही होती है। सही समय पर सही निर्णय लेने से ही हमें लाभ मिलता है जबकि वही कार्य अगर हम बिना जरूरत के कर देते हैं तो उसे हानि ही होती है। यह जरूरी भी नहीं है कि हम असमय किए गए कार्य के कारण हानि ही उठाते हो यह निर्भर करता है कि हम कौन सा कार्य कर रहे हैं।


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