Class 10 Hindi Naitik Siksha BSEH Solution for Chapter 9 ईसा मसीह की शिक्षाएँ Important Question Answer for Haryana board. CCL Chapter Provide Class 1th to 12th all Subjects Solution With Notes, Question Answer, Summary and Important Questions. Class 10 Hindi mcq, summary, Important Question Answer, Textual Question Answer, Word meaning, Vyakhya are available of नैतिक शिक्षा Book for HBSE.
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HBSE Class 10 Naitik Siksha Chapter 9 ईसा मसीह की शिक्षाएँ / Isa Masih ki sikshayen Important Question Answer for Haryana Board of नैतिक शिक्षा Class 10th Book Solution.
ईसा मसीह की शिक्षाएँ Class 10 Naitik Siksha Chapter 9 Important Question Answer
प्रश्न 1. ईसा मसीह द्वारा दी गई शिक्षाओं का वर्णन कीजिए।
उत्तर – ईसा मसीह ने शान्ति, प्रेम और पवित्रता से रहने का सन्देश दिया है
- वह धन्य है, जिसका हृदय पवित्र है और उन्हीं का प्रभु से साक्षात्कार होगा।
- शान्ति चाहने वाले बनो क्योंकि वे परमात्मा के बालक हैं।
- तुम मेरी बातें सुनो और समझो। ऐसा कुछ नहीं है, जो बाहर से मनुष्य में प्रवेश करके उसे अशुद्ध करता है। व्यभिचार, चोरी, हत्या, परस्त्रीगमन, लोभ, विद्वेष, छल-कपट, लम्पटता, ईर्ष्या, झूठी निन्दा, अहंकार और धर्महीनता-ये सब बुराइयाँ मनुष्य के भीतर से निकलती हैं और उसको अशुद्ध कर देती हैं। अतः मन को शुद्ध रखना चाहिए ताकि बुरे विचार मन में प्रवेश ही न कर सके।
प्रश्न 2. ईसा मसीह ने अच्छा जीवन जीने के लिए क्या सन्देश दिया?
उत्तर – अहिंसा धर्म का पालन करो अर्थात् किसी प्राणी की हत्या न करो। सदाचारी बनो, चोरी न करो, झूठी गवाही न दो, अपने माता-पिता का आदर करो, औरों को अपने समान प्यार करो तथा दूसरों के जीवन को सँवारने के लिए अपना जीवन होम कर दो।
प्रश्न 3. विवाह के विषय में ईसा के क्या विचार थे?
उत्तर – ईसा ने विवाह को एक पवित्र बन्धन माना है। उन्होंने कहा कि जो अपनी पत्नी का परित्याग करता है, वह गलत है। यदि मनुष्य का मन शुद्ध होगा तो किसी प्रकार के नकारात्मक भाव नहीं आएँगे।
प्रश्न 4. ईसा के अनुसार अपने शत्रु के प्रति हमारी भावनाएँ कैसी होनी चाहिए?
उत्तर – ईसा के अनुसार शत्रुओं से भी प्रेम करो और पूर्ण बनो। यदि कोई अपराध करता है तो उसको डाँटो और यदि वह पश्चात्ताप करता है तो उसे क्षमा करो। यदि वह दिन में सात बार अपराध करता है और सातों बार पश्चात्तापपूर्वक क्षमा याचना करता है तो उसको क्षमा कर दो। यदि वह फिर भी पाप करता है तो उसे दण्डाधिकारियों को सौंप दो।
प्रश्न 5. ईसा ने मानव को जगत की ज्योति क्यों बताया है?
उत्तर – ईसा ने मानव को जगत की ज्योति बताया है। उसका दृष्टिकोण व्यापक होना चाहिए। जिस प्रकार दीपक को जलाकर उसको दीवार पर रखा जाता है ताकि वह सबको प्रकाशित कर सके। यदि उसको पलंग के नीचे रखा जाए तो उसका प्रकाश सीमित हो जाएगा और वह अधिक कुछ प्रकट करवाने में सहायक नहीं होगा। अतः दीपक को दीवार पर रखो ताकि वह सभी को प्रकाशित कर सके। हम अपने आस-पास के परिवेश को प्रकाशित कर सकें। यदि किसी के घर में अँधेरा है (समस्याएँ हैं तो हमारा कर्तव्य है, वहाँ तक उजाला (समाधान) ले जाएँ।