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HBSE Class 10 Naitik Siksha Important Question Answer 2025
HBSE Class 10 Hindi Chapter 1 – आधार पक्का-जीवन अच्छा Important Question Answer 2025
प्रश्न 1. गीता का श्लोक ‘सर्वेषु कालेषु मामनुस्मर युध्य च’ किस प्रकार प्रेरणा देता है?
उत्तर- “सर्वेषु कालेषु मामनुस्मर युध्य च” यह कथन भगवद्गीता की एक अद्भुत प्रेरणा है जो कहीं भी, कभी भी, किसी के भी जीवन का मजबूत आधार बन सकती है। भगवान श्रीकृष्ण अर्जुन से कहते हैं तू हर समय मेरा स्मरण करते हुए युद्ध कर। भगवान् ने यह बात महाभारत के युद्ध के समय कही थी। लेकिन मन में यह प्रश्न उठना स्वाभाविक है कि अब कौन-सा युद्ध, कैसा युद्ध? यहाँ युद्ध से अभिप्राय वस्तुतः जीवन में आने वाली किसी भी चुनौती या संघर्ष से है, क्योंकि जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में कुछ-न-कुछ संघर्ष साथ रहता ही है। कभी अनुकूलता तो कभी प्रतिकूलता, कभी सकारात्मकता तो कभी नकारात्मकता, कभी शुभ, कभी अशुभ। ये सभी महाभारत के ही एक रूप हैं।
प्रश्न 2. उत्साहपूर्वक जीवन जीने से क्या लाभ मिलता है?
उत्तर- उत्साहपूर्वक जीवन जीने से हमें यह लाभ मिलता है कि हम जीवन के हर क्षेत्र में उन्नति कर सकते हैं; चाहे पढ़ाई में अधिक अंक लाने की बात हो, किसी परीक्षा की तैयारी की बात हो अथवा अपने लक्ष्य को प्राप्त करने की बात हो या अन्य कोई भी कार्य हो। यदि हम उसे उत्साह से करेंगे तो हमें उसमें अवश्य ही सफलता मिलेगी। प्रत्येक कार्य में सफलता के लिए उत्साह का होना अति आवश्यक है। अतः हमें प्रत्येक कार्य उत्साहपूर्वक करना चाहिए।
HBSE Class 10 Hindi Chapter 2 – अच्छे गुणों से ही बनेगा जीवन अच्छा Important Question Answer 2025
प्रश्न 1. अर्जुन ने प्रार्थना के स्वरों में भगवान् के समक्ष क्या स्वीकार किया?
उत्तर- अर्जुन ने प्रार्थना के स्वरों में भगवान् के समक्ष यह बात कही कि हे भगवन् ! इस युद्ध में मैं स्वजनों को मारकर कल्याण नहीं देखता। हे कृष्ण! मैं न तो विजय चाहता हूँ और न ही सुखों की इच्छा है। गोविंद हमें ऐसे राज्य से क्या प्रयोजन होता है जो अपनों को मारकर मिले। हे भगवन! ऐसे जीवन का भी क्या लाभ जिसमें अपनों को मारने का पाप लगे। ऐसा कहकर शोक से आवेग को न सहन करते हुए अर्जुन बाण धनुष को त्यागकर रथ के पिछले भाग में बैठ गए।
प्रश्न 2. ईश्वर का प्रेम कैसे प्राप्त कर सकते हैं?
उत्तर- हम अपने धर्म-मार्ग का अनुसरण करते हुए ईश्वर को प्रसन्न कर सकते हैं। गीता के अनुसार, धर्म का अर्थ है- नीति, न्याय, सद्गुण, परहित की भावना और मानवता की सेवा। जीवन में इन सद्गुणों को अपनाते हुए हमारे जो भी आराध्य हैं उनका सच्चे मन से ध्यान करें। उनकी पूजा, स्तुति, आराधना करें तो ईश्वर प्रसन्न हो सकते हैं।
HBSE Class 10 Hindi Chapter 3 – सफलता के सूत्र Important Question Answer 2025
प्रश्न 1. गीता के अनुसार कर्म की सफलता के लिए कौन से तथ्य सहयोग करते हैं?
उत्तर- गीता के अनुसार कर्म की सफलता के लिए अधिष्ठान, कर्ता, करण (साधन), चेष्टा और दैव (भाग्य), ये पाँच तथ्य सहयोग करते हैं।
प्रश्न 2. मनुष्य की श्रेष्ठता कैसे आंकी जा सकती है?
उत्तर- मनुष्य की श्रेष्ठता उसकी सफलता से आंकी जा सकती है। वह अपने जीवन में कितना सफल है, इसी से उसकी श्रेष्ठता का निर्धारण हो सकता है। उसके जीवन की सफलता ही उसे श्रेष्ठता की श्रेणी में ला सकती है। मनुष्य धर्म अर्थात् नीति, न्याय, सद्गुण, परहित की भावनाएँ तथा मानवता के साथ अपने लक्ष्य को प्राप्त करे। वह अपने कार्य में सफल हो, यही उसकी श्रेष्ठता है।
HBSE Class 10 Hindi Chapter 4 – कर्म ही जीवन का आधार Important Question Answer 2025
प्रश्न 1. मंदिर जाना, माला फेरना आदि कब पूजा बनते हैं तथा गीता की उदारता क्या है?
उत्तर- गीता कर्म के सिद्धांत पर आधारित ग्रंथ है। कोई भी कर्म यदि हम सच्चे मन से करते हैं तो वह कर्म पूजा का रूप धारण कर लेगा, क्योंकि हमारी चेतना में परमात्मा का वास है। मंदिर जाना, माला फेरना या पूजा-पाठ करना तभी पूजा बनते हैं जब हम इसे सच्चे मन से करते हैं। हमारे द्वारा बाहरी दिखावे के रूप में किया गया जप-तप, पूजा-पाठ आदि पूजा का रूप धारण नहीं कर सकते। गीता की उदारता यही है कि वह हमें प्रत्येक कार्य में ईश्वर की सत्ता व उसकी सर्वशक्तिमत्ता का अनुभव कराती है। इसलिए हम अपने प्रत्येक कार्य में ईश्वरीय भाव को लेकर कर्म पथ पर अग्रसर होते रहें।
HBSE Class 10 Hindi Chapter 5 – समस्या को बदला अवसर में Important Question Answer 2025
प्रश्न 1. आकाश गुप्ता को स्टील कंपनी में किस बात की समस्या थी?
उत्तर – आकाश गुप्ता के पिता श्री प्रेम प्रकाश गुप्ता जी ने एक स्टील कंपनी स्थापित की। उनके बाद उस कंपनी का संचालन आकाश गुप्ता जी कर रहे थे। उस कंपनी को चलाने के लिए 5 लाख रुपए प्रतिमाह बिजली बिल का खर्च आ रहा था। इसी बिजली बिल की समस्या आकाश गुप्ता को परेशान कर रही थी।
प्रश्न 2. आकाश गुप्ता ने कौन से विचार को साकार किया व अपने उद्योग को किस नाम से व्यवसाय के रूप में विकसित किया?
उत्तर- आकाश गुप्ता ने सर्वप्रथम बायोगैस प्लांट लगाने के अपने विचार को साकार किया। वे बायोगैस प्लांट में कचरे से जैविक खाद बनाने लगे। इसके साथ ही उन्होंने स्वयं डिजाइन करके ‘हरित फर्टिलाइजर्स’ नाम से एक उद्योग आरंभ किया जिसके माध्यम से उन्हें अपनी स्टील कंपनी के लिए पर्याप्त बिजली मिलने लगी। इसके साथ ही 4.5 किलोमीटर पाइपलाइन बिछाकर वे अन्य कंपनियों को भी बायोगैस बेचने लगे। इससे उन्होंने अपने धन की समस्या का समाधान किया। इससे उनकी कमाई बढ़ गई।
प्रश्न 3. गाँव के पशुओं के गोबर एवं अन्य कचरे का उपयोग आकाश गुप्ता ने किस तरह से किया?
उत्तर- गाँव के पशुओं के गोबर, कचरे, पराली आदि का उपयोग हरित फर्टिलाइजर्स में जैविक खाद के रूप में होने लगा। किसानों द्वारा उस कंपनी में गोबर तथा कचरे आदि के बेचने से उनकी आमदनी बढ़ गई। इसके साथ ही जैविक खेती को बढ़ावा मिला। इस कंपनी के द्वारा उत्पादित उच्च गुणवत्ता की जैविक खाद के प्रयोग के कारण खेती में 10 प्रतिशत तक की पानी की खपत कम हुई। इससे किसानों के अन्य खर्चों में भी भारी कमी आ गई। इस प्रकार आसपास के गाँव के किसानों की कुल आय में लगभग 50 प्रतिशत तक की वृद्धि हुई। जिले की गौशालाओं ने गोबर को बेचकर लगभग ₹ 8 से 9 लाख की प्रतिवर्ष आमदनी बढ़ाकर अपने आप को स्वावलंबी बना लिया।
HBSE Class 10 Hindi Chapter 6 – प्रेरक प्रसंग Important Question Answer 2025
प्रश्न 1. एकलव्य की कौन-सी विशेषताएँ आपको अच्छी लगीं और क्यों?
उत्तर – मुझे एकलव्य की लगातार प्रयास करने की विशेषता सबसे अच्छी लगी क्योंकि उसके लगातार अभ्यास की वजह से ही वह बेहतरीन धनुर्धारी बन पाया।
प्रश्न 2. आदर्श शिष्य में किन गुणों का समावेश अनिवार्य है और क्यों?
उत्तर – गुरु के प्रति आदर भाव, अनुशासन, धैर्य, लक्ष्य निर्धारित करना आदि गुण आदर्श शिष्य के अंदर होने चाहिए।
HBSE Class 10 Hindi Chapter 7 – ज्ञान सभी को चाहिए Important Question Answer 2025
प्रश्न 1. शारीरिक कमियों के विषय में अष्टावक्र के क्या विचार थे?
उत्तर – शारीरिक कमियों ने उसको कभी चिन्तित नहीं किया। वह जान चुका था कि शरीर आत्मा के वस्त्र की तरह है। जिस प्रकार फटे-पुराने वस्त्र, मनुष्य को आगे बढ़ने से नहीं रोक सकते, उसी प्रकार शारीरिक कमियों भी बाधक नहीं बन सकती।
प्रश्न 2. अष्टावक्र निर्भीक होने का क्या कारण था? Most Important
उत्तर – निरन्तर ज्ञान-साधना में जुटा रहने वाला अष्टावक्र निर्भीक हो गया। वह जान चुका था कि शरीर आत्मा के वस्त्र की तरह है। जिस प्रकार फटे-पुराने वस्त्र, मनुष्य को आगे बढ़ने से नहीं रोक सकते, उसी प्रकार शारीरिक कमियों भी बाधक नहीं बन सकती।
प्रश्न 3. आपके विचार से राजा जनक के सभासद लज्जित और मौन क्यों थे? Most Important
उत्तर – सभी सभासद जानते थे कि शरीर नश्वर है। ज्ञान की चर्चा में शरीर के रूप-रंग का कोई काम नहीं है। रूप-रंग या बनावट तो शरीर के धर्म हैं। आत्मज्ञान से उनका क्या लेना-देना? इतना सब जानते हुए भी सभा के लोग अष्टावक्र की विकलांगता पर हंस रहे थे। इसीलिए सब के सब लज्जित थे और राजा जनक मौन थे।
प्रश्न 4. राजा जनक के मन में ‘चर्मकारों की सभा वाली उक्ति क्यों खटक रही थी? Most Important
उत्तर – जिस प्रकार चर्मकार लोगों का उपहास उड़ाते हैं क्योंकि उन्हें कोई ज्ञान नहीं होता है। उसी प्रकार जब अष्टवक्र का सभा में मजाक बनाया जा रहा था तब उसने उस सभा को चर्मकारों की सभा कहा था। इसके उत्तर में सभी सभापति और राजा जनक भी मौन थे। इसीलिए राजा जनक के मन में चर्मकारों की सभा वाली बात खटक रही थी।
HBSE Class 10 Hindi Chapter 8 – गरिमामयी भारतीय नारी Important Question Answer 2025
प्रश्न 1. भगिनी निवेदिता का मूल नाम क्या था? वे किसकी शिष्या थीं?
उत्तर – भगिनी निवेदिता का मूल नाम मारग्रेट नोबल था। वे स्वामी विवेकानन्द की शिष्या थीं।
प्रश्न 2. कलकत्ता में प्लेग की महामारी फैलने पर निवेदिता ने सेवा कार्यों में क्या योगदान दिया?
उत्तर – कलकत्ता में प्लेग की महामारी फैलने पर भगिनी निवेदिता ने स्वच्छता सम्बन्धी सारा काम अपने हाथ में ले लिया। उनकी प्रेरणा से अनेक युवक-युवतियाँ प्लेग पीड़ितों की सहायता के लिए घरों से बाहर आ गए। इसका एक सुपरिणाम यह निकला कि सेवा की दिव्य अनुभूति से छुआछूत की सतही भावना भी दूर हो गई।
प्रश्न 3. सरोजिनी नायडू ने राजनीतिक क्षेत्र में क्या भूमिका निभाई?
उत्तर – 18 दिसम्बर, 1917 को सरोजिनी नायडू के नेतृत्व में देश की अठारह प्रमुख महिलाएँ महिला मताधिकार की माँग को लेकर तत्कालीन वायसराय लॉर्ड चेम्सफॉर्ड से मिलीं। सन 1922 में महिला मताधिकार की बात मान ली गई। 1919 में उन्होंने बम्बई में असहयोग आन्दोलन में भाग लिया। वे कांग्रेस की पहली महिला अध्यक्ष बनी थीं तथा स्वतन्त्रता के बाद देश की पहली राज्यपाल बनी। उन्होंने राष्ट्रीय आन्दोलन के लगभग सभी नेताओं के साथ काम किया। 1917 से 1947 के बीच भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के माध्यम से स्वतन्त्रता की लगभग सभी महत्त्वपूर्ण घटनाओं में उनकी सक्रिय भागीदारी रही।
HBSE Class 10 Hindi Chapter 9 – संकट में बुद्धिमानी Important Question Answer 2025
प्रश्न 1. लोमश बिलाव के जाल में फँसने पर पलित निर्भय क्यों हो गया?
उत्तर – क्योंकि उसका सबसे बड़ा दुश्मन लोमश चाण्डाल के जाल में फंस चुका था। इसीलिए वह अब निर्भय हो गया।
प्रश्न 2. चूहे और बिलाव के बीच क्या समझौता हुआ?
उत्तर – चूहे और बिलाव के बीच समझौता हुआ कि बिलाव चूहे को उसके दुश्मनों से छिपाने में मदद करेगा और इसके बदले में चूहा उसे चाण्डाल के जाल से मुक्त कराएगा।
प्रश्न 3. चूहे ने बिलाव के बन्धन काटने में जान-बूझकर देरी क्यों की?
उत्तर – क्योंकि चूहा जानता था कि बिलाव आजाद होते ही उसे खा जाएगा। इसीलिए चूहे ने बिलाव के बंधन काटने में जानबूझकर देरी की।